Uttar pradesh News 20Sep2025

निबंधन कार्यालय से चोरी हो रहे अंगूठे के निशान, खातों से हो रही रकम की चोरी

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Uttar pradesh News 20Sep2025/sbkinews.in

अमरोहा। समरपाल सिंह का मोबाइल नंबर अगस्त में अचानक बंद हो गया। जब उन्होंने आठ दिन बाद फिर से नंबर चालू किया और बैंक खाते की जाँच की तो पता चला कि उनके खाते से नौ लाख रुपये निकल चुके हैं। खाते में मात्र सौ रुपये बचा था। इस तरह के मामले दो महीने में चार सामने आए हैं, जिनमें सरफराज, जाहिद हुसैन और व्यापारि शाह ओलम के खातों से भी लाखों रुपये चोरी हो चुके हैं।

साइबर थाना प्रभारी जितेंद्र बालियान ने बताया कि साइबर अपराधी निबंधन कार्यालय की वेबसाइट में सेंधमारी कर अंगूठे के निशान चोरी कर रहे हैं। निबंधन कार्यालय की वेबसाइट से जमीन के बैनामों की भी प्रति देखी जा सकती है, जिसमें खरीदार और विक्रेता के आधार कार्ड और अंगूठे के निशान होते हैं।

अपराधी अंगूठे का क्लोन बना कर आधार कार्ड नंबर के जरिए ठगी को अंजाम दे रहे हैं। वे जनसेवा केंद्रों से खातों से रकम निकाल लेते हैं। मोबाइल सिम क्लोनिंग के जरिये ऑनलाइन बैंकिंग का दुरुपयोग करते हैं।

जितेंद्र बालियान ने कहा कि इन मामलों में सिम विक्रेता भी शामिल हैं, जो मोबाइल सिम का क्लोन तैयार कर ठगों की मदद करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने आधार कार्ड की बायोमेट्रिक सुरक्षा को मजबूत करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

साइबर ठगों द्वारा इस तरह से बड़े पैमाने पर लोगों की जमा पूंजी को निशाना बनाया जा रहा है, जो डिजिटल सुरक्षा पर बड़ी चुनौती है। यह स्थिति सावधानी बरतने और बायोमेट्रिक लॉक उपयोग करने की महत्ता को उजागर करती है।

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के 121 पंजीकृत राजनीतिक दलों को सूची से बाहर किया

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लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के 121 पंजीकृत राजनीतिक दलों को उनकी सूची से हटा दिया है। आयोग ने यह कार्रवाई उन दलों के खिलाफ की है जिन्होंने 2019 से लेकर अब तक लगातार छह वर्षों तक न तो लोकसभा और न ही विधानसभा चुनाव लड़ा है। ऐसे दल अब आगामी चुनाव चिह्न, आयकर छूट, और चुनाव में मिलने वाली अन्य वित्तीय तथा कानूनी सुविधाओं के हकदार नहीं रहेंगे।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने जानकारी दी कि इन दलों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 29बी, 29सी, आयकर अधिनियम-1961 और चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश-1968 के तहत मिलने वाले सभी लाभ अब नहीं मिलेंगे। इन दलों के पास अब न तो चुनाव चिह्न की मान्यता रहेगी और न ही वे राज्य में राजनीतिक दल के तौर पर स्वीकृत होंगे।

सूची में शामिल दल उत्तर प्रदेश के 51 जिलों में पंजीकृत हैं। इनमें लखनऊ के 14, प्रयागराज के 9, जौनपुर के 7, मेरठ के 6, अलीगढ़ के 5, आगरा और गोरखपुर के 4-4, तथा अन्य कई जिलों से भी दल शामिल हैं। इन दलों को इस आदेश के खिलाफ 30 दिनों के अंदर निर्वाचन आयोग में अपील करने का अधिकार है।

निर्वाचन आयोग ने यह कदम चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए उठाया है ताकि केवल सक्रिय राजनीतिक दल ही अपनी मान्यता बनाए रखें और चुनावी लाभ उठा सकें। यह कार्रवाई महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के कई दलों पर भी की गई है।

इस अभियान के तहत देशभर में अब तक 808 गैर सक्रिय राजनीतिक दलों को सूची से हटाया जा चुका है। आयोग की यह पहल चुनावी व्यवस्था को मजबूत करने और राजनीतिक गतिविधियों को जवाबदेही के दायरे में लाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के 121 राजनीतिक दलों को नामांकन सूची से बाहर कर दिया है। ये सभी दल वर्ष 2019 से लगातार छह वर्षों तक लोकसभा या विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सके हैं। इन दलों को अब चुनाव चिह्न की मान्यता, आयकर छूट और चुनाव में मिलने वाले अन्य वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 बी और 29 सी, आयकर अधिनियम 1961 और चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के तहत इस निर्णय को लागू किया है। इनका मतलब है कि सूची से हटाए गए दल अब पारंपरिक पंजीकृत राजनीतिक दल नहीं माने जाएंगे।

इन दलों में लखनऊ के 14, प्रयागराज के 9, जौनपुर के 7, मेरठ के 6 और अलीगढ़ के 5 दल शामिल हैं। इसके अलावा आगरा, गोरखपुर, बहराइच, इटावा, मथुरा जैसे जिलों के भी दल सूची से बाहर किए गए हैं।

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि इन दलों को 30 दिनों के अंदर आयोग में अपील करने का अधिकार है। यदि अपील सफल होती है तो वे पुनः अपनी मान्यता पा सकते हैं।

चुनाव आयोग की यह कार्रवाई सक्रिय और पारदर्शी राजनीतिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे केवल वही दल मान्यता प्राप्त करेंगे जो नियमित रूप से चुनावों में हिस्सा लेते हैं।

उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, पंजाब आदि राज्यों के कई दलों की मान्यता भी इस अभियान में खत्म की गई है। आयोग ने भविष्य में भी इस प्रकार की कार्रवाई जारी रखने का संकेत दिया है ताकि राजनीतिक क्षेत्र में अनुशासन और जवाबदेही बनी रहे।

यूपी बोर्ड के विद्यालयों में कक्षा 9 और 11 के पंजीकरण व शुल्क जमा करने की तिथि 27 सितंबर तक बढ़ी

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कक्षा 9 और 11 के संस्थागत छात्रों के पंजीकरण एवं शुल्क जमा करने की तिथि को बढ़ाकर 27 सितंबर 2025 कर दिया है। अब प्राचार्यों को इस तारीख तक चालान के माध्यम से पंजीकरण शुल्क कोषागार में जमा करना होगा। इसके साथ ही शैक्षणिक विवरणों को परिषद की आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर ऑनलाइन अपलोड भी किया जाना आवश्यक है।

वर्ष 2026 की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले कक्षा 10 और 12 के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के परीक्षा शुल्क जमा करने और आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि भी इसी दिन तक बढ़ाई गई है। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने शासन से अनुमति मिलने के बाद आदेश जारी किए हैं।

कक्षा 9 और 11 के छात्रों के विवरण की जांच 28 से 30 सितंबर के बीच होगी। यदि किसी प्रकार की त्रुटि पाई जाती है, तो इसे 1 से 4 अक्टूबर के बीच संशोधित किया जा सकेगा। इसी प्रकार, कक्षा 10 और 12 के छात्रों के विवरणों की जांच 1 से 4 अक्टूबर के बीच होगी, जबकि संशोधन 5 से 8 अक्टूबर तक किया जा सकेंगे।

इसके अलावा, सभी कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों की फोटोयुक्त नामावली और कोषपत्र की एक-एक प्रति क्षेत्रीय कार्यालयों में जमा कराना अनिवार्य होगा। प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पंजीकरण प्रक्रिया में कोई लापरवाही न बरतें, अन्यथा जिम्मेदारी उनकी होगी।

यह संशोधित समय सीमा छात्रों और प्राचार्यों को परीक्षा प्रक्रिया में संभावित दिक्कतों से बचाने और पंजीकरण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित की गई है।

भोपा थाना क्षेत्र में सिपाही ने महिला के फोटो इंटरनेट पर प्रसारित किए, अभद्र टिप्पणी का मामला दर्ज

UP News Today 26Nov2025

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मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र के गांव ककराला में एक युवक की पत्नी के फोटो और उसके खिलाफ अभद्र टिप्पणी ऑनलाइन मीडिया में वायरल हो गई है। आरोपित एक यूपी पुलिस में तैनात सिपाही है। पीड़ित युवक सोनू कश्यप ने इस मामले में पुलिस में तहरीर दे कर एफआईआर दर्ज कराई है और न्याय की मांग की है।

सोनू कश्यप ने बताया कि 18 अगस्त को उन्हें एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को बुलंदशहर का एक सिपाही बताया और गाली-गलौज करते हुए धमकी दी। यह शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी दर्ज कराई गई है। जांच में आरोपित सिपाही की पहचान हो गई है, जिसने फेसबुक पर युवक की पत्नी के फोटो साझा करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

प्रभारी निरीक्षक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि मामले की जांच जारी है। उन्होंने नगरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की ऐसी आपत्तिजनक सामग्री वायरल न करें और पुलिस को मामले की जानकारी दें ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।

यह मामला सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ अभद्रता और साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं पर एक चेतावनी बन गया है। पुलिस ने इस प्रकार के अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है और ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने पर जोर दिया है।

इस बीच पुलिस पूरे मामले का गंभीरता से अध्ययन कर शीघ्र दोषियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।

पत्नी से अवैध संबंध से नाराज युवक ने चचेरे भाई की चाकू से हत्या की

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शामली। गढ़ीपुख्ता थाना क्षेत्र के गांव हथछोया निवासी 20 वर्षीय सब्जी विक्रेता कय्यूम की चचेरे भाई जुलफान ने हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयोग हुआ चाकू भी बरामद कर लिया है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी जुलफान को शक था कि कय्यूम के उसकी पत्नी के साथ अवैध संबंध थे। कई बार उसने कय्यूम को अपनी पत्नी से दूर रहने को कहा, लेकिन कय्यूम नहीं माना। इसी कारण जुलफान ने हत्या की योजना बनाई। गुरुवार को उसने कय्यूम को बुलाकर बीयर पिलाई और मौका पाकर बाइक चलाते हुए चाकू से हमला कर हत्या कर दी।

हत्या का शव शुक्रवार सुबह गांव के एक खेत में पड़ा मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मौके पर फोरेंसिक टीम ने जांच की। एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी ने हत्या कबूल की है और घटना की पूरी योजना बनाई थी।

परिजन और ग्रामीण इस हत्याकांड से स्तब्ध हैं और सड़क पर शोकसभा कर रहे हैं। पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है और आरोपी जुलफान के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। वह फिलहाल जेल में है। दूसरी ओर, पुलिस कय्यूम के मोबाइल फोन की तलाश में भी जुटी हुई है।

यह वारदात शामली जिले में परिवारिक विवाद और आपसी गलतफहमियों से उत्पन्न हिंसा का दुखीने उदाहरण है। पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द न्याय दिलाने का आश्वासन दे रही है।

बुलंदशहर में पत्थर की पटिया से निर्मम वार, मजदूर की हत्या

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बुलंदशहर। खुर्जा थाना क्षेत्र के गांव रनियावली में 40 वर्षीय मजदूर ध्यानपाल उर्फ गुड्डू की निर्मम हत्या कर दी गई। शव को शुक्रवार सुबह बाजरे के खेत में लहूलुहान हालत में पाया गया। मृतक के चेहरे, गर्दन और छाती पर पत्थर की पटिया से वार करने के गंभीर निशान मौजूद थे। उनकी छाती पर मृतकों ने पीड़ादायक तरीके से पत्थर का टुकड़ा भी रखा था।

परिवार वाले और ग्रामीणों ने ठेकेदार पर मजदूरी के पैसे मांगने के विवाद में हत्या करने का आरोप लगाया है। श्यामवीर सिंह, जो मृतक के चाचा हैं, ने बताया कि गुड्डू पावर प्लांट में मजदूरी करता था और पिछले दिनों उसने ठेकेदार से मजदूरी लेकर खेती भी की थी। बुधवार सुबह से गुड्डू लापता था, परंतु शाम को कुछ लोग उसे गांव के साथ देख चुके थे।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिक जांच की और पोस्टमार्टम के लिए शव को भेज दिया है। सीओ पूर्णिमा सिंह ने बताया कि हत्या के लिए पत्थर की पटिया का इस्तेमाल हुआ है और यह मामला गंभीर है, जांच पूरी कर जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

मृत्यु की खबर से गांव में शोक का माहौल है और स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाने और ग्रामीणों को शांति बनाए रखने की अपील की है।

यह घटना श्रमजीवी वर्ग की सुरक्षा और उनके हक की रक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत बताई जा रही है।

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