राहुल गांधी को बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरे से क्यों रोका गया? पंजाब में सुरक्षा को लेकर विवाद
Punjab News 16Sep2025/sbkinews.in
पंजाब के गुरदासपुर जिले में बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को स्थानीय पुलिस ने रावी नदी पार कर सीमावर्ती गांव तूर जाने से रोक दिया। यह विवाद सुरक्षा को लेकर हुआ, लेकिन विपक्ष ने इससे राजनीतिक रुकावट का आरोप लगाया है।
पंजाब के विपक्ष नेता प्रताप सिंह बाजवा ने डीजीपी गौरव यादव से बात कर राहुल गांधी के रोकने को अनुचित बताया। सुखजिंदर रंधावा ने भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि राहुल गांधी को पाकिस्तान से खतरा बताकर रोकना अस्वीकार्य है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता वहां राहत कार्य कर रहे हैं लेकिन राहुल गांधी को पहुंचने नहीं दिया गया।
रावी नदी के पार तूर और आसपास के गांवों तक पहुंचने के लिए गुड्स-पॉइंट न होने के कारण ये इलाके नाव के जरिए जुड़े हैं। राहुल गांधी पहले बाढ़ प्रभावित गांवों घोनेवाल, माछीवाल और गुरचक में पीड़ितों से मिले और उनकी समस्याएं सुनीं।
पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सीमावर्ती गांवों में जाने से रोकने का न्यायसंगत कारण बताया, वहीं राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि अगर वे भारत में हैं तो उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी जा रही।
यह मामला पंजाब में सीमावर्ती बाढ़ प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचाने और राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है।
होशियारपुर में मिलावटखोरों पर शिकंजा, 20 किलो खराब पनीर नष्ट
Punjab News 16Sep2025/sbkinews.in
होशियारपुर। त्योहारों के मद्देनजर होशियारपुर अदालत से खाद्य सुरक्षा विभाग ने टांडा और जाजा में रेड अभियान चलाकर 20 किलो खराब पनीर नष्ट किया है। यह कार्रवाई मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कदम के तहत की गई। नष्ट किए गए पनीर के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं ताकि पता चल सके कि सामग्री किस हद तक अस्वच्छ है।
स्वास्थ्य विभाग ने दुकानों और उन पर विक्रेताओं को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे एफएसएसएआई (Food Safety and Standards Authority of India) के नियमों का पालन करें और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न करें। विभाग का कहना है कि लोगों को नकली या मिलावटी खाद्य पदार्थों से बचाना सरकार की प्राथमिकता है।
इस कार्रवाई से फूड सेफ्टी विभाग की सतर्कता और त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता झलकती है। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई दुकानदार या मिलावटखोर स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे किसी भी संदिग्ध खाद्य सामग्री के सेवन से बचें और ऐसी जानकारी पुलिस या खाद्य सुरक्षा विभाग को तुरंत दें। इस तरह की कार्रवाई से न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित भोजन मिलेगा बल्कि मिलावटखोरों का भी मनोबल टूटेगा।
लुधियाना में शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग, तीन मंजिला इमारत की तीन स्पेयर पार्ट्स दुकानें जलकर खाक
Punjab News 16Sep2025/sbkinews.in
लुधियाना। आत्म पार्क पुलिस चौकी के पास स्थित एक तीन मंजिला इमारत में रात करीब 10:30 बजे शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई। आग ने इमारत में स्थित कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया, जिनमें तीन स्पेयर पार्ट्स की दुकानें भी शामिल थीं।
राहगीरों ने आग और धुएं को देखकर चिल्लाकर लोगों को जागरूक किया और दमकल विभाग को सूचना दी। दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
अग्नि शमन अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट ही था। दुकानों में रखा सामान जैसे स्पेयर पार्ट्स, गाड़ियों के उपकरण और अन्य सामान जलकर खाक हो गया। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन दुकानदारों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
पुलिस और फायर ब्रिगेड घटनास्थल पर मौजूद हैं और आग लगने की वजह से हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं। आसपास के इलाकों में धुआं पूरे इलाके में फैल गया था, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैली थी।
पुलिस ने आग लगने के मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द सटीक कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है ताकी भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।
बठिंडा पंचायत ने बाहरी राज्यों के लोगों के रहने पर लगाई रोक, CM भगवंत मान ने किया विरोध
Punjab News 16Sep2025/sbkinews.in
बठिंडा। पंजाब के बठिंडा जिले के गांव गहरी देवी नगर पंचायत ने हाल ही में एक विवादित प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत बाहरी राज्यों से आकर रहने वाले लोगों को गांव में निवास करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस प्रस्ताव के अनुसार बाहरी राज्यों के रहने वालों को वोटर या आधार कार्ड बनवाने की भी अनुमति नहीं मिलेगी।
यह निर्णय स्थानीय स्तर पर बढ़ती जनसंख्या और संसाधनों में कमी को लेकर लिया गया है, लेकिन इसे लेकर भारी विवाद भी खड़ा हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री का कहना है कि किसी को आने या रहने से रोकना संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब एक खुला प्रदेश है और किसी भी व्यक्ति को वहां रहने से रोका नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस तरह के प्रस्तावों से सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है और यह निवासियों के बीच बराबरी के भाव को भी चोट पहुंचाता है। उन्होंने प्रशासन और पंचायत से इस तरह के फैसलों को तुरंत रद्द करने और सभी के अधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया है।
वहीं, पंचायत की इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों में मिलाजुला रुझान देखने को मिल रहा है, कुछ इसे आवश्यक भेजते हैं और कुछ इसे अनुचित करार देते हैं। सरकार इस विवाद को शीघ्र सुलझाने और संविधान की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।
कनाडा की संघीय अदालतों ने खालिस्तान समर्थकों की 30 से अधिक शरण अपीलें खारिज कीं
Punjab News 16Sep2025/sbkinews.in
कनाडा की संघीय अदालतों ने इस साल अब तक खालिस्तान समर्थक शरणार्थियों की 30 से अधिक शरण संबंधी अपीलें खारिज कर दी हैं। ये अपीलें उन व्यक्तियों ने दायर की थीं जो खालिस्तान समर्थक गतिविधियों या सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़ाव के आधार पर भारत लौटने पर उत्पीड़न का डर जताते थे।
अदालतों ने अधिकांश मामलों में पाया कि आवेदकों के तर्क पर्याप्त नहीं थे। कई ने खालिस्तान जनमत संग्रह के वोटर कार्ड को भी सुरक्षा की वजह बताया, लेकिन न्यायाधीशों ने इसे गंभीर खतरे के सबूत के रूप में स्वीकार नहीं किया।
सबसे हालिया मामले में, पारदीप सिंह नामक व्यक्ति ने खुद की शरण के आदेश की समीक्षा मांगी थी, जिसमें उसने सोशल मीडिया पोस्ट और पारिवारिक हलफ़नामे के माध्यम से अपने खालिस्तान समर्थक रुख को उजागर किया था। बावजूद इसके, टोरंटो की एक संघीय कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
एक अन्य मामले में, कन्वर्जन कोर्ट ने कनवालजित कौर की अपील खारिज की, जिन्होंने कहा कि एसएफजे और खालिस्तान समर्थक होने के कारण उन्हें भारत लौटने पर अत्याचार का सामना करना पड़ेगा।
मामलों के रिकॉर्ड से यह पता चलता है कि कनाडाई न्यायालय खालिस्तान समर्थक रूप से जुड़े मामलों में शरण देने के लिए उच्च स्तर के प्रमाणों की मांग करते हैं।
यह रुझान बताता है कि केवल निकटता या राजनीतिक सक्रियता के आधार पर शरण देना मुश्किल हो गया है और अदालतों ने इन दावों की गहराई से जांच करके ज्यादातर मामलों में अस्वीकार कर दिया है।
पंजाब में बाढ़ के बाद मान सरकार का हेल्थ मिशन, 878 गांवों में डेंगू-मलेरिया का सफाया
Punjab News 16Sep2025/sbkinews.in
पंजाब में बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने तेजी से कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से 2303 गांवों में विशेष स्वास्थ्य अभियान चलाया। इस अभियान के तहत 878 गांवों में डेंगू और मलेरिया को जड़ से खत्म करने की मुहिम चलाई गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 51612 लोगों की जांच की है और 132322 परिवारों की सेहत का परीक्षण करते हुए उन्हें दवाइयां भी प्रदान की हैं। आशा वर्कर्स और मेडिकल टीमों ने सक्रिय रूप से गांव-गांव जाकर लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाईं। इसके अलावा, मच्छरों के प्रजनन स्थलों की जांच कर लार्वा मिलने पर त्वरित कार्रवाई और फॉगिंग की गई।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस अभियान की निगरानी खुद की और सुनिश्चित किया कि हर गांव, हर गली और हर घर तक राहत और स्वास्थ्य सेवाएं उचित तरीके से पहुंचे। अपने नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिखाया है कि संकट के समय नेतृत्व किस तरह जनता के साथ खड़ा हो सकता है।
इस पहल से न सिर्फ बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य समस्याओं पर काबू पाया जाएगा, बल्कि लोगों का भरोसा भी मजबूत होगा कि सरकार उनके लिए है और उनकी भलाई का ध्यान रख रही है।


