खुले और अटे नालों में गिरकर जा रही है मासूमों की जान, बिजनौर में फिर हादसा

Bijnor News today 25 August/Sbkinews.in
बिजनौर: गाँव झलरा में रविवार सुबह एक 17 महीने के मासूम बच्चे की खुले नाले में गिरकर दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना जिले में बार-बार हो रही ऐसी हादसों की लंबी सूची में एक नया अध्याय जोड़ गई है। मृतक बच्चे की पहचान आसिफ के रूप में हुई है।
आसिफ खेलते हुए औंधे मुंह नाले में गिर गया और उठ नहीं सका। उस समय नाले में लगभग दो फीट पानी जमा था। ग्राम प्रधान गुलशेर के अनुसार, यह नाला क्षेत्रीय पंचायत द्वारा बनवाया गया था, लेकिन इसे ढकने के लिए कोई स्लैब नहीं लगाए गए थे। साथ ही, नाले की सफाई न होने और पानी की निकासी ठीक न होने के कारण यह हादसा हुआ।
हर साल दर्जनों मासूमों की जान ले रहे हैं खुले नाले:
इस तरह के हादसे जिले में अक्सर होते रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में एक दर्जन से अधिक बच्चे खुले गड्ढों, शौचालय के टैंकों और नालों में गिरकर अपनी जान गंवा चुके हैं। कुछ प्रमुख घटनाएं हैं:
15 जून 2025: सुभाना, किरतपुर में बरसाती नाले में डूबकर मौत
तीन माह पहले: मंडावली क्षेत्र के गाँव फरजपुर मोहन में चार साल के बच्चे की सेफ्टी टैंक में गिरकर मौत
एक साल पहले: अफजलगढ़ क्षेत्र में एक बच्ची कुत्ते के डर से नाले में गिर गई थी
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक लापरवाही और नालों को ठीक से ढकने व साफ रखने की व्यवस्था न होने के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने तत्काल सभी खुले नालों और गड्ढों को ढकने तथा बेहतर सफाई व्यवस्था की मांग की है। पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है
बिजनौर: आकांक्षी ब्लॉकों में विकास की धीमी रफ्तार, मूलभूत सुविधाओं का अभाव

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बिजनौर: जनपद के आकांक्षी ब्लॉक कोतवाली और नजीबाबाद सरकारी दावों के बावजूद मूलभूत सुविधाओं के मामले में पिछड़े हुए हैं। इन ब्लॉकों के अधिकांश गाँवों में अभी तक हर घर जल कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी हैं।
सरकार द्वारा 2022-23 में इन ब्लॉकों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन जैसे क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाए गए थे। हालांकि, जमीनी हकीकत अभी भी चिंताजनक है:
पेयजल संकट: अधिकांश गाँवों में घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा नहीं पहुँची है।
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: स्वास्थ्य सुविधाएं अपर्याप्त हैं और कुपोषित बच्चों की सेहत में सुधार के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।
शिक्षा में कमियाँ: सीडब्ल्यूसी प्रशिक्षित शिक्षकों की तैनाती नहीं के बराबर है।
सड़कों की खराब हालत: कई गाँवों तक अभी भी पक्की सड़कें नहीं पहुँची हैं।
हालाँकि कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं, जैसे कि स्कूलों में कंप्यूटर की सुविधा और दुष्यंत पुस्तकालय का संचालन। सरकारी अभियानों के तहत ग्रामीणों को आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, और ई-श्रम कार्ड जैसे लाभ दिलाने के लिए शिविर भी लगाए गए हैं।
लेकिन, इन प्रयासों के बावजूद, आकांक्षी ब्लॉकों के गाँवों की मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों का मानना है कि योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो रहा है और विकास की रफ्तार बेहद धीमी है। उन्होंने प्रशासन से त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
नजीबाबाद: जन्म प्रमाण पत्र मांगा, तो प्रशासन ने भेज दिया मृत्यु प्रमाण पत्र!

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नजीबाबाद (बिजनौर): प्रशासनिक लापरवाही की एक ऐसी ताजा मिसाल सामने आई है जो हैरान कर देने वाली है। ग्राम तातारपुर लालू के निवासी अनुपम अग्रवाल ने अपना जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन ग्राम पंचायत ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर उनके घर भेज दिया।
22 अगस्त को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी का एक सहायक अनुपम के घर मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर पहुंचा। इस प्रमाण पत्र में अनुपम की मृत्यु की तिथि 5 अगस्त और प्रमाण पत्र जारी करने की तिथि 12 अगस्त दर्ज थी। जबकि अनुपम पूरी तरह से स्वस्थ और जीवित हैं।
परिवार को हैरानी हुई जब पंचायत सहायक ने बताया कि यह प्रमाण पत्र अनुपम की पत्नी ने बनवाया है। हालाँकि, अनुपम और उनके परिवार ने इस बात से स्पष्ट इनकार किया है। इसके बाद अनुपम ने बीडीओ और एसडीएम से शिकायत की है और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बीडीओ दीपक कुमार तेवतिया ने कहा कि यह मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं आया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि वास्तव में लापरवाहीपूर्वक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है, तो जांच के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त लापरवाही और जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता को उजागर करती है। ऐसी गंभीर त्रुटियों से नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और प्रशासन के प्रति उनका विश्वास डगमगाता है।
गंगा का कहर: बालावाली में हावड़ा-जम्मू तवी रेलवे लाइन के निकट पहुंचा पानी, कटान से ट्रेन संचालन पर मंडराया खतरा

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एसबीकेआई न्यूज़, नांगल सोती: गंगा नदी का रौद्र रूप थमने का नाम नहीं ले रहा है। हावड़ा और जम्मू तवी के बीच रेल पटरियों के पास की ज़मीन गंगा नदी धीरे-धीरे बहा रही है। बालावाली स्टेशन के पास अब यह पटरी से सिर्फ़ 15 से 20 मीटर की दूरी पर रह गई है। इस वजह से इस रूट पर ट्रेनों को रुकना पड़ सकता है या यात्रा में दिक्कत आ सकती है।
गंगा नदी ने नांगल सोती खादर क्षेत्र में सैकड़ों बीघा में फैली गन्ने की फसलों को बर्बाद करने के बाद अब रेलवे लाइन की ओर रुख कर लिया है। रेलवे विभाग तटबंध को बचाने के लिए पत्थर डालने (रिपरैपिंग) का काम तेजी से कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब गंगा रेलवे ट्रैक के इतने निकट पहुंची है।
गंगा नदी का तेज़ बहाव उस मज़बूत दीवार से टकरा रहा है जो बहुत पहले ब्रिटिश शासन के दौरान बनाई गई थी, और अब तक इसने ज़मीन की रक्षा में मदद की है। लेकिन अगर पानी किनारे को लगातार घिसता रहा, तो आस-पास की रेल की पटरियाँ क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। ज़िम्मेदार लोग और रेलकर्मी चीज़ों को ठीक करने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
करोड़ों रुपये के गबन मामले में महाविद्यालय समिति के सचिव समेत तीन के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

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संवाद सूत्र, जागरण नूरपुर: देवता महाविद्यालय, मोरना में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं का मामला गर्माया हुआ है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव वीरेंद्र कुमार, उनके पुत्र कवि कुमार और कोषाध्यक्ष बलवंत सिंह के विरुद्ध गबन के आरोप में आधिकारिक रूप से एफआईआर दर्ज की है।
महाविद्यालय अध्यक्ष सुभाष चंद द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में 6.91 करोड़ रुपये की हेराफेरी और 1.33 करोड़ रुपये से अधिक की फीस अनियमित रूप से माफ किए जाने का खुलासा किया था। आरोप है कि सचिव ने अपने पुत्र के खाते में 70 लाख रुपये भी ट्रांसफर किए।
पुलिस द्वारा शुरू में केस दर्ज न करने पर अध्यक्ष को कोर्ट का रुख करना पड़ा। कोर्ट के आदेश के बाद ही पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रभारी निरीक्षक जयभगवान सिंह ने पुष्टि की कि जांच जारी है।
बेचने का सनसनीखेज मामला! डॉक्टर और निसंतान दंपति गिरफ्तार

संवाद सूत्र, जागरण नूरपुर: पुलिस ने एक नवजात बच्चे को बेचने के गंभीर आरोप में एक चिकित्सक और बच्चे को खरीदने के आरोप में बरेली के एक दंपति को गिरफ्तार किया है। इसकी जांच में अब तक 17 लोग घपले में शामिल पाए गए हैं।
मामला नूरपुर स्थित एसआर हेल्थ केयर अस्पताल का है, जहाँ एक दिव्यांग दंपति की नवजात संतान को मशीन में रखने के बहाने डॉ. जावेद और अन्य स्टाफ ने गायब कर दिया था। पुलिस ने बच्चा बरामद कर माता-पिता को सौंपा था।
जांच में खुलासा हुआ कि बरेली निवासी रवि अग्रवाल और उनकी पत्नी प्रियंका (एक शिक्षिका) ने एक महिला के माध्यम से 5 लाख रुपये में बच्चे को खरीदा था। उन्हें झांसे में लेकर नकली दस्तावेज बनाकर बच्चा सौंपा गया।
पुलिस ने अस्पताल संचालक सलमान समेत कई अन्य लोगों की भूमिका का पता लगाया है। आशंका जताई जा रही है कि यह एक बड़ा गिरोह है जो गरीबों के बच्चों की तस्करी करता है। कोतवाल ने बताया कि शेष आरोपियों की तलाश जारी है।
धामपुर में यातायात पुलिस का बड़ा फैसला, अब नेशनल हाईवे पर नहीं दौड़ेंगे यात्री लादने वाले ई-रिक्शा

Bijnor News today 25 August/Sbkinews.in
संवाद सहयोगी, जागरण धामपुर: यातायात सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने एक अहम फैसला लिया है। अब हरिद्वार-काशीपुर नेशनल हाईवे पर ई-रिक्शा द्वारा यात्रियों को ढोना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रविवार को कोतवाली परिसर में यातायात पुलिस प्रभारी संजीव कुमार ने ई-रिक्शा संघ के पदाधिकारियों और चालकों के साथ एक बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सवारी ढोने वाले ई-रिक्शा पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। हालांकि, ग्रामीण चालक खाली वाहन लेकर हाईवे से होकर धामपुर आ-जा सकते हैं।
इसके अलावा, पुलिस ने ई-रिक्शा में अधिक संख्या में स्कूली बच्चों को बैठाने पर भी रोक लगा दी है। नए नियमों के तहत एक ई-रिक्शा में केवल आठ बच्चों को ही बैठाने की अनुमति होगी। पुलिस ने सभी चालकों से अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और बीमा नियमित करवाने का भी आग्रह किया।
यह फैसला पहले हुई कई सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए लिया गया है। पुलिस का मानना है कि यह कदम हाईवे पर यातायात सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
दहेज के चलकर पत्नी की हत्या का आरोप, पति गिरफ्तार; पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज

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जागरण धामपुर: यातायात सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने एक अहम फैसला लिया है। अब हरिद्वार-काशीपुर नेशनल हाईवे पर ई-रिक्शा द्वारा यात्रियों को ढोना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रविवार को कोतवाली परिसर में यातायात पुलिस प्रभारी संजीव कुमार ने ई-रिक्शा संघ के पदाधिकारियों और चालकों के साथ एक बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सवारी ढोने वाले ई-रिक्शा पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। हालांकि, ग्रामीण चालक खाली वाहन लेकर हाईवे से होकर धामपुर आ-जा सकते हैं।
इसके अलावा, पुलिस ने ई-रिक्शा में अधिक संख्या में स्कूली बच्चों को बैठाने पर भी रोक लगा दी है। नए नियमों के तहत एक ई-रिक्शा में केवल आठ बच्चों को ही बैठाने की अनुमति होगी। पुलिस ने सभी चालकों से अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और बीमा नियमित करवाने का भी आग्रह किया।
यह फैसला पहले हुई कई सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए लिया गया है। पुलिस का मानना है कि यह कदम हाईवे पर यातायात सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।


