ब्रजघाट गंगा पुल पर रोडवेज बस की रेलिंग टूटी, बस गंगा नदी के ऊपर लटकी, 16 यात्री सुरक्षित निकाले गए
Uttar Pradesh News 5Oct2025/sbkinews.in
ब्रजघाट के गंगा पुल पर शनिवार को एक खौफनाक हादसा टल गया जब रामपुर डिपो की रोडवेज बस तेज रफ्तार में बिना कंट्रोल के पुल की मजबूत रेलिंग को तोड़ते हुए दो फ्लाईओवर के बीच अटक कर हवा में लटक गई। नीचे बहती गंगा नदी का गहरा पानी और ऊपर मौत का साया था।
बस में सवार 16 यात्रियों की जान बाल-बाल बची। हादसे के वक्त यात्रियों में चीख-पुकार मच गई थी और वे डर के मारे कांप रहे थे। कुछ यात्री प्रार्थना कर रहे थे तो कुछ आपस में एक-दूसरे को संभालने में लगे थे।
घटना दोपहर पौने चार बजे हुई, जब चालक अनुपम रामपुर डिपो की बस लेकर गंगा पुल पर पहुंचा। अचानक बस की स्पीड बढ़ी और अनियंत्रित होकर रेलिंग से टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि रेलिंग टूट गई और बस पास के दूसरे फ्लाईओवर के बीम पर लटक गई। अगर बस थोड़ी सी भी आगे बढ़ती तो गहरी नदी में गिरने का खतरा था।
शुरू में आसपास मौजूद राहगीरों में दम नहीं था कि वे यात्रियों को बाहर निकालें, लेकिन दस मिनट में उन्होंने हिम्मत जुटाकर पुलिस और बस परिचालक की मदद से यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
पुलिस ने बताया कि घायलों को तुरंत बचाया गया और किसी की जान को कोई खतरा नहीं है। इस घटना ने एक बड़े हादसे को होते रोका। मामला जांच में है और बस ड्राइवर की जांच की जा रही है कि कैसे उसने वाहन का नियंत्रण खोया।
यह घटना यात्रियों के लिए एक जीवंत सपना रही, जिसे वे कभी नहीं भूलेंगे, और प्रशासन को सड़कों की सुरक्षा और बसों के सही रखरखाव पर ध्यान देने की सीख भी।
अखिलेश यादव के बरेली दौरे से पहले गरमी राजनीति, सपा प्रतिनिधिमंडल का प्रवेश रोका गया
Uttar Pradesh News 5Oct2025/sbkinews.in
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के 8 अक्टूबर को बरेली और रामपुर जाने के कार्यक्रम से पहले राजनीति गरमाई है। बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद के बाद हुए उपद्रव और पुलिस कार्रवाई को लेकर सपा के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बरेली में प्रवेश से रोक दिया गया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पहिया कर रहे थे।
माता प्रसाद और कुछ अन्य सपा सांसदों तथा नेताओं को नजरबंद कर लिया गया। प्रतिनिधिमंडल में कैराना सांसद इकरा हसन, मुजफ्फरनगर सांसद हरेंद्र मलिक और रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी शामिल थे। पुलिस ने इन सांसदों को गाजियाबाद में रोक दिया और फिर दिल्ली की सीमा में छोड़ दिया।
सपा ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र की आवाज़ दबाने वाला करार दिया है और कहा है कि पुलिस निर्दोष लोगों पर कार्रवाई कर रही है। माता प्रसाद का आरोप है कि प्रशासन अपनी गलतियों को छिपाने के लिए पार्टी नेताओं को बरेली जाने से रोक रहा है।
बरेली में 26 सितंबर को हुए उपद्रव में 81 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सपा का प्रतिनिधिमंडल पौड़ित परिवारों से मिलकर पार्टी को रिपोर्ट करेगा।
इस बीच, बरेली में धारा 144 लागू है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित होने पर रोक है। पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है।
निर्वाचन और कानून-व्यवस्था के इस विवाद ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है, जहां सभी की निगाहें अब अखिलेश के प्रस्तावित दौरे पर टिकी हैं।
साथ ही, डिमे एक्सप्रेसवे (दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे) पर भी सांसदों की आवाजाही रोकी गई, जिससे विवाद और बढ़ गया। सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि आतंकवादियों को रोका नहीं जा रहा, लेकिन लोकतांत्रिक नेताओं को रोक दिया जाता है, यह चिंताजनक है।
यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राजनीतिक संवेदनशीलता को दर्शाता है, जहाँ राजनीतिक दलों के बीच जंग तेज हो रही है और प्रशासनिक नियंत्रण की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
मुजफ्फरनगर में किसान का अपहरण, 10 लाख रुपये की फिरौती देकर छोड़ा गया
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मुजफ्फरनगर के खेर गांव के एक किसान अटल कुमार का अपहरण नकाबपोश बदमाशों ने गन्ने के खेत में किया था। बदमाशों ने हथियारों के बल पर अटल को बंधक बनाकर रखा और मोबाइल फोन से गाजियाबाद में रहने वाले उनके बेटे मयंक को फोन कर 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग की।
मयंक को बदमाशों ने धमकी दी कि यदि पुलिस को खबर हुई या फिरौती नहीं दी गई तो उसके पिता की हत्या कर दी जाएगी। भयभीत मयंक गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर पहुंचा और निर्दिष्ट जगह पर 10 लाख रुपये की फिरौती पहुंचाई।
करीब एक घंटे बाद, शुक्रवार की देर शाम अटल कुमार को बदमाशों ने सुरक्षित छोड़ा। अटल कुमार ने पुलिस को तहरीर देकर इस घटना की जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि घटना की गहन जांच जारी है और अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। एसपी देहात आदित्य बंसल ने कहा कि किसान को उनके ही खेत में बंधक बनाकर रखा गया था और अपहरणकर्ता उसी के मोबाइल से पैसे लेने के बाद फरार हो गए।
यह मामला इलाके में कानून व्यवस्था और सुरक्षा की चुनौती को दर्शाता है, पुलिस ने जनता से आगाह किया है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें ताकि ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके।
फर्रुखाबाद में कोचिंग सेंटर के बाहर विस्फोट, दो छात्रों की मौत और पांच गंभीर रूप से घायल
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फर्रुखाबाद में सेंट्रल जेल के पास एक कोचिंग सेंटर के बाहर जोरदार विस्फोट हुआ, जिसकी आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनी गई। इस धमाके में बाइक पर सवार दो छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए।
विस्फोट का ऐसा प्रभाव था कि एक छात्र के शरीर के टुकड़े 50 मीटर दूर तक बिखर गए। कोचिंग सेंटर के अंदर भी मलबा गिर गया, भवन में दरारें आने लगीं, टिनशेड और खंभे टूट गए, और टिनशेड के नीचे खड़ी कई मोटरसाइकिलें भी क्षतिग्रस्त हो गई।
घायलों में सगे भाइयों समेत कई विद्यार्थी शामिल हैं, जिनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। देर रात एटीएस की टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची।
डीएम आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में विस्फोट सेप्टिक टैंक में बनी मीथेन गैस के कारण होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन इसे लेकर विवाद भी है। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि धमाके की वजह आतिशबाज़ी या विस्फोटक लाने के दौरान जमीन पर विस्फोट हो सकता है, क्योंकि निकटवर्ती धनसुआ गांव में आतिशबाजी बनाई जाती है।
घटना स्थल पर बनी जांच समिति और एटीएस की टीम इस मामले की पूरी तहकीकात कर रही है। मृतकों में 25 वर्षीय आकाया सभांन और 26 वर्षीय आकाश कश्यप शामिल हैं, जबकि कोचिंग में पढ़ रहे अन्य विद्यार्थी भी घायल हुए हैं।
यह घटना फर्रुखाबाद में शिक्षा और सुरक्षा के बीच की खाई को उजागर करती है और प्रशासन से अधिक सावधानी बरतने की मांग करती है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
बिजनौर में हाईवे गोदाम से चोरी का खुलासा, गार्ड समेत पांच गिरफ़्तार, चार आरोपी फरार
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बिजनौर शहर कोतवाली पुलिस ने मेरठ-पौड़ी हाईवे के निर्माणाधीन गोदाम में हुई चोरी का खुलासा करते हुए गार्ड छबरे पुत्र तुलसी समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। चार अन्य आरोपी अभी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।
गोदाम में पुल निर्माण से संबंधित सामग्री और लोहे की प्लेटें रखी हुई थीं। एक सितंबर की रात पिकअप गाड़ी से हथियारबंद बदमाशों ने गोदाम में जमा सामग्री चोरी की। जांच में इसकी साजिश में गार्ड की मिलीभगत सामने आई, जिसे आरोपियों ने 11 हजार रुपये दिए थे।
शहर कोतवाल धर्मेंद्र सोलंकी के मुताबिक पुलिस ने कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपितों का पता लगाया। आरोपितों के पास से बरामद पिकअप गाड़ी तथा 10 लोहे की प्लेटें भी पुलिस ने जब्त की हैं।
गिरफ्तार आरोपितों में जुल्फिकार, नौशाद, नसीम, रईस और गार्ड छबरे शामिल हैं, जिन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है। फरार आरोपितों में भूरा, हनीफ उर्फ़ मस्तुल्ला, फुरकान और अरशद हैं। पुलिस इनके पकड़ने के लिए अभियान चला रही है।
यह कार्रवाई हाईवे निर्माण कार्य में बाधा डालने वाले अपराधियों के खिलाफ पुलिस की कड़ी प्रतिक्रिया को दर्शाती है और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शामली के कैराना में पत्नी के साथ बेवफाई पर पति ने बच्चों समेत यमुना नदी में कूदकर आत्महत्या की कोशिश
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शामली के कैराना में एक युवक सलमान ने अपने दांपत्य जीवन में पत्नी की बेवफाई और गैर युवक के साथ भाग जाने से आहत होकर चार बच्चों के साथ यमुना नदी में कूद दिया। घटना से पहले उसने अपनी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाते हुए तीन वीडियो बनाए और उन्हें इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया।
सलमान ने अपने 12 वर्षीय महक, 8 वर्षीय इनायशा, 4 वर्षीय शिफा और 3 वर्षीय आयान को लेकर नदी किनारे पहुंचा और उन्हें नदी में धकेलने के बाद खुद भी कूद गया। हालांकि, किसी ने उसे कूदते हुए सीधे नहीं देखा, लेकिन बाद में कई लोगों ने बच्चे और युवक को यमुना नदी के पास देखा।
पुलिस ने आसपास लगे CCTV फुटेज खंगाले हैं, जिसमें सलमान और उसके बच्चे एक चाय की दुकान पर बैठे दिखे जहाँ वे चाय और समोसे खाते नजर आ रहे थे। इसके बाद वह बच्चे लेकर यमुना नदी के पुराने पुल की ओर चले गए।
सलमान के मोबाइल की अंतिम लोकेशन भी यमुना पुल के पास पाई गई है। पुलिस और गोताखोरों ने 12 घंटे से सलमान और उसके बच्चों की तलाश में यमुना नदी में सर्च अभियान चलाया, लेकिन अभी तक किसी का पता नहीं चला है।
पुलिस अधिकारी एसडीएम संतोष कुमार सिंह, निधि भारद्वाज और नायब तहसीलदार सतीश यादव इस सर्च अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। एएसपी संतोष कुमार सिंह ने सर्च अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
सलमान की बहन गुलिस्ता ने बताया कि सलमान मानसिक रूप से काफी परेशान था, क्योंकि उसकी पत्नी कई बार घर छोड़ कर जा चुकी थी। यह घटना परिवार और इलाके में खूब चर्चा का विषय बनी हुई है।
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही सलमान और उसके बच्चों का पता लग जाएगा। यह घटना दांपत्य जीवन में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करती है।
सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी के नाम पर तीन शहरों में निजी अस्पताल रजिस्टर्ड, जांच के आदेश
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बुलंदशहर: सरकार की कड़ी सख्ती के बावजूद निजी अस्पतालों के पंजीकरण में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। एक चिकित्सक के प्रमाणपत्र का उपयोग तीन अलग-अलग शहरों—मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर—में निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किया गया है। इसमें बुलंदशहर का एक अस्पताल भी शामिल है।
शिकायतकर्ता ओम प्रकाश, जो मेरठ के हापुड़ बस स्टैंड के पास रहते हैं, ने स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और जिलाधिकारियों को शिकायत भेजी है कि एक सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी जिनका काम मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल में था, वे मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर के अस्पतालों में पूर्णकालिक सेवा देने का दावा कर रहे हैं, जबकि नियमानुसार ऐसा संभव नहीं है।
सीएमओ डॉ. सुनील कुमार दोहरे ने बताया कि एनएस केयर हॉस्पिटल मेरठ, आयुषी हेल्थ केयर हॉस्पिटल बुलंदशहर और नवजीवन नर्सिंग होम हापुड़ में एक ही चिकित्सक के प्रमाणपत्र से सेवाएं दी जा रही हैं। अस्पतालों के पंजीकरण के समय चिकित्सक की ओर से शपथपत्र दिया जाता है कि वे नियमों का पालन करेंगे।
नियमों के अनुसार, एक चिकित्सक एक शहर में अधिकतम दो अस्पतालों में सेवाएं दे सकता है और दो जिले में तभी जब दोनों जगह की दूरी 50 किलोमीटर तक हो। इस मामले में बुलंदशहर के आयुषी हेल्थ केयर हॉस्पिटल में प्रमाणपत्र का दुरुपयोग होने की शिकायत मिली है।
सीएमओ ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं और अन्य जिलों में भी ऐसे अस्पतालों की जानकारी जुटाने की बात कही है। इस मामले से निजी अस्पतालों के पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार की जरूरत को उजागर किया गया है।


