बिजली बिल राहत योजना:बिजली बिल के पुराने बकाएदारों को मूल बिल पर 25 प्रतिशत तक की छूट, राहत योजना दिसंबर से लागू

UP News today 12Nov2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली बिल के बकाएदारों के लिए बड़ी राहत योजना की घोषणा की है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि 1 दिसंबर 2025 से शुरू होने वाली इस योजना के तहत नेवर पेड (कभी बिल न देने वाले) और लॉन्ग डिफॉल्टर (लंबे समय से बकाया न चुकाने वाले) उपभोक्ताओं को अगर एकमुश्त बकाया राशि जमा करते हैं तो उन्हें ब्याज यानी सरचार्ज में 100 प्रतिशत और मूलधन में 25 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी।
यह योजना तीन चरणों में लागू होगी। पहले चरण (1 से 31 दिसंबर 2025) में पंजीकरण कराने पर उपभोक्ताओं को 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी, दूसरे चरण (1 से 31 जनवरी 2026) में 20 प्रतिशत, और तीसरे चरण (1 फरवरी से 28 फरवरी 2026) में 15 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। योजना दो किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं और एक किलोवाट तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए है।
बिजली चोरी के मामलों में पकड़े गए उपभोक्ता भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। उनके लिए भी राजस्व निर्धारण धनराशि पर छूट का प्रावधान रखा गया है। योजना में मासिक किस्तों में भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिसमें उपभोक्ता 500 या 750 रुपये मासिक किस्तों में बकाया चुका सकेगा।
ऊर्जा मंत्री के अनुसार, योजना का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत देना है। योजना के दौरान ओवर बिलिंग और अंडर बिलिंग के मामलों का भी संशोधन किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को सही और पारदर्शी बिलिंग मिले।
उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट, जन सेवा केंद्र (CSC) या विभागीय कैश काउंटर के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। मंत्री ने समय पर पंजीकरण कर योजना का अधिकतम लाभ लेने की अपील की है।
UP News today 12Nov2025
अगर गली में संपत्ति तो नहीं देना होगा मुख्य सड़क वाला सर्किल रेट, यूपी में एकीकृत सर्किल रेट मानक लागू

UP News today 12Nov2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्किल रेट निर्धारण की विसंगतियों को दूर करते हुए पूरे प्रदेश में एक समान मानक तय कर दिया है। इससे सर्किल रेट अधिक व्यावहारिक और पारदर्शी बनेंगे और संपत्ति का सही मूल्यांकन आसान होगा। नई दर सूची में गलियों में स्थित संपत्ति के लिए अब मुख्य सड़क के सर्किल रेट के आधार पर स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी।
राज्य के स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि पहले जिलों में सर्किल रेट तय करने की अलग-अलग व्यवस्थाएं थीं। वर्ष 2013 से लागू सूची में विसंगतियां थीं, जो अब ठीक कर एकीकृत लिस्ट तैयार की गई है। नए मानकों के तहत प्रदेश के सभी उपनिबंधक कार्यालयों में एक समान फार्मेट और दर सूची होगी।
नई सूची में नगरीय, अर्द्धनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों को 15 श्रेणियों में बांटा गया है। इसके अलावा कृषक, अकृषक (आवासीय) और वाणिज्यिक भूमि के लिए भिन्न श्रेणियां बनाई गई हैं। इससे स्टांप शुल्क और संपत्ति का मूल्यांकन सटीक होगा।
मुख्य सड़क से दूर गलियों में स्थित भवन-भूखंडों के मूल्यांकन हेतु स्पष्ट व्यवस्था की गई है, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों को न्याय मिलेगा। विकासशील व विकसित क्षेत्रों में भी नए सर्किल रेट लागू किए गए हैं।
सरकार का उद्देश्य संपत्ति खरीदारी को सरल बनाना और टैक्स चोरी को रोकना है। नए सर्किल रेट क़ानूनी प्रक्रिया को भी सुचारू बनाएंगे।
UP News today 12Nov2025
इंटरमीडिएट संस्कृत, हिंदी व हाईस्कूल हिंदी परीक्षा की समयसारिणी बदली, परीक्षार्थी हित में बदलाव

UP News today 12Nov2025
यूपी बोर्ड ने वर्ष 2026 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा की समयसारिणी में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पहली बार इंटरमीडिएट संस्कृत और अंग्रेजी की परीक्षाएं एक ही दिन में होने के कारण करीब 18,000 छात्रों को दोनों पालियों में परीक्षा देनी पड़ती थी, जिससे उनके रिवीजन का समय कम हो जाता था। इस समस्या को देखते हुए बोर्ड ने परीक्षा तिथियों में परिवर्तन किया है।
अब इंटरमीडिएट संस्कृत की परीक्षा 20 फरवरी की जगह 12 मार्च 2026 को दूसरी पाली में आयोजित की जाएगी। जबकि अंग्रेजी की परीक्षा 20 फरवरी को निर्धारित दूसरे पाली में ही होगी। यह परिवर्तन छात्रों के हित को ध्यान में रखकर किया गया है ताकि वे दोनों विषयों में उचित तैयारी कर सकें।
इसके अलावा, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की हिंदी विषय की परीक्षा भी अब अलग-अलग पाली में होगी। 18 फरवरी 2026 को हाईस्कूल की हिंदी और प्रारंभिक हिंदी की परीक्षा पहली पाली में, जबकि इंटरमीडिएट की हिंदी एवं सामान्य हिंदी की परीक्षा उसी दिन दूसरी पाली में आयोजित की जाएगी।
यह नई व्यवस्था परीक्षा प्रक्रिया को बेहतर बनाएगी और छात्रों को परीक्षा के दौरान तनाव कम करने में मदद करेगी। परीक्षा सुबह 8:30 बजे से 11:45 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 5:15 बजे तक दो पालियों में आयोजित की जाएगी।
कांस्टेबल (जीडी) भर्ती परीक्षा-2025: दस्तावेज सत्यापन और मेडिकल परीक्षण की तैयारी आज से शुरू

UP News today 12Nov2025
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की कांस्टेबल (जीडी) भर्ती परीक्षा-2025 में शारीरिक दक्षता परीक्षण (पीईटी) और शारीरिक मापदंड परीक्षण (पीएसटी) में सफल अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन (डीवी) और विस्तृत चिकित्सा परीक्षण (डीएमई) की प्रक्रिया 12 नवंबर 2025 से शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया निर्धारित केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।
इस भर्ती परीक्षा के अंतर्गत अभ्यर्थियों का चयन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), सचिवालय सुरक्षा बल (एसएसएफ), असम राइफल्स में राइफलमैन (जीडी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में सिपाही पदों के लिए किया जा रहा है। पीईटी और पीएसटी का परिणाम 13 अक्टूबर को जारी किया गया था। अब सफल अभ्यर्थियों को नोडल एजेंसी सीआरपीएफ की देखरेख में दस्तावेज़ सत्यापन और मेडिकल परीक्षा से गुजरना होगा।
अभ्यर्थियों के लिए चिकित्सा परीक्षण और दस्तावेजों की जांच बेहद महत्वपूर्ण चरण है, जो उनकी योग्यता और फिटनेस का निर्धारण करेगा। सभी उम्मीदवारों को अपने मूल प्रमाणपत्रों के साथ निर्धारित तिथि और केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य है। दस्तावेज सत्यापन के बाद ही अभ्यर्थियों को अंतिम चयन के लिए आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
सीआरपीएफ द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा जिससे योग्य उम्मीदवारों का सही चयन हो सके। अभ्यर्थी एसएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित अपडेट के लिए देख सकते हैं।
सूदखोरों से तंग होकर कलक्ट्रेट में आत्मदाह करने पहुंचा अनुसूचित जाति का परिवार, पुलिस ने सक्रीयता दिखाकर रोका बड़ा हादसा

UP News today 12Nov2025
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के असारा गांव में रहने वाले अनुसूचित जाति के एक परिवार ने सूदखोरों के उत्पीड़न और स्थानीय तंत्र की अनदेखी से परेशान होकर कलक्ट्रेट में आत्मदाह करने का प्रयास किया। परिवार तीन दिनों से कलक्ट्रेट पर न्याय की मांग को लेकर धरने पर था। जब आत्मदाह की खबर पुलिस को मिली, तो अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और परिवार के पास से पेट्रोल भरी बोतल जब्त कर लिया।
परिवार की मुखिया ममता ने बताया कि उनके 16 वर्षीय बेटे अर्जुन के सिर की नस फटने पर तीन लाख रुपये का ऑपरेशन करवाना था। इसी के लिए गांव के तीन मुस्लिम व्यक्तियों से चार लाख रुपये उधार लिए थे, जिनके मासिक ब्याज तीन रुपये था। इस उधार के लिए उन्होंने अपना सवा तीन बीघा जमीन गिरवी रखी थी, जिसका एग्रीमेंट भी किया गया था।
मामला यह है कि आरोपित सूदखोरों ने फर्जी तरीके से गिरवी जमीन का बैनामा किसी और नाम करवा लिया। परिवार ने बार-बार पुलिस और अधिकारियों को शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लगातार ब्याज बढ़ाने, दबाव देने और मारपीट की धमकियों के चलते परिवार की स्थिति गंभीर होती गई। न्याय की उम्मीद टूटने पर परिवार ने आत्महत्या की चेतावनी दी।
एडीएम शिव नारायण ने मौके पर आकर आश्वासन दिया कि मामले में सख्त कार्रवाई होगी और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा। इसके बाद परिवार को शांत कर मकान भेज दिया गया। Danic jagran


