Punjab News 17Sep2025

पंजाब सरकार ने किसानों को दी राहत, बाढ़ प्रभावित गांवों को प्राथमिकता पर मिलेगा गेहूं का बीज और खाद

Punjab News 17Sep2025

Punjab News 17Sep2025/sbkinews.in

चंडीगढ़। पंजाब राज्य खाद्य आयोग की बैठक में बाढ़ प्रभावित गांवों के किसानों को राहत देने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए हैं। विशेष रूप से गेहूं के बीज, डीएपी, यूरिया और अन्य आवश्यक खाद सामग्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी। कृषि विभाग को इन वस्तुओं की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निर्देश भी दिए गए हैं।

बैठक में पोषण योजनाओं के क्रियान्वयन, मिड-डे मील के सोशल ऑडिट और बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा हुई। आयोग ने वित्त वर्ष 2025-26 में लागू होने वाली नई परियोजनाओं की समीक्षा भी की। साथ ही, तेलंगाना राज्य खाद्य आयोग के अध्ययन दौरे की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।

सोशल सुरक्षा विभाग को बाढ़ प्रभावित आंगनवाड़ी केंद्रों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, मिड-डे मील प्रबंधकों को बाढ़ प्रभावित स्कूलों की स्थिति की जानकारी साझा करने को भी कहा गया। शिक्षा विभाग से स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का समुचित अध्ययन करने की मांग की गई।

इस निर्णय से पंजाब के किसानों को कृषि कार्यों में मदद मिलेगी और प्रभावित फसलों की पुनः खेती संभव होगी। राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से पूरा करवा रही है।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेमसानी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब का किया दौरा, केंद्र सरकार का भरोसा जताया

Punjab News 17Sep2025

Punjab News 17Sep2025/sbkinews.in

केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेमसानी ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हाल जानने के लिए दो दिवसीय दौरा किया। उन्होंने खासतौर से कपूरथला जिले में बाढ़ की गंभीर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की समीक्षा की।

अपने दौरे के दौरान डॉ. पेमसानी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों और अन्य परिवारों से मुलाकात कर केंद्र सरकार की ओर से उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब सरकार के साथ मिलकर राहत व पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता से कर रही है।

डॉ. पेमसानी ने बताया कि पंजाब के लिए ₹12,000 करोड़ का आपदा राहत कोष पहले ही जारी किया जा चुका है, वहीं अतिरिक्त ₹1,600 करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई है। इसके अलावा, उन्होंने फसलों को हुए नुकसान पर दुख व्यक्त करते हुए खेतों की सफाई और कृषि कार्यों को जल्द शुरू करने पर जोर दिया।

उन्होंने सुल्तानपुर लोधी, चक पट्टी, बाऊपुर और अन्य प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थानीय प्रशासन के साथ राहत उपायों पर चर्चा की। 99% प्रभावित दूरसंचार टावरों को पहले ही बहाल कर दिया गया है, जिससे ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बनी रहे।

केंद्रीय मंत्री ने राहत कार्यों के साथ स्वास्थ्य संबंधित मसलों जैसे दस्त और संक्रामक रोगों पर भी सतर्कता जरूरी बताई और त्वरित चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

इस दौरे में कृषि, स्वास्थ्य, संचार तथा आपदा प्रबंधन के समन्वित प्रयासों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

रावी नदी में आई बाढ़ ने पंजाब के लोगों को गहरे जख्म दिए, पानी सूखने के बाद शुरू हुआ नया संघर्ष

Punjab News 17Sep2025

Punjab News 17Sep2025/sbkinews.in

पंजाब में रावी नदी के उफान पर आने वाली बाढ़ ने लोगों की जिंदगी में भारी तबाही मचाई है। जहां बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है, वहीं उसका असर लंबे समय तक रह सकता है। कई परिवारों ने अपनों को खोया है तो कईयों का रोजगार प्रभावित हुआ है।

किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो गई है। इससे क्षेत्र की कृषि पर बड़ा संकट मंडराने लगा है। भूमि की उपजाऊ क्षमता कम हो जाने का डर किसानों में व्याप्त है, जिससे आने वाले सीजन की फसलों को लेकर चिंता बढ़ गई है।

साथ ही, सीमावर्ती इलाकों में व्यापार भी प्रभावित हुआ है। पारंपरिक वाणिज्यिक गतिविधियों पर बाढ़ के कारण भारी ठहराव आया है। मजदूर वर्ग को रोजगार के अवसर भी घट गए हैं, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर बड़ा संकट आ गया है।

स्थानीय प्रशासन अब राहत और पुनर्वास कार्यों के साथ-साथ आर्थिक मदद और पुनः व्यवस्थित होने की योजना बना रहा है। कई सामाजिक संस्थाएं और स्थानीय संगठन प्रभावितों की सहायता के लिए सक्रिय हैं।

हालांकि बाढ़ का पानी सूख चुका है, लेकिन इसने पंजाब के पिछड़े इलाकों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक अस्थिरता की नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं। अब लोगों के लिए पुनर्निर्माण और जीवन की साधारण गति में लौटना बड़ी चुनौती बन गया है।

केंद्र व राज्य सरकारों से उम्मीद की जा रही है कि वह प्रभावित किसानों और आम जनता को आर्थिक सहायता दें ताकि वे इस कठिन समय से उबर सकें।

चंडीगढ़ में हादसा: कैंटर के टर्न लेने पर दसवीं के छात्र का पैर टायर से कुचला, बहन और पिता भी घायल

Uttar pradesh News 9Sep2025

Punjab News 17Sep2025/sbkinews.in

चंडीगढ़ में एक गंभीर सड़क हादसा तब हुआ जब कैंटर के चालक ने बिना सावधानी के तेज़ी से मोड़ लिया। इस दौरान स्कूल से लौट रहे दसवीं कक्षा के छात्र दीक्षात, उनकी बहन और पिता अशोक कुमार इस कैंटर की चपेट में आ गए। हादसे में दीक्षात का एक पैर टायर के नीचे आकर बुरी तरह कुचला गया।

परिवार के अनुसार, अशोक कुमार बच्चों के साथ बाइक पर घर वापस जा रहे थे, तभी अचानक सामने से आ रहे कैंटर चालक ने मोड़ लिया और नियंत्रण खो दिया। घायल छात्र दीक्षात का समय पर अस्पताल में इलाज हुआ और उसकी सर्जरी कराई गई है। डॉक्टरों का कहना है कि दीक्षात के पैर की स्थिति बुधवार तक साफ हो पाएगी।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और आरोपी कैंटर चालक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चालक की लापरवाही से यह दुर्घटना हुई और कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि इस तरह की हादसों को रोका जा सके।

परिवार के लोग दीक्षात के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं और प्रशासन से पुनः ऐसी दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सख्त सुरक्षा उपाय करने की अपील कर रहे हैं।

इस घटना ने सड़क सुरक्षा के महत्व को दोबारा उजागर कर दिया है, जहां विशेषकर स्कूल से लौटते बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे पहले आता है।

फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित गांवों में 25 दिन बाद लौटी जिंदगी, लेकिन दर्द-उदासी अभी भी बरकरार

Punjab News 17Sep2025

Punjab News 17Sep2025/sbkinews.in

फिरोजपुर के निहाला किल्चा और कालूवाला जैसे सीमावर्ती गांवों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। लगभग 25 दिन बाद जब लोग घर लौटे, तो उन्होंने अपनी तबाही देख कर आंखों में आंसू लिए। खेतों में रेत जमा हुई है और मकान घिरे हुए हैं। सतलुज नदी में करीब 150 एकड़ की जमीन बह गई है, जिससे लोगों की जिंदगी बिखर गई है।

लोगों का घर-बार तबाह हो चुका है और खेती-बाड़ी पर भी गहरा असर पड़ा है। रेत और कीचड़ ने कृषि भूमि की उपजाऊ क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे भविष्य की फसलों को खतरा है। सीमावर्ती इलाकों का व्यापार भी ठप्प पड़ा है और मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा।

हालांकि प्रशासन बचाव और राहत कार्यों में लगा है, लेकिन प्राकृतिक आपदा के बाद आर्थिक व मानसिक संघर्ष अब जारी है। लोग सहायता और पुनर्निर्माण के इंतजार में हैं। कई परिवार रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं क्योंकि राहत शिविरों में सुविधाएं पर्याप्त नहीं।

स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द प्रभावी कदम उठाए और पुनर्वास कार्य तेजी से शुरू हो, ताकि उनकी जिंदगी पूर्ववत हो सके।

यह रिपोर्ट एक दर्दभरा सच्चाई सामने रखती है कि प्राकृतिक आपदा के बाद भी जीवन संघर्षों से भरा होता है, जिनका सामना करना सबसे कठिन होता है।

हाई टेंशन तार की चपेट में आने से गंवाए दोनों हाथ और बायां पैर, अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश से रमन को मिलेगा कृत्रिम अंग

hc quashes haryana's 75% quota in pvt jobs

Punjab News 17Sep2025/sbkinews.in

पानीपत के सनौली खुर्द गांव के रहने वाले रमन का दर्दनाक हादसा 2011 में हुआ था, जब वह पांच वर्ष के थे। हाई टेंशन तार की चपेट में आने के कारण रमन ने अपने दोनों हाथ और बायां पैर खो दिया था। इस विकलांगता के बावजूद रमन ने हिम्मत नहीं हारी, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ उनके पुराने कृत्रिम अंग उपयोगी नहीं रह गए।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया है कि रमन के लिए कृत्रिम अंग या हैंड ट्रांसप्लांट सर्जरी के विकल्प तलाशे जाएं। कोर्ट ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है, जिसमें आर्थोपेडिक और पुनर्निर्माण विभाग के डॉक्टर शामिल होंगे। इस समिति को 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट देनी है।

इससे पहले भी हाईकोर्ट ने रमन को मुआवजा देने और बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के आदेश दिए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। 2016 और 2021 में उन्नत कृत्रिम अंगों के लिए टेंडर जारी किए गए थे और मार्च 2022 में रमन को बायोनिक हाथ लगाए गए थे। अब बढ़ती उम्र के कारण वे पुराने कृत्रिम अंग काम नहीं आ रहे हैं।

इस मामले में कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि रमन को निरंतर उपचार और नए कृत्रिम अंग मिलते रहें ताकि वह बेहतर जीवन यापन कर सके। कोर्ट मंकित एडवोकेट अनिल मल्होत्रा ने अदालत को बताया कि रमन के लिए मुंबई के ग्लेनइगल्स अस्पताल में भी हैंड ट्रांसप्लांट की संभावना पर चर्चा हो रही है।

यह फैसला न केवल रमन की जिंदगी में आशा की नई किरण लेकर आया है, बल्कि विकलांग व्यक्तियों के प्रति न्याय सुनिश्चित करने में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

अमृतसर में बाढ़ के बाद बीमारी का संकट, दूषित पानी और मरे जानवरों से संक्रमण का खतरा; सेहत विभाग अलर्ट पर

Punjab News 17Sep2025

Punjab News 17Sep2025/sbkinews.in

अमृतसर में बाढ़ का पानी तो उतर गया है, लेकिन इसके बाद नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। इलाके में दूषित पेयजल और मरे हुए जानवरों से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कई गांवों में ट्यूबवेल खराब हो गए हैं, जिससे पीने के साफ पानी की समस्या गंभीर हो गई है।

सेहत विभाग ने बाढ़ प्रभावित गांवों में निरंतर स्प्रे कर संक्रमण रोकने के प्रयास तेज कर दिए हैं। डाक्टरों की टीमें घर-घर जाकर लोगों की सेहत की जांच कर रही हैं और आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करा रही हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को पेयजल को उबालकर इस्तेमाल करने की सलाह दी है ताकि जलजनित बीमारियों से बचा जा सके।

मवेशियों के मरे हुए शवों से उठ रही बदबू से बीमारी फैलने का खतरा है, जिससे चमड़ी रोग, टाइफाइड, हैजा और फ्लू जैसी बीमारियों के फैलने का डर बना हुआ है। सिविल सर्जन डॉ. स्वर्णजीत धवन ने कहा कि बाढ़ के बाद स्थिति संवेदनशील है और संक्रमण फैलने को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि लोग साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और समय पर इलाज कराएं। प्रशासन ने जनता से स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या या संदेह की जानकारी तुरंत स्वास्थ्य केंद्रों को देने की अपील की है।

यह स्वास्थ्य संकट बाढ़ के बाद की जटिलताओं को दर्शाता है और सरकारी व सामुदायिक प्रयासों की अहमियत को रेखांकित करता है।

Punjab News 17Sep2025/sbkinews.in

Punjab News 17Sep2025/Punjab News 17Sep2025/Punjab News 17Sep2025/Punjab News 17Sep2025

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *