उत्तराखंड में उठी सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग, उग्र आंदोलन की चेतावनी
Uttarakhand News 04Oct2025/sbkinews.in
अल्मोड़ा में उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रसिद्ध समाजसेवी और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर तहसील परिसर में प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने धरना देकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया और चेतावनी दी कि यदि मांगें शीघ्र पूरी नहीं की गईं, तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने सोनम वांगचुक के देश और पर्यावरण के प्रति योगदान पर प्रकाश डालते हुए उनकी गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि वांगचुक ने हमेशा हिमालयी क्षेत्रों के संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर देश का ध्यान आकर्षित किया है। ऐसे व्यक्ति की गिरफ्तारी जनभावनाओं के विरुद्ध है।
विरोध प्रदर्शन में राज्य की राजधानी को गैंरसैण में स्थायी रूप से घोषित करने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की भी मांग उठाई गई। वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार ने प्रदेशवासियों की बातें नहीं सुनीं, तो यूकेडी सड़कों पर उतरकर जनआंदोलन को तेज करेगा।
यूकेडी नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्य में विकास और पर्यावरण दोनों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है, और सोनम वांगचुक जैसे लोगों की आवाज को दबाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है। उन्होंने प्रशासन को चेताया कि शांतिपूर्ण आंदोलन को नजरअंदाज किया गया तो जनता का आक्रोश उग्र रूप ले सकता है।
पौड़ी गढ़वाल में गुलदार का आतंक: रातों में दहशत, घरों के आंगन तक पहुंचा खूंखार शिकारी
Uttarakhand News 04Oct2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में गुलदार (तेंदुआ) का खौफ लोगों के सिर पर मंडरा रहा है। लैंसडौन वन प्रभाग के पास स्थित ग्रामीण इलाकों में गुलदार की लगातार बढ़ती गतिविधियों से लोगों की रातें डर और बेचैनी में बीत रही हैं।
मानपुर, नंदपुर और आसपास के गांवों में गुलदार कई बार घरों के आंगन तक पहुंच चुका है। ग्रामीणों के अनुसार, खूंखार जानवर पालतू कुत्तों और बकरियों को अपना शिकार बना रहा है, जिससे लोग भयभीत हैं। बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर परिजन चिंतित हैं।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि गुलदार की गर्जन रात के सन्नाटे में सुनाई देती है और कई बार उसे घरों के पास मंडराते भी देखा गया है। डर के माहौल में ग्रामीण शाम ढलते ही घरों के दरवाजे बंद कर लेते हैं और बाहर निकलने से बचते हैं। बच्चे अब स्कूल जाने से भी घबराने लगे हैं।
वन विभाग ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि टीमों को गश्त पर भेज दिया गया है और जगह-जगह पिंजरे लगाकर गुलदार को पकड़ने की तैयारी की जा रही है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि रात में अकेले बाहर न निकलें और बच्चों पर विशेष ध्यान दें।
लोगों का कहना है कि जब तक गुलदार को किसी सुरक्षित जंगल क्षेत्र में नहीं भेजा जाता, तब तक ग्रामीण इलाकों में दहशत बनी रहेगी। प्रशासन से क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था और रात्रि सुरक्षा गश्त बढ़ाने की मांग की गई है।
बदरीनाथ हाईवे पर घंटों जाम, भू-धंसाव से फंसे बाराती; दूल्हा-दुल्हन की निकासी में अटकी रस्में
Uttarakhand News 04Oct2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के चमोली ज़िले में बदरीनाथ हाईवे पर शनिवार को अणिमठ के पास भू-धंसाव होने से यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। भू-धंसाव के कारण हाईवे पर तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे कई वाहन घंटों तक फंसे रहे। सबसे अधिक दिक्कत उन बारातियों को हुई जो शादी समारोहों में शामिल होने जा रहे थे। कुछ जगहों पर दूल्हा-दुल्हन के साथ पूरी बारात हाईवे पर ही फंस गई और रस्मों में देरी हो गई।
जानकारी के अनुसार, सुबह अचानक सड़क किनारे पहाड़ी दरकने से मलबा सड़क पर आ गया। इससे अणिमठ से जोशीमठ के बीच दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। स्थानीय प्रशासन ने तत्काल सूचना पर बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की टीम को मौके पर बुलाया गया। जेसीबी और मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया, लेकिन भू-धंसाव लगातार जारी रहने के कारण सड़क को खुलने में देर हुई।
इधर, बिरही-निजमुला मोटर मार्ग भी मलबे के चलते बंद बताया जा रहा है, जिससे आस-पास के गांवों में संपर्क बाधित है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों को तैनात किया है।
चमोली के एसडीएम ने बताया कि बीआरओ को रास्ता साफ करने में तेजी लाने के निर्देश दे दिए गए हैं और उम्मीद है कि कुछ घंटों में आवाजाही बहाल हो जाएगी। अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
UKSSSC पेपर लीक: आयोग के सामने खुली बड़ी लापरवाही, परीक्षा के दौरान नहीं चल रहे थे जैमर
Uttarakhand News 04Oct2025/sbkinews.in
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में नई लापरवाही का खुलासा हुआ है। नैनीताल में जांच आयोग के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान पता चला कि परीक्षा केंद्रों पर लगाए गए जैमर काम ही नहीं कर रहे थे। इस गंभीर तकनीकी खामी ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी, जिससे दावेदारों और आयोग दोनों की चिंता बढ़ गई है।
शनिवार को आयोग की ओर से न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ध्यानी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अभ्यर्थियों, विद्यालय प्रधानाचार्यों और अधिकारियों ने अपने बयान दिए। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि जैमर बंद होने से मोबाइल नेटवर्क सक्रिय रहे और कई परीक्षा केंद्रों में संदिग्ध गतिविधियाँ देखी गईं। उन्होंने इसे नकल विरोधी कानून के उल्लंघन के रूप में बताया और परीक्षा को तत्काल रद्द करने की मांग की।
प्रधानाचार्यों ने आयोग के समक्ष सुझाव दिए कि भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी विशेषज्ञों की तैनाती, डिजिटल सत्यापन प्रणाली और सख्त ड्रेस कोड लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि जैमर की तकनीकी जांच और निगरानी के लिए थर्ड-पार्टी ऑडिट भी आवश्यक है।
न्यायमूर्ति ध्यानी ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और इसमें किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और तकनीकी एजेंसियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अभ्यर्थियों ने साथ ही यह सवाल भी उठाया कि लगातार तकनीकी गड़बड़ियों और पेपर लीक मामलों पर आयोग की कार्यप्रणाली पर जनता का भरोसा कैसे कायम रह सकता है। लिहाजा युवाओं ने मांग की है कि आने वाली परीक्षाओं को डिजिटल और पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
नैनीताल और हल्द्वानी में 15 दिन तक वायु प्रदूषण की विशेष निगरानी, दीपावली को लेकर सख्त निर्देश
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उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली के मद्देनजर नैनीताल और हल्द्वानी में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण की विशेष निगरानी का आदेश जारी किया है। 13 से 27 अक्टूबर तक दोनों शहरों में पर्यावरणीय मापदंडों की लगातार निगरानी की जाएगी, ताकि त्योहार के दौरान प्रदूषण स्तर पर नियंत्रण रखा जा सके।
बोर्ड के निर्देशों के अनुसार, इस अवधि में वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े भी नियमित रूप से दर्ज किए जाएंगे। दीपावली से पहले और बाद के दिनों में प्रदूषण में होने वाले बदलावों का तुलनात्मक विश्लेषण किया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम और नगर पालिका को निर्देश दिया है कि खुले में कूड़ा और प्लास्टिक जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए तथा स्वच्छता गश्त को बढ़ाया जाए।
इसके अलावा, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव, कवरिंग और मलबा ढकने के निर्देश भी दिए गए हैं। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि पटाखों के अति उपयोग, धूल निर्माण और अवैध कचरा जलाने से वायु गुणवत्ता में गिरावट हो सकती है, इसलिए नागरिकों से पर्यावरण-अनुकूल दीपावली मनाने की अपील की गई है।
बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष दीपावली के दौरान नैनीताल और हल्द्वानी में प्रदूषण स्तर में कुछ सुधार देखा गया था। इस वर्ष निगरानी और रोकथाम की बेहतर व्यवस्था की जा रही है ताकि वायु गुणवत्ता को “संतोषजनक” स्तर पर बनाए रखा जा सके।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि दीपावली पर ग्रीन पटाखों का ही प्रयोग करें, ध्वनि सीमा का पालन करें, और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दें।
राजपुर में जमीन कब्ज़ा मामला: ईडी ने कैफे संचालक की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की
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देहरादून के राजपुर क्षेत्र में उद्योगपति सुधीर विंडलास और उनके सहयोगियों पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमीन की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगा है। इस गंभीर मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, आरोप है कि सुधीर विंडलास और उनके साथियों ने राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर धोखाधड़ी के जरिए जमीन अपने नाम करवा ली। बाद में फर्जी कागजात तैयार कर उन जमीनों की बिक्री की गई। आरोपियों ने कैफे संचालक का मैदान लिया, जिसकी आड़ में ये अवैध जमीनों का उद्योग चलाया जा रहा था।
पुलिस ने अब तक चार मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें विभिन्न धाराओं के तहत जांच जारी है। राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन दोनों इस मामले में सक्रिय हैं और आरोपितों की सम्पत्तियों की जब्ती हेतु कदम उठा रहे हैं।
ईडी का कहना है कि इस जांच की पूरी गति और गंभीरता से आगे बढ़ाई जा रही है ताकि धन शोधन जैसी वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश किया जा सके। जांच में आरोपी उद्योगपति के आर्थिक लेन-देन, बैंक खातों और संपत्तियों की भी पड़ताल की जा रही है।
स्थानीय आम जनता और खरीददारों में इस मामले को लेकर खासा रोष है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि अवैध कब्जों के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि अन्याय की पुनरावृत्ति रोक सके।
यह मामला देहरादून में ज़मीन घोटाले की एक बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है, जिस पर आगामी दिनों में और खुलासे की संभावना जताई जा रही है।


