रुद्रपुर में बिजली कटौती पर कांग्रेस का रोष, अधीक्षण अभियंता का किया घेराव
Uttarakhand News 10Oct2025/sbkinews.in
रुद्रपुर में लगातार हो रही बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश है। कांग्रेस नेताओं, व्यापारियों और पार्षदों ने ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय का घेराव कर ज़ोरदार नारेबाजी की। उनका आरोप है कि बिजली कटौती की वजह से आम जनता, व्यापारी वर्ग और बीमार लोग खासा परेशान हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता मोहन खेड़ा ने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में बिजली की बार-बार कटौती से व्यापार प्रभावित हो रहा है और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय जुनेजा ने बताया कि हल्की हवा या बारिश होते ही बिजली चली जाती है जिससे बड़े नुकसान होते हैं। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर जल्द बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे और बिजली निगम कार्यालय के बाहर धरना देंगे।
इस प्रदर्शन में कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा, महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा समेत कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने बिजली कटौती रोकने के साथ ही किसानों के मुद्दों, जैसे धान खरीद कीमत, बिजली बिल माफी, और खाद की किल्लत पर भी आवाज उठाई।
ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता डीके जोशी ने कांग्रेस नेताओं को आश्वासन दिया कि आगामी त्योहारों में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
यह मामला यूपी में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था और त्योहारों के दौरान बढ़ती मांग के बीच संतुलन बनाये रखने की चुनौती को दर्शाता है।
उत्तराखंड में किसानों ने मंडी गेट पर ताला जड़ा, खरीद न होने से भड़का आक्रोश
Uttarakhand News 10Oct2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के काशीपुर मंडी समिति में धान की पीआर 126 और पीआर 131 वैरायटी की खरीद से इंकार के बाद किसानों ने गहरा विरोध जताया है। किसानों ने मंडी गेट पर ताला जड़ दिया और जोरदार प्रदर्शन किया। इस आंदोलन के दौरान मंडी में आवागमन बाधित हो गया।
किसानों ने आरोप लगाया कि क्रय केंद्रों पर मिल मालिकों के दबाव में धान की कटौती और वैरायटी की खरीद नहीं की जा रही है। किसानों का कहना है कि अगर इन वैरायटी को खरीदना जरूरी नहीं था तो क्यों उनके खेतों में इस धान की बुवाई करने की जानकारी नहीं दी गई।
मंडी समिति के अधिकारियों और किसानों के बीच नोकझोंक भी हुई। किसान एमएमपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) पर धान खरीद की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रतिबंधित वैरायटी को लेकर साफ लिखित आदेश देने की भी मांग की है।
यहां मौजूद किसान नेताओं ने मिल मालिकों पर धान के दाम कम लेने का आरोप लगाया और उन्हें उचित मूल्य पर खरीद करने की मांग की। प्रशासन ने किसानों को आश्वासन दिया कि वे इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
किसान संगठन यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे हाइवे जाम और और उग्र आंदोलन कर सकते हैं।
यह घटना राज्य में किसानों की बढ़ती नाराजगी और मंडी समिति तथा मिल मालिकों के बीच जारी टकराव को दर्शाती है। सभी पक्ष मामले को सुलझाने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं।
उत्तराखंड सरकार ने जनजातियों को समान नागरिक संहिता (UCC) से रखा बाहर; स्वैच्छिक समावेशन पर विचार जारी
Uttarakhand News 10Oct2025/sbkinews.in
उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर जनजातीय समुदायों को फिलहाल बाहर रखा है। राज्य में मुख्य रूप से थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा और राजी जैसी जनजातियां निवास करती हैं, जिन्हें अभी UCC के दायरे में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ जनजातीय समुदायों द्वारा स्वैच्छिक विवाह पंजीकरण जैसी सुविधाओं की मांग की गई है, जो वर्तमान यूसीसी नियमों में शामिल नहीं हैं।
सरकार जनजातीय समुदायों की विशिष्ट सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक संरचनाओं को ध्यान में रखते हुए जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहती। इस मुद्दे पर विस्तृत विमर्श और परामर्श की प्रक्रिया चल रही है। यूपी अनुसूचित जनजाति आयोग और अन्य संबंधित निकायों से चर्चा के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता 2024 के तहत विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने और अन्य व्यक्तिगत कानूनों को एकीकृत करने का प्रयास है, लेकिन जनजातीय समुदायों की पारंपरिक व्यवस्थाओं को सुरक्षित रखने का भी ध्यान रखा जा रहा है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई जनजाति UCC में शामिल होना चाहेगी, तो उन्हें यह विकल्प दिया जाएगा, जिससे उन्हें सरकारी सेवाओं, विवाह पंजीकरण और अन्य प्रमाण पत्रों में आसानी होगी। साथ ही राज्य में सांस्कृतिक पहचान और अधिकारों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
यह विषय संवेदनशील होने के कारण समावेशन को लेकर संतुलित और व्यापक विचार-विमर्श जारी है, ताकि सभी समुदायों की सामाजिक और सांस्कृतिक गरिमा बना रहे।
केदारनाथ में तीन दिन की बर्फबारी के बाद सुहावना मौसम, पांच से छह इंच तक जमी बर्फ
Uttarakhand News 10Oct2025/sbkinews.in
केदारनाथ में अक्टूबर महीने में ही तापमान शून्य से नीचे चला गया है, जो पिछले कई वर्षों में पहली बार हुआ है। तीन दिन तक लगातार बर्फबारी के कारण मौसम पूरी तरह ठंडा पड़ गया है और वहां पांच से छह इंच तक बर्फ जमा हो गई है।
आमतौर पर अक्टूबर में केदारनाथ में इतनी ठंडक और बर्फबारी नहीं होती, लेकिन इस बार का मौसम दिसंबर जैसा रहा है। मौसम विभाग ने बताया है कि आगामी दिनों में भी ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड और बढ़ेगी और बर्फबारी की संभावना बनी रहेगी।
यह स्थिति श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए मौसम के लिहाज से चुनौती भरी हो सकती है, इसलिए सभी को मौसम का ध्यान रखते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को भी मौसम की स्थिति के अनुसार अपनी योजना बनाने और जरूरी सुरक्षा इंतजाम करने की सलाह दी जा रही है।
उत्तरकाशी धराली आपदा में लापता 12 लोग मृतक घोषित, खीर गंगा बाढ़ से हुई थी तबाही
Uttarakhand News 10Oct2025/sbkinews.in
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में 5 अगस्त को आई विनाशकारी खीर गंगा बाढ़ के बाद लापता 12 लोगों को प्रशासन ने मृत घोषित कर दिया है। पुलिस की अंतिम रिपोर्ट में उनके जीवित बचे रहने की संभावना न के बराबर बताई गई थी।
एसडीएम भटवाड़ी ने इस संबंध में सार्वजनिक सूचना जारी कर दी है, ताकि मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जा सके। यह कदम प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
धराली आपदा ने स्थानीय लोगों की जिंदगी में भारी तबाही मचाई थी, जहां बाढ़ के कारण कई मकान, सड़कें और फसलों को क्षति पहुंची थी। प्रशासन ने राहत और पुनर्वास के लिए कई कदम उठाए थे, जिसमें मलबा हटाने और प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता शामिल है।
एक्सपर्ट्स की राय में उत्तराखंड जैसे पर्वतीय इलाकों में जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ती जा रही हैं, जिनके खतरे से निपटने के लिए बेहतर तैयारी और ठोस प्रबंधन की जरूरत है।
प्रदेश सरकार ने भी प्रभावित इलाकों में बचाव तंत्र को और सशक्त बनाने का भरोसा दिया है।
उत्तराखंड में रहस्यमयी बीमारी से मौतों का सिलसिला, स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए
Uttarakhand News 10Oct2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के अल्मोड़ा और हरिद्वार जिलों में रहस्यमयी वायरल बुखार से कई लोगों की मौत हो गई है, जिससे शासन और स्वास्थ्य विभाग में चिंताएं बढ़ गई हैं। खासकर अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लॉक में वायरल बुखार ने छह लोगों की जान ले ली है, जबकि हरिद्वार के रुड़की में भी इसी प्रकार की मौतों की खबरें आ रही हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने इन मौतों के कारणों की तहकीकात के लिए विशेष जांच टीम भेजने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग पर इलाज में लापरवाही के आरोप भी लग रहे हैं, जिससे लोगों में चिंता और शिकायतें बढ़ी हैं।
राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संक्रमित इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और जागरूकता अभियान तेज करने का निर्देश दिया है। बचाव एवं उपचार के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराने पर फोकस किया जा रहा है ताकि संक्रमण पर जल्दी नियंत्रण पाया जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल बुखार जैसी बीमारियाँ तेजी से फैल सकती हैं, इसलिए वैश्विक स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप सतर्कता और समय पर सही इलाज बेहद जरूरी है।
यह घटना राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में चुनौतियों को रेखांकित करती है तथा बेहतर निगरानी और प्रतिक्रिया तंत्र की आवश्यकता को सामने लाती है।


