बिजनौर में 12 दिन में सुधार: धूल और प्रदूषण का स्तर घटकर अब हवा साफ, गंगा का जल निर्मल, पर्यावरण संरक्षण की राह पर अग्रसर
Bijnor News today 03Nov2025/sbkinews.in
बिजनौर जिले में विगत कुछ दिनों में पर्यावरण की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। दीपावली के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 136 तक पहुंच गया था, जो गंभीर प्रदूषण की श्रेणी में आता है। इससे लोगों में चिंता फैल गई थी, लेकिन मात्र 12 दिनों में ही जिले की हवा अत्यधिक साफ हो गई है और अब इसकी गुणवत्ता संतोषजनक है।
यह अद्भुत बदलाव जिले के पर्यावरण संरक्षण की सफलता को दर्शाता है। जिले के हवा की गुणवत्ता का मानक 50 से 100 के बीच रह रहा है, जो पहले की अपेक्षा काफी बेहतर है। साथ ही, गंगा की धारा भी पूरी तरह से निर्मल है, जिसमें घुलित आक्सीजन की मात्रा अधिक है, जो जलीय जीवों के जीवन के लिए अत्यंत अच्छा संकेत है। जिले में गंगा का पानी भी पूरी तरह से स्वच्छ है, और पानी की रिपोर्ट में घटक तत्वों की मात्रा मानकों के भीतर दर्ज हुई है जैसे कि बीओडी 3 से कम, क्लोराइड 600 तक, और टीडीएस 1500 तक, जो साफ-सुथरे जल का संकेत हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह स्थिति बनी रहती है तो जिले का वातावरण पूरे साल ही साफ रहेगा। यह प्रदूषण में कमी और पर्यावरण संरक्षण का उत्कृष्ट उदाहरण है। लोगों को भी स्वच्छ हवा में सांस लेने का मौका मिलेगा। इस सफलता को आगे भी बनाए रखने के लिए जगह-जगह पर जागरूकता अभियान और पर्यावरण के प्रति जागरूकता जरूरी है।
यह परिवर्तन जिले की विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिले के वायु और जल प्रदूषण की स्थिति में सुधार के साथ ही स्वास्थ्य और जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे।
बिजनौर के इमरतपुर गांव में फिर नजर आया बाघ, वन विभाग ने ड्रोन, ट्रैप कैमरा व ब्लिंकिंग लाइट से सुरक्षा कड़ी की, ग्रामीणों में दहशत, स्कूल बंद
Bijnor News today 03Nov2025
बिजनौर जिले के इमरतपुर गांव में बाघ की दस्तक से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। शुक्रवार को दो बार बाघ की मौजूदगी देखी गई, जिसके बाद वन विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए ड्रोन से बाघ की लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया। साथ ही गांव के आसपास सुरक्षा के लिए सात ब्लिंकिंग लाइटें और चार ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं, ताकि बाघ की गतिविधि पर नजर रखी जा सके और उसे पकड़ने में मदद मिल सके।
बाघ की मौजूदगी से ग्रामीण और स्कूलों में बच्चों के अभिभावक भी चिंतित हैं। बाल विद्या भवन स्कूल, जो कि बाघ की नजर आने वाले खेत के करीब है, शुक्रवार और शनिवार को बच्चों को स्कूल न आने के लिए कहा गया। ग्रामीणों ने वन विभाग से अपील की है कि बाघ को ट्रैंक्विलाइज करके जंगल में छोड़ा जाए ताकि जानमाल की सुरक्षा हो सके।
अधिकारी बताते हैं कि असल में बाघ अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज के पास की बरसाती नदी के किनारे से निकलकर बाहरी इलाकों में आ जाता है। वन विभाग ने बताया कि सोलर संचालित ब्लिंकिंग लाइटें बाघ, गुलदार और अन्य वन्यजीवों को दूर रखने में सहायक हैं। वन विभाग के अधिकारी लगातार इलाके में गश्त कर रहे हैं और ग्रामीणों से सतर्क रहने का आग्रह कर रहे हैं।
धार्मिक और ग्रामीण क्षेत्र के हिस्से में बाघ की मौजूदगी ने चिंता बढ़ा दी है, खासकर तब जब खेतों में काम करने वाले किसानों पर भी बाघ का हमला हो चुका है। वन विभाग की टीमें लगातार जगह-जगह निरीक्षण कर रही हैं ताकि वन्यजीव सुरक्षा के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।
नजीबाबाद बाईपास मार्ग की खस्ताहाल स्थिति से यात्रियों व चालकों को परेशानी, गहरे गड्ढे और उखड़ी बजरी से जूझ रहा मार्ग, लोक निर्माण विभाग ने जल्द सुधार का आश्वासन
Bijnor News today 03Nov2025
नजीबाबाद बाईपास मार्ग की स्थिति काफी खराब हो चुकी है, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आजाद चौक से सिविल न्यायालय तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा यह बाईपास मार्ग गड्ढों और उखड़ी हुई बजरी से भरा हुआ है, जिससे आवागमन में रुकावटें आ रही हैं। सड़क पर पड़े गहरे गड्ढे वाहन चालकों के लिए दुर्घटना का कारण बने हुए हैं और यात्रियों को कमर दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
नजीबाबाद बाईपास मार्ग से गुजरने वाली रोडवेज बसों सहित भारी यातायात होता है, जो हरिद्वार और अन्य उत्तराखंड के शहरों तक जाने वाले यात्रियों के लिए अहम मार्ग है। हालांकि, मार्ग की खराब हालत ने सफर को जटिल बना दिया है। स्थानीय लोगों और यात्रियों ने प्रशासन से इस मार्ग की मरम्मत और सुधार की मांग की है।
लोक निर्माण विभाग ने कांवड़ यात्रा के दौरान मार्ग पर पड़े गड्ढों को भरवाने का कार्य किया था, लेकिन जल निकासी व्यवस्था खराब होने के कारण बार-बार सड़क टूटती रहती है। मनोज कुमार राजपूत ने बताया कि मार्ग की मरम्मत के लिए कार्य योजना बनाकर भेजी गई है और जल्द ही गड्ढों की भरपाई का काम शुरू कर दिया जाएगा।
एनएचएआई के अधिकारी भी तेज गति से इस मार्ग के निर्माण कार्य को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। बाईपास के निर्माण के पूरा होने से नजीबाबाद शहर के ट्रैफिक की समस्या में राहत मिलेगी और यात्रियों को सुगम आवागमन सुनिश्चित होगा।


