बिना हेलमेट पेट्रोल बिक्री पर प्रशासन सख्त, एएसपी ने की जांच
Bijnor News 13Sep2025/sbkinews.in
बिजनौर। शासन के आदेशों के बावजूद पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट पेट्रोल बेचा जा रहा है। इसकी हकीकत उजागर करने के लिए एएसपी सिटी संजीव बाजपेई ने शनिवार को सादी वर्दी में बाइक से शहर के कई पंपों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जानबूझकर बिना हेलमेट बाइक चलाकर पेट्रोल डलवाया। आश्चर्य की बात यह रही कि किसी भी पंप कर्मचारी ने न तो उनसे हेलमेट के बारे में पूछा और न ही पेट्रोल देने से इंकार किया।
गौरतलब है कि हाल ही में शासन ने सख्त निर्देश जारी किए थे कि बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं बेचा जाएगा। इस आदेश का पालन कराने के लिए जिला आपूर्ति विभाग ने पंप संचालकों को नोटिस जारी करने की बात कही थी और पेट्रोल पंपों पर बैनर भी लगाए गए थे। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रशासन ने सड़क सुरक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश जारी किए थे।
निरीक्षण के दौरान खुलासा हुआ कि शहर के तीन प्रमुख पंपों पर नियमों की अनदेखी हो रही है। न तो शासन के निर्देशों का पालन किया गया और न ही सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता दिखाई गई। एएसपी संजीव बाजपेई ने यातायात प्रभारी रवि नैन के साथ की गई इस कार्रवाई के बाद स्पष्ट कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन पंपों पर आदेशों का पालन नहीं हो रहा है, उनके खिलाफ जिलास्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही नोटिस जारी कर पंप संचालकों से जवाब तलब किया जाएगा। साथ ही जिला आपूर्ति विभाग और संबंधित अधिकारियों को भी पत्राचार कर कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनेगा नया विद्युत केंद्र, जनता को अब भी नहीं मिलेगी राहत
Bijnor News 13Sep2025/sbkinews.in
बिजनौर। जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में बिजली की समस्या लगातार बनी हुई है। बुखारा और आवास विकास विद्युत आपूर्ति केंद्रों से 38 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली दी जाती है, लेकिन गर्मी के मौसम में ये दोनों केंद्र ओवरलोड होकर उपभोक्ताओं की मांग पूरी नहीं कर पाते। कटौती और ट्रिपिंग की समस्या से लोग परेशान रहते हैं।
इसी बीच मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में ऊर्जा निगम के सहयोग से दस एमवीए का नया विद्युत आपूर्ति केंद्र बनाया जा रहा है। इस केंद्र की क्षमता काफी अधिक है, जबकि अस्पताल को केवल पांच प्रतिशत बिजली की आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस केंद्र से बुखारा और आवास विकास के एक-एक फीडर को जोड़ दिया जाए तो बिजली आपूर्ति में काफी सुधार आ सकता है।
हालांकि, वर्तमान में अस्पताल प्रशासन इस केंद्र को केवल मेडिकल कॉलेज के उपयोग तक ही सीमित रखना चाहता है। चूंकि यह विद्युत केंद्र अस्पताल प्रशासन के बजट से बनाया जा रहा है, इसलिए ऊर्जा निगम सीधे तौर पर इसका उपयोग अन्यत्र नहीं कर सकता। ऐसे में जनता को सीधी राहत न मिलने के आसार अधिक हैं।
व्यापार मंडल और किसान संगठनों ने इसे जनहित का मामला बताते हुए मांग की है कि नए विद्युत केंद्र से अन्य क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को भी जोड़ा जाए। उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिलाध्यक्ष मनोज कुच्छल ने कहा कि जब सरकार इस पर धन उपलब्ध करा रही है तो अतिरिक्त फीडरों को जोड़कर जनता को राहत दिलाई जानी चाहिए। वहीं, भाकियू अराजनैतिक के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने कहा कि इस मसले को मजबूती से उठाया जाएगा क्योंकि जनता को बिजली कटौती से निजात दिलाना हमारी प्राथमिकता है।
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व से बाहर आना चाहते हैं वन गुर्जर, वन विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव
Bijnor News 13Sep2025/sbkinews.in
बिजनौर। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में रहने वाले वन गुर्जर अब जंगल से बाहर आना चाहते हैं। बाघ और हाथियों के बढ़ते खतरे तथा बच्चों की शिक्षा को लेकर वे लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं। वन विभाग भी उनकी इस इच्छा को गंभीरता से ले रहा है और उन्हें वन क्षेत्र से बाहर बसाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के भीतर वर्तमान में मकोनिया, केहरीपुर, रानी नंगला, नवीगढ़, झुल्लोखत्ता और ठेरी बस्ती सहित छह बस्तियां हैं। इनमें 25 से 50 परिवार रहते हैं। सभी परिवार मुस्लिम समुदाय से हैं और मुख्य रूप से पशुपालन पर निर्भर हैं। एक-एक परिवार के पास 200 से 500 तक पशु होते हैं जिनसे वे दूध बेचकर जीवन यापन करते हैं। पशु वन में खुले घूमते हैं और बिना खर्च के आमदनी का साधन बनते हैं।
इन बस्तियों में बिजली की सुविधा नहीं है, लोग सोलर ऊर्जा और हैंडपंप पर निर्भर हैं। शिक्षा की स्थिति बेहद कमजोर है। अधिकांश वन गुर्जर अशिक्षित हैं और गिनती के ही लोग पढ़े-लिखे हैं। बड़ी मुश्किल से बच्चे कभी-कभार पास के स्कूल जाते हैं। वन गुर्जरों का कहना है कि वे चाहते हैं कि उनके बच्चों को वही कठिन जीवन न झेलना पड़े, जो उन्होंने अब तक जिया है।
वन गुर्जरों की मांग का बड़ा कारण जंगल में बढ़ते बाघों का कुनबा भी है। पिछले वर्ष झुल्लोखत्ता बस्ती की युवती दिलबीबी उर्फ शबुरा को बाघ ने शिकार बना लिया था। इससे भय और बढ़ गया है। वन विभाग अब उन्हें सुरक्षित स्थान पर बसाने और पर्यटन से जोड़ने की योजना बनाने की तैयारी कर रहा है।
खेत में ट्रैक्टर पलटने से किसान की मौत, ई-रिक्शा हादसे में युवक ने भी गंवाई जान
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बिजनौर। जनपद अलीगढ़ निवासी किसान की खेत में ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई, जबकि एक अन्य हादसे में ई-रिक्शा पलटने से युवक की जान चली गई। दोनों हादसों के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।
जनपद अलीगढ़ के चंदौस थाना क्षेत्र के ग्राम जोरा निवासी 35 वर्षीय संदीप चौधरी पुत्र सुभाष सिंह बढ़ापुर के ग्राम मिट्ठोपुर में ठेके पर जमीन लेकर खेती कर रहा था। गुरुवार रात लगभग नौ बजे खेत की जुताई करने के बाद वह अपने एक मजदूर के साथ ट्रैक्टर से वापस लौट रहा था। रास्ते में अचानक ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया। संदीप ट्रैक्टर के नीचे दब गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों की मदद से उसे बाहर निकाला गया और सीएचसी नगीना भेजा गया, लेकिन उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया। संदीप मिट्ठोपुर गांव में पत्नी के साथ रहता था, उसकी कोई संतान नहीं थी।
इसी प्रकार, नजीबाबाद क्षेत्र में गुरुवार देर रात दूसरा हादसा सामने आया। ग्राम कल्हेड़ी निवासी खलील का रिश्तेदार शादाब अपनी साली की शादी के कार्ड बांटकर देहरादून से लौट रहा था। साथ में साढू हसीन और उसकी पत्नी मुमताज भी थीं। नजीबाबाद रेलवे स्टेशन से ई-रिक्शा लेकर सभी गांव लौट रहे थे, तभी रोडवेज बस स्टैंड के पास वाहन तालाब में पलट गया। हादसे में शादाब, हसीन और मुमताज गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने शादाब को मृत घोषित कर दिया। दुर्घटना के बाद चालक मौके से फरार हो गया। शुक्रवार को स्योहारा से स्वजन शव अपने साथ ले गए।
खो नदी हादसा: तीसरे किशोर रौनक का शव भी बरामद, स्वजन में कोहराम
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बिजनौर। शेरकोट नगर में हरिद्वार–काशीपुर नेशनल हाईवे के नए पुल के पास खो नदी में डूबे तीन दोस्तों में से तीसरे किशोर रौनक का शव भी शुक्रवार सुबह बरामद कर लिया गया। उसके शव के मिलने के साथ ही बुधवार शाम की इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है।
बुधवार शाम मोहल्ला निकम्माशाह निवासी 13 वर्षीय सीनू, 18 वर्षीय विपिन उर्फ छोटू और 12 वर्षीय रौनक नदी में नहा रहे थे। अचानक गहरे पानी में जाने से तीनों डूब गए। उनके साथ गए अन्य मित्र लकड़ियां बीनने में व्यस्त थे, जो सुरक्षित घर लौट आए। सूचना पर पुलिस और गोताखोरों की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। गुरुवार सुबह सीनू और छोटू के शव मिल गए थे, लेकिन रौनक की तलाश जारी थी। शुक्रवार को फिर से खोज अभियान चलाया गया और घटना स्थल से लगभग 300 मीटर दूर खो बैराज के गेट नंबर-छह के पास पानी में रौनक का शव उतराता मिला। उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
गांव में शव पहुंचने पर स्वजन व ग्रामीणों में चीख-पुकार मच गई। गुरुवार शाम अंधेरा होने के कारण सीनू और छोटू का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था। शुक्रवार को पहले सीनू को सुपुर्द-ए-खाक किया गया और उसके बाद छोटू का श्मशान घाट में अंतिम संस्कार सम्पन्न हुआ। वहीं, रौनक के शव के घर पहुंचने पर माहौल गमगीन हो गया।
हादसे की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण, स्थानीय जनप्रतिनिधि और परिजन इकठ्ठा हो गए। पुलिस प्रशासन ने भी घटना पर गहरा दुख जताते हुए लोगों से नदी किनारे विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है।
हल्दौर मेले में महिला कलाकार ने आयोजक के भाई को चप्पल से पीटा, बदसलूकी का आरोप
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बिजनौर। हल्दौर कस्बे में प्राचीन गुदड़ी दोयज मेले के दौरान गुरुवार रात बड़ा हंगामा हो गया। हास्य मंडली में शामिल एक महिला कलाकार ने मेला आयोजक के भाई पर स्टेज पर बदसलूकी और छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए दौड़ाकर चप्पल से पीट दिया। इस घटना का वीडियो किसी ने मोबाइल से बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया, जो तेजी से वायरल हो गया।
जानकारी के अनुसार मेले में रात करीब 11 बजे हास्य मंडली की महिला कलाकार अपने सहयोगियों के साथ नाटक व कहानियां प्रस्तुत कर रही थीं। इतने में मेला आयोजक का भाई बीच स्टेज पर जा पहुंचा। आरोप है कि उसने महिला कलाकारों के साथ अनुचित व्यवहार और छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। इस पर एक महिला कलाकार ने उसे पकड़ लिया और गुस्से में दौड़ाकर चप्पल से पीट दिया। घटना से मेले में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मेला आयोजक के भाई को महिला कलाकार के चंगुल से छुड़ाया और स्थिति को शांत कराया।
विवाद बढ़ने के बाद रात में ही मेला आयोजक ने हास्य कलाकारों की मंडली को मेले से बाहर कर दिया। वहीं इस प्रकरण में आयोजक उदयवीर सिंह ने सफाई दी कि उनके भाई पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं और मामले को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
मेला चौकी प्रभारी प्रमेन्द्र सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है और इस संबंध में कोई पुलिस तहरीर भी नहीं मिली है। घटना के वायरल वीडियो ने मेले के आयोजन पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। फिलहाल ग्रामीणों के बीच यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।

