बठिंडा में डीसी राजेश धीमान ने पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता वैन को किया रवाना
Punjab News 24Sep2025/sbkinews.in
बठिंडा में डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान ने जिले में पराली जलाने की समस्या को कम करने के लिए जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने पराली जलाने के दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला और लोगों से नशे, प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पराली जलाने से बचने की अपील की।
राजेश धीमान ने बताया कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि इससे सडक हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही मिट्टी की उर्वरता में कमी आती है, जो कृषि क्षेत्र के लिए ग्रामीणों के लिए गंभीर नुकसान है। इसलिए वे सभी से पर्यावरण संरक्षण एवं स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस गतिविधि को रोकने की अपील करते हैं।
जागरूकता वैन जिला के विभिन्न इलाकों में भ्रमण करेगी और किसानों को पराली जलाने से रोकने के प्रभावी उपायों के बारे में जानकारी देगी। डीसी ने कहा कि प्रशासन इस दिशा में सभी स्तर पर प्रयास कर रहा है और जागरूकता अभियान से ही सकारात्मक परिवर्तन संभव है।
आगामी सर्दी में जब पराली जलाने की प्रवृत्ति बढ़ती है, तब ऐसे अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। वैन के माध्यम से प्रभावी जनसंपर्क के जरिए किसानों को पर्यावरण हितैषी विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
फिरोजपुर के आलेवाला गांव में बाढ़ के बाद गांव लौटे ग्रामीणों को कीचड़ से भरे घर मिले, 1100 एकड़ से अधिक फसलें बर्बाद
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फिरोजपुर जिले के आलेवाला गांव में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी है। करीब 29 दिन बाद जब ग्रामीण अपने घर लौटे, तो उन्हें कीचड़ और मिट्टी से भरे हुए मकान देखे। बाढ़ ने गाँव के लगभग 1100 एकड़ से अधिक खेती योग्य जमीन को पूरी तरह जलमग्न कर फसलें पूरी तरह बर्बाद कर दीं, जिससे गांव के किसान भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
आलेवाला गांव की आबादी करीब 1350 है, और यह गांव चारों तरफ से पानी में घिरा हुआ था। जब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हुआ तो ग्रामीणों ने अपने उजड़े घरों में वापस आना शुरू किया। लेकिन लौटकर उन्हें तबाही का वह मंजर दिखा जिसने सभी की उम्मीदों को तोड़ दिया। घरों की नींव तक पानीभर गया था, छतें टूट गई थीं, और फर्नीचर बर्बाद हो चुका था। कई परिवारों को अपनी सारी संपत्ति खोनी पड़ी है।
ग्रामीणों का कहना है कि नए सवेरे के लिए कोशिशें जारी हैं, मगर सरकारी सहायता अब तक पर्याप्त नहीं पहुंची है। बुजुर्ग कहते हैं कि कुदरत ने हमारी जमीन के साथ-साथ हमारा भविष्य भी डुबो दिया है। सभी लोग सरकार से तत्काल आर्थिक और पुनर्वास सहायता की मांग कर रहे हैं।
इस घटना ने गांव की सामूहिक हिम्मत को तोड़ा नहीं है, बल्कि उन्होंने मिलकर अपने घरों को साफ करने और फिर से बसाने की कोशिश शुरू कर दी है।
अमृतसर में रात 6 बजे से सुबह 9 बजे तक कंबाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई पर प्रतिबंध, नियम तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई
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अमृतसर जिले में प्रशासन ने मंडियों में तनाव को रोकने के लिए धान की कटाई पर एक अहम फैसला लिया है। जिले में शाम 6 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक कंबाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई पर रोक लगा दी गई है। एडीएम रोहित गुप्ता ने इस प्रतिबंध को लागू किया है ताकि किसान अधिक नमी वाले धान को जल्दी मंडियों में न ले आएं, जिससे क्वॉलेट और कीमत पर असर पड़ सकता है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस निर्धारित समय के दौरान यदि कोई किसान कंबाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम धान की गुणवत्ता बनाए रखने और मंडियों में उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
किसानों को भी इस नियम का पालन करने के लिए कहा गया है ताकि बाजार में अनुशासन बना रहे और किसान अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें। अधिकारियों ने किसानों को कटाई के लिए निर्धारित समय का ध्यान रखने की सलाह दी है।
यह प्रतिबंध मंडियों में हो रहे विवाद और तनाव को कम करने में सहायक माना जा रहा है। साथ ही, यह उपाय कृषि उत्पादों की गुणवत्ता नियंत्रण और बाजार स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
अमृतसर प्रशासन लगातार किसानों और व्यापारियों के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास कर रहा है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सके।
पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के घर में मिला सांप, रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित किया रेस्क्यू
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चंडीगढ़ के पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में एक प्रोफेसर के घर में सांप मिलने से हड़कंप मच गया। यह सांप डॉ. साहिजपाल के बेडरूम में पाया गया, जिससे परिवार के सदस्यों में डर फैल गया। उन्होंने जल्द ही वन्य जीव विभाग और स्नेक रेस्क्यू टीम को सूचित किया।
आयुर्वेद विभाग के प्रोफेसर डॉ. साहिजपाल के घर में मिले इस सांप को रेस्क्यू टीम ने पूरी सावधानी से पकड़कर विश्वविद्यालय के पास के जंगल में छोड़ दिया। टीम ने बताया कि यह सांप जहरीला नहीं था और इसे सुरक्षित जगह पर छोड़ा गया है।
सांप मिलने की खबर से यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों और कर्मचारियों में चिंता व्याप्त हो गई थी। परिसर के निवासियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से परिसर की सफाई और सुरक्षा को लेकर कड़ा ध्यान देने की मांग की है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
वन्य जीव विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह स्वाभाविक है कि कैंपस के हरे-भरे वातावरण में सांप जैसे जीव आ सकते हैं। लेकिन समय रहते सूचना मिलने पर हमारी टीम ने सभी सावधानियां बरतकर जल्दी कार्रवाई की।
पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी परिसर के सभी विभागों को सतर्क रहने और नियमित सफाई-रखरखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस घटना ने कैंपस में जैव विविधता की महत्ता को भी रेखांकित किया है।
पंजाब में 8 दिन में पराली जलाने के 70 मामले, 20 किसानों पर FIR और भारी जुर्माना
Punjab News 24Sep2025/sbkinews.in
पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। पिछले आठ दिनों में 70 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 20 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है और 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा 16 किसानों की जमीनों पर रेड भी की जा चुकी है।
पराली जलाने को रोकने के लिए पंजाब सरकार सख्त कदम उठा रही है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कड़े दंडात्मक प्रावधान किए हैं ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इसके बावजूद किसान आर्थिक तंगी और फसलों की कटाई के दबाव के कारण पराली जलाने से पीछे हट नहीं रहे हैं।
प्रशासन ने किसानों को जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए हैं, लेकिन पालन न करने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी जारी है। पराली जलाने से औद्योगिक प्रदूषण, सांस की बीमारियों और पर्यावरण को गंभीर खतरा होता है, इसलिए सभी स्तरों पर इस समस्या को हल करने का प्रयास हो रहा है।
सरकार किसानों को वैकल्पिक उपायों जैसे पराली प्रबंधन यंत्र उपलब्ध कराने और आर्थिक प्रोत्साहन देने पर भी जोर दे रही है। पंजाब के विभिन्न जिलों में इस संदर्भ में लगातार कार्रवाई जारी है ताकि स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।
पूर्व सैनिक की विधवा को 57 साल बाद न्याय, मिलेगी दो-दो पेंशन
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चंडीगढ़ के आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल (एएफटी) ने 57 साल बाद पूर्व सैनिक लांस नायक उमरावत सिंह की विधवा को दो पेंशन देने का अधिकार दिया है। उमरावत सिंह की पत्नी को 1968 से अमान्यता पेंशन और 2011 से पारिवारिक पेंशन मिलेगी।
लांस नायक उमरावत सिंह 1965 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए और बाद में मानसिक तनाव के कारण सेवा से हटाए गए थे। इस कारण उनका पेंशन मामला विवादित रहा और विधवा को पेंशन मिलने में दिक्कतें आईं।
एएफटी ने इस मामले में न्याय प्रदान करते हुए कहा कि विधवा को दोनों पेंशनें मिलेगीं ताकि वे सुखमय जीवनयापन कर सकें। यह आदेश चंडीगढ़ की अदालत ने दिया है और इसे न्याय दिलाने की एक बड़ी जीत माना जा रहा है।
पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के मामले में यह फैसला अन्य महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण मिसाल होगा, जो इस तरह की समस्याओं का सामना करती हैं।
इस निर्णय से साबित होता है कि समय से अधिक लंबित प्रशासनिक मामलों में भी यदि सही न्याय के लिए प्रयास किए जाएं तो अंतिम रूप से राहत मिलती है।


