ऋषिकेश में गंगा में डूबकर राजस्थान की युवती की मौत, दोस्त लापता, SDRF खोज में जुटी
Uttarakhand News 25Sep2025/sbkinews.in
sbkinews.in संवाददाता, ऋषिकेश। मुनिकीरेती के नीम बीच पर बुधवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें गंगा में नहाते समय राजस्थान की युवती गर्विता (23) डूब गई और उसकी मौत हो गई। उसे बचाने के लिए उसके दोस्त जितेंद्र जाखड़ (24) भी गंगा में छलांग लगाए, लेकिन वह लापता है। एसडीआरएफ और पुलिस की टीम युवक की खोज में लगी हुई है।
गर्विता और जितेंद्र दोनों राजस्थान के रतनगढ़ जिले के रहने वाले थे और ऋषिकेश के तपोवन क्षेत्र में होम स्टे में रह रहे थे। बुधवार को वे अपने दोस्तों के साथ नीम बीच घूमने आए थे। गर्विता और एक सहेली एक पत्थर पर बैठी हुई थीं, तभी उसका संतुलन बिगड़कर वह गंगा में गिर गई। तत्पश्चात जितेंद्र ने उसकी मदद के लिए नदी में कूद लगाई, मगर वह बह गया।
राफ्टिंग गाइडों ने गर्विता को गंगा से बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने आसपास के लोगों और गाइडों की मदद से लापता युवक की खोज शुरू कर दी है।
थाना प्रभारी प्रदीप चौहान ने बताया कि जांच जारी है और एसडीआरएफ की मदद से युवक को खोजने के प्रयास जोरों पर हैं। इलाके में सुरक्षा कठोर कर दी गई है और लोगों को गंगा की तेज धारा से बचने की हिदायत दी गई है। यह घटना पर्यटकों की सुरक्षा और नदी के तेज बहाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
ध्यान रहे कि ऋषिकेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे हादसों को रोकने के लिए सावधानी और जागरूकता जरूरी है। स्थानीय प्रशासन इस तरफ विशेष ध्यान दे रहा है.
अल्मोड़ा-हल्द्वानी एनएच पर क्वारब के समीप सड़क धंसी, यातायात घंटों ठप
Uttarakhand News 25Sep2025/sbkinews.in
sbkinews.in संवाददाता, अल्मोड़ा। अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्वारब डेंजर जोन के पास बुधवार सुबह करीब 11:40 बजे सड़क का एक हिस्सा अचानक धंस गया, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हो गया। बोल्डर और मलबा सड़क पर आ गया, जिससे हाईवे छोटे और बड़े वाहनों के लिए बंद रहा।
सड़क धंसने के कारण छोटे वाहनों के लिए मार्ग एक घंटे बाद खोल दिया गया, लेकिन भारी वाहन रनरानीखेत के रास्ते 47 किलोमीटर का फेरा लगाकर जाने को मजबूर रहे। इस वजह से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
क्वारब क्षेत्र में यह पहाड़ी दरार और मलबे का गिरना लगातार जारी है, जो सुरक्षित सफर के लिए बड़ा खतरा बन गया है। पिछले एक साल में भी इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। बारिश के मौसम में इस दुर्घटना की संभावना और बढ़ जाती है।
पुलिस और आपदा कंट्रोल रूम ने मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई हैं जो अभी भी कार्यरत हैं। स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों से वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करने का आग्रह किया है और सुरक्षा के लिहाज से हाईवे पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि क्वारब पहाड़ी के लिए बर्म तकनीक आधारित स्थाई समाधान पर काम चल रहा है, जिसमें पहाड़ी पर सीढ़ीनुमा मेड़ बनाकर मलबा रोकने का काम किया जाएगा। इससे मलबे की गिरावट कम होगी और नैनीताल-हल्द्वानी हाईवे को बार-बार बंद होने से बचाया जा सकेगा।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन सतर्क है और जल्द ही मार्ग को पुनः स्वच्छ एवं सुरक्षित करने का प्रयास कर रहा है।
लोहाघाट के चनौड़ा तोक में दो मंजिला मकान में आग लगी, लाखों की संपत्ति खाक
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sbkinews.in संवाददाता, लोहाघाट। लोहाघाट के चनौड़ा तोक क्षेत्र में बुधवार सुबह दो मंजिला मकान अचानक आग की लपटों में घिर गया। मकान मालिक हरिश चंद्र जोशी और उनके परिवार की लाखों की सम्पत्ति आग की भेंट चढ़ गई। दमकल विभाग की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से करीब छह घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया।
आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। मकान में रहने वाले हरिश चंद्र और अन्य सदस्य किसी तरह सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे। आग की चपेट में आने से मकान पूरी तरह जलकर राख हो गया।
राजस्व विभाग के अधिकारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं और पीड़ित परिवार को प्रशासन से मुआवजे की मांग की गई है। आसपास के ग्रामीण और पड़ोसी भी पीड़ित परिवार के समर्थन में खड़े हैं और नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन पर दबाव डाल रहे हैं।
फायर स्टेशन प्रभारी हंसदास सागर के नेतृत्व में दमकल टीम ने तकनीकी मदद और ग्रामीणों के सहयोग से आग बुझाई। टीम ने बताया कि पुराने लकड़ी के मकान में आग लगने की घटना तेजी से फैल गई, जिससे भारी नुकसान हुआ।
यह मामला क्षेत्र में पुरानी और जर्जर भवनों की सुरक्षा को लेकर एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। प्रशासन ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है ताकि भविष्य में इसी तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
आग से प्रभावित परिवार को जल्द से जल्द राहत देने और पुनर्वास की व्यवस्था के लिए प्रशासन को कड़ा कदम उठाने की उम्मीद जताई जा रही है।
क्वारब क्षेत्र में पहाड़ी से मलबा गिरने और हाईवे पर धंसाव से यातायात बाधित, छोटे वाहनों की आवाजाही मुश्किल
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sbkinews.in संवाददाता, अल्मोड़ा। अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग के क्वारब डेंजर जोन के पास पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने और सड़क धंसाव की समस्या के कारण यातायात कई घंटों तक बाधित रहा। छोटे वाहनों की आवाजाही मुश्किल से शुरुआत हो पाई, जबकि भारी वाहन रानीखेत मार्ग से भेजे जा रहे हैं, जिससे दूरी और समय दोनों बढ़ रहे हैं।
जिले प्रशासन ने मालवाहक वाहनों के लिए प्रतिबंध लगाया है, लेकिन बावजूद इसके रात में भारी वाहनों का आवागमन जारी है, जिससे हाईवे की स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है। क्वारब क्षेत्र की यह समस्या पिछले एक साल से लगातार बनी हुई है और इसका कोई स्थायी समाधान अभी तक नहीं निकला है।
स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की टीम ने मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों के साथ काम शुरू कर दिया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश राहत कार्यों में बाधा डाल रही है। क्षेत्र में यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
अधिकारी बता रहे हैं कि क्वारब की पहाड़ी पर बर्म तकनीक का प्रयोग कर सीढ़ीनुमा मेड़ बनाकर मलबे को रोकने का स्थायी प्रयास किया जाएगा ताकि भविष्य में भूस्खलन से बचा जा सके।
फिलहाल, यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई है ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके और लोग सुरक्षित यात्रा कर सकें। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तत्परता के साथ काम कर रहा है।
दो गोवंश की लड़ाई से दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सन्नाटा, यातायात ठप
Uttarakhand News 25Sep2025/sbkinews.in
sbkinews.in संवाददाता, विकासनगर। विकासनगर में दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो सांडों की लड़ाई के कारण सड़क पर सन्नाटा छा गया। एक-दूसरे से भिड़े हुए सांडों ने ट्रैफिक पूरी तरह बाधित कर दिया, जिससे वाहन चालक अपनी गाड़ियों को वहीं रोक लिया।
निराश्रित गोवंश की समस्या इलाके में गंभीर बनी हुई है क्योंकि पालिका प्रशासन द्वारा अभी तक स्थायी गौशाला का निर्माण नहीं किया गया है। स्थानीय नागरिकों ने कई बार गौशाला निर्माण की मांग की है ताकि आवारा पशुओं के कारण होने वाली समस्याओं से निजात मिल सके।
पालिका अध्यक्ष ने बताया कि गौशाला निर्माण के लिए 78 लाख रुपये मंजूर हो चुके हैं और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। वहीं, आवारा सांड और गायों की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसों का खतरा लगातार बना रहता है।
यह घटना इस बात की भी गवाही है कि ग्रामीण और प्रशासनिक स्तर पर आवारा पशुओं के नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सुरक्षा के लिहाज से भी गैर जिम्मेदाराना पशु पालनों को रोकना जरूरी है।
इस बीच, प्रशासनिक अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर मार्ग की सुरक्षा और आवारा पशुओं के नियंत्रण पर चर्चा की है। स्थानीय लोग भी प्रशासन से जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं ताकि यातायात सुचारू रूप से चलता रहे और सड़क हादसों से बचा जा सके।
आवारा गोवंशों की समस्या से निपटने के लिए प्रशासनिक पहल और सामुदायिक भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
नौ दिनों बाद पांवटा साहिब राजमार्ग बहाल, देर रात हल्के वाहनों के लिए आवागमन शुरू
Uttarakhand News 25Sep2025/sbkinews.in
sbkinews.in संवाददाता, पांवटा साहिब। करीब नौ दिनों तक बाधित रहने के बाद बुधवार की देर रात पांवटा साहिब राष्ट्रीय राजमार्ग हल्के वाहनों के लिए फिर से खोल दिया गया। नंदा की चौकी के पास पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण लोनिवि विभाग ने उधार पुलिया का निर्माण किया।
इस अस्थायी पुलिया के बनने के बाद अब हल्के वाहन मार्ग के जरिए आवागमन कर पा रहे हैं। भारी वाहनों के लिए गुरुवार से आवागमन शुरू होने की संभावना है। हालांकि विभाग ने सभी वाहन चालकों से सतर्क होकर नियंत्रित गति में वाहन चलाने की अपील की है।
यह राजमार्ग हिमाचल प्रदेश के पौंटा साहिब से देहरादून और उससे आगे उत्तराखंड को जोड़ता है, इसलिए यह मार्ग व्यापार, पर्यटन और स्थानीय लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पुल के क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र में लगभग नौ दिनों तक यातायात पूरी तरह ठप रहा था।
सोशल मीडिया और स्थानीय जनों से मिली शिकायतों के बाद तत्काल आंदोलनकारियों और प्रशासन ने मिलकर इस मार्ग को पूरी तरह से बहाल करने के लिए पहल की। लोनिवि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अस्थायी पुलिया का निर्माण पूरी तत्परता से किया गया है ताकि यातायात जल्द से जल्द बहाल हो सके।
स्थायी पुल निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होने की संभावना है, जिससे भविष्य में ऐसी बाधाओं से बचा जा सकेगा। अब लोगों को राहत मिली है और वे सुरक्षित तरीके से पांवटा साहिब और देहरादून के बीच यात्रा कर पा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि आवागमन के दौरान सावधानी बरती जाए और मार्ग पर लगे सुरक्षा संकेतों का पालन जरूरी है।


