बागेश्वर में 'धरम पाजी' स्टाइल में नशे में युवक चढ़ा पुल पर, कूदने की धमकी के बाद पुलिस ने किया रेस्क्यू

Uttarakhand News 12Oct2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के बागेश्वर में शुक्रवार रात को ‘धरम पाजी’ की तरह सोनू उर्फ सनी नामक युवक शराब के नशे में सरयू मोटर पुल के ऊपरी हिस्से पर चढ़ गया। करीब पौने घंटे तक युवक ने पुल पर बैठकर कूदने की धमकी दी, जिससे सड़क पर भीड़ और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और समझाबुझाकर युवक को सुरक्षित नीचे उतार लिया। मेडिकल जांच में नशे की पुष्टि हुई। जांच में पता चला कि पारिवारिक तनाव के कारण उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी, जिससे मानसिक रूप से परेशान होकर युवक ने बादामी कदम उठाया।
पुलिस ने उसकी काउंसलिंग कराई और परिवारवालों के सपुर्द कर मामला शांत किया। घटना का वीडियो स्थानीय लोगों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे शहर में चर्चा का विषय बना रहा।
यह घटना मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह और नशे की वजह से बढ़ती आत्मघाती प्रवृत्तियों को उजागर करती है। ऐसे मामलों में समय रहते काउंसलिंग और पुलिस की तत्परता राहत साबित हो रही है।
धनतेरस-दीपावली पर दून में चाक-चौबंद सुरक्षा, ड्रोन से होगी निगरानी; बाजारों व भीड़ वाली जगहों पर विशेष सतर्कता

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धनतेरस और दीपावली के त्योहार को लेकर देहरादून में पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। संवेदनशील इलाकों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे, जबकि पूरे शहर पर ड्रोन के ज़रिए निगरानी रखी जाएगी।
इस मौके पर बाजारों के अंदर और आसपास वाहनों का प्रवेश सीमित रहेगा तथा अस्थाई पार्किंग के विशेष प्रबंध किए गए हैं। ट्रैफिक डायवर्जन योजना के तहत खासी भीड़ वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है और एसएसपी स्तर के अधिकारी सघन मॉनिटरिंग करेंगे।
विक्रम, मैजिक और सिटी बसों के लिए रूट्स में भी विशेष बदलाव किया गया है ताकि जाम और भीड़भाड़ से बचा जा सके। फायर और आपात सेवा विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है, बाजारों एवं पटाखा विक्रेताओं के लिए सुरक्षा मानकों की जांच की जा रही है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें और नियमों के पालन में सहयोग करें, जिससे त्योहार पूरी सुरक्षा और शांति के साथ मनाया जा सके।
दीपावली से पहले उल्लू शिकारियों पर वन विभाग का पहरा, गश्त और जागरूकता की मुहिम तेज

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दीपावली के समय उत्तराखंड में उल्लुओं के शिकार की घटनाएं बढ़ जाती हैं, विशेषकर तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के कारण इनकी बलि देकर अंगों की तस्करी होती है. वन विभाग ने इस गंभीर समस्या पर सख्त अलर्ट जारी करते हुए सभी जिलों में रात्रि गश्त और वनकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती के निर्देश दिए हैं. संवेदनशील जंगल, रिजर्व पार्क और सीमावर्ती क्षेत्रों में छानबीन और सतर्कता लगातार बढ़ाई जा रही है.
उल्लुओं का शिकार वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध है. इनकी खरीद-फरोख्त या तस्करी में जरा भी संलिप्तता पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है. वन विभाग, वन्य जीव संरक्षण संगठनों के साथ मिलकर स्थानीय समाज में जागरूकता अभियान चला रहा है ताकि लोग धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व समझ सकें और उल्लुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो.
पर्व के आसपास वन विभाग की टीमें ड्रोन, क्यूआरटी और प्रशिक्षित स्निफर डॉग की मदद से निगरानी का दायरा बढ़ा रही हैं. कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं. विभाग का उद्देश्य अवैध शिकार पर पूरी तरह नकेल कसना और जैव विविधता बचाए रखना है.
देहरादून में डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष की सड़क हादसे में मौत, तेज रफ्तार कार ने मारी टक्कर

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राजधानी देहरादून में तेज रफ्तार का कहर एक बार फिर देखने को मिला। शिमला बाईपास रोड स्थित सेंट ज्यूड्स स्कूल के पास एक कार ने डीएवी पीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिष्ट को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद कार सवार आरोपी घटना स्थल से फरार हो गए।
पुलिस के अनुसार, घटना में शामिल वाहन एक वर्कशॉप में मरम्मत के लिए आया था और हादसे के बाद वर्कशॉप मालिक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने बताया कि कार इतनी तेज रफ्तार में थी कि टक्कर के बाद जितेंद्र कई फीट दूर जाकर गिरे।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी चालक की तलाश जारी है। कार के सीसीटीवी फुटेज और आसपास के कैमरों की जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वाहन का रजिस्ट्रेशन ट्रैक कर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
जितेंद्र बिष्ट, जो छात्र राजनीति में सक्रिय रहे थे, अपनी साफ-सुथरी छवि और नेतृत्व कौशल के लिए कॉलेज में काफी लोकप्रिय थे। उनकी मौत से छात्र और स्थानीय निवासी गहरे सदमे में हैं।
दीपावली पर बिना छुट्टी बस दौड़ाने वाले को मिलेगा नकद इनाम, बस में मिठाई पाने पर कार्रवाई

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उत्तराखंड परिवहन निगम ने दीपावली के त्योहारी सीजन में बिना छुट्टी ड्यूटी करने वाले ड्राइवर, कंडक्टर और तकनीकी कर्मचारियों के लिए नकद प्रोत्साहन योजना शुरू की है। यह योजना 16 से 26 अक्टूबर तक लागू रहेगी, जिसमें मैदानी, पर्वतीय और मिश्रित मार्गों के लिए अलग-अलग किलोमीटर/सेवा लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। निर्धारित लक्ष्य पूरा करने वालों को प्रोत्साहन के रूप में नकद इनाम मिलेगा.
इतना ही नहीं, निगम ने दिवाली पर यात्रियों की भारी भीड़ को कवर करने के लिए 200 से अधिक अतिरिक्त बसें भी चलाने की तैयारी कर ली है, जिससे छुट्टियों के दौरान आम लोगों को यात्रा में परेशानी न हो. इस योजना के तहत जिन कर्मचारियों की ड्यूटी छुट्टियों के बावजूद जारी रहेगी और वे निर्धारित लक्ष्य हासिल करेंगे, उन्हें अतिरिक्त नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
विशेष आदेश में यह भी कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी अपनी बस में मिठाई या अन्य त्योहार सामग्री रखता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और बसों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आगामी परीक्षाओं में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, तकनीकी उपायों पर जोर

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) अपनी परीक्षाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेज़ी से कदम उठा रहा है। पिछले पेपर लीक प्रकरण के बाद, आगामी परीक्षाओं के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सख्त कर दी गई है। सारी परीक्षाओं के दौरान बायोमेट्रिक जांच, फिंगरप्रिंट, और अत्याधुनिक जैमरों का प्रयोग किया जाएगा ताकि कोई भी अनाधिकार प्रवेश या नकल न हो सके.
अधिकांश परीक्षाओं के आयोजन से पहले, परीक्षा केंद्रों का पूर्ण सैनिटाइजेशन किया जाएगा तथा परीक्षा स्थल पर पुलिस और सुरक्षा बलों की टुकड़ियां तैनात की जाएंगी। परीक्षा शुरू होने से पहले, स्टाफ की सघन जांच और वीडियो निगरानी भी सुनिश्चित की जाएगी।
उम्मीदवारों को निर्देशित किया गया है कि वे परीक्षा केंद्र पर कम से कम दो घंटे पहले पहुंचें ताकि प्रवेश प्रक्रिया में कोई देरी न हो। अभी तक की सभी तैयारियों का उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि परीक्षा का आयोजन पूरी तरह से पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से हो।
यह कदम परीक्षा व्यवस्था को फुलप्रूफ बनाने और किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचाव के लिए महत्वपूर्ण हैं, ताकि भविष्य में परीक्षा संचालन में कोई चूक न हो।


