भारत-पाक सीमा के कालूवाला गांव में सतलुज नदी की बाढ़ से त्राहि-त्राहि, पुनर्वास की मांग तेज
Punjab News 15Sep2025/sbkinews.in
फिरोजपुर, कालूवाला। भारत-पाक सीमा के पास बसे कालूवाला गांव के लोग सतलुज नदी की बाढ़ से होने वाली हर साल की तबाही से परेशान हैं। वे अब सरकार से मुआवजा पाने की बजाय स्थायी पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सतलुज से दूर ऐसे सुरक्षित इलाके में उनका बसना जरूरी है जहां वे बाढ़ के भय से मुक्त हो सकें।
गांव के निवासियों ने बताया कि बाढ़ के कारण सालाना उनके खेत और घर डूब जाते हैं, जिससे उनकी आजीविका पर गहरा असर पड़ता है। बाढ़ संक्रमण और जीवन की अनिश्चितता के बीच वे एक स्थायी समाधान के लिए सरकार की ओर देख रहे हैं।
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि केवल मुआवजा देने से समस्या स्थाई तौर पर हल नहीं होगी। वे पुनर्वास की मांग करते हुए चाहते हैं कि सरकार उन्हें इस खतरे से दूर ले जाकर एक सुरक्षित क्षेत्र में बसाए। इसकी वजह से ना सिर्फ उनका जीवन सुरक्षित रहेगा, बल्कि वे आर्थिक रूप से भी स्थिर हो सकेंगे।
गांव वाले आशा कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी समस्या को गंभीरता से लेकर जल्द पुनर्वास की योजना बनाएगा। उन्होंने कहा कि सतलुज से दूर नया बसेरा ही उनकी सुरक्षा और विकास की गारंटी होगा।
स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से भी उम्मीद की जा रही है कि वे इस बार समस्या का जड़ से समाधान निकालेंगे और कालूवाला जैसे सीमावर्ती गांवों के लोगों को बेहतर जीवन देंगे।
पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद को गुजरात सरकार की बड़ी पहल, 22 वैगन राहत सामग्री पहुंचाई
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चंडीगढ़। पंजाब में बाढ़ से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए गुजरात सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 22 वैगन राहत सामग्री भेजी है। इस राहत सामग्री में आटा, दाल, चीनी, तेल, दवाएं और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।
गुजरात से भेजी गई राहत सामग्री में से 10 वैगन फिरोजपुर जिले और 12 वैगन सुरानसी क्षेत्र में उतारे गए। जिला प्रशासन की सहयोग से इस सामग्री का प्राथमिकता के आधार पर बाढ़ प्रभावित लोगों तक वितरण किया जाएगा, ताकि उन्हें समय से मदद मिल सके और उनकी मूलभूत जरूरतें पूरी हो सकें।
इस पहल के तहत गुजरात सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के दर्द में सहानुभूति जताते हुए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए हैं। विभिन्न संघ संगठनों की भूमिका भी इस राहत कार्य को सुचारु रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पंजाब के अधिकारी और प्रशासन इस राहत सामग्री के वितरण के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं और स्थानीय स्तर पर राहत कार्य को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। इस कदम से बाढ़ पीड़ितों को इस कठिन समय में कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
संगरूर में बारिश से मकान की छत गिरी, परिवार बाल-बाल बचा
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संगरूर, पंजाब। संगरूर जिले के अमरगढ़ के गांव बाठां में लगातार हो रही बारिश के कारण एक गरीब परिवार के घर की छत गिर गई। परिवार के मुखिया सुरिंदर सिंह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ इस हादसे से बाल-बाल बच गए।
सुरिंदर सिंह ने बताया कि बारिश के कारण मकान की छत में पानी टपकने लगा था, जिस कारण वे पहले ही अपने भाई के घर चले गए थे। इस वजह से छत गिरने के समय कोई जनहानि नहीं हुई।
परिवार की हालात चिंताजनक हैं क्योंकि उनका घर बारिश से प्रभावित हो गया है और उन्हें शीघ्र पुनर्वास या सहायता की आवश्यकता है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है ताकि परिवार के लिए सुरक्षित आवास और आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा सके।
यह घटना पंजाब में जारी बरसात के कारण हो रही परेशानियों का एक और उदाहरण है, जो आम जनता को प्रभावित कर रही है।
संगरूर में चार बेटियों के पिता ने कर्ज से परेशान होकर की आत्महत्या
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संगरूर। संगरूर जिले के गांव झनेड़ी में एक 40 वर्षीय बिजली मैकेनिक ने कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने जहरीली दवा खाकर अपनी जीवन लीला खत्म कर दी।
मृतक व्यक्ति पर करीब पांच-छह लाख रुपये का कर्ज था, जिसने उसे मानसिक तनाव में डाल दिया था। वह अपनी चार बेटियों के भविष्य को लेकर भी चिंतित था। परिवार ने बताया कि आर्थिक तंगी और कर्ज ने उसकी दिक्कतें बढ़ा दी थीं।
घटना के बाद उसे इलाज के लिए पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के परिवार पर अनिवार्य आर्थिक दबाव ने इस दुखद कदम को प्रेरित किया।
स्थानीय समुदाय ने इस घटना पर दुःख व्यक्त किया है और उन्होंने सरकार से ग्रामीणों के लिए कर्ज मुक्ति और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बेहतर बनाने की मांग की है ताकि ऐसे दुखद हादसे दोबारा न हों।
इस मामले ने ग्रामीण इलाकों में बढ़ती आर्थिक परेशानियों और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर एक बार फिर से ध्यान आकर्षित किया है।
बठिंडा के गांव जीदा में केमिकल हटाते समय दो ब्लास्ट, पांच दिनों में पांच धमाके से फैली दहशत
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बठिंडा। जिले के गांव जीदा में गुरप्रीत सिंह के घर पर बिखरे केमिकल और विस्फोटकों को हटाने के दौरान रविवार को दो और ब्लास्ट हो गए। यह घटनाएं गांव में दहशत का माहौल बना गई हैं। फॉरेंसिक और बम निरोधक दस्ते केमिकल को निकालने का प्रयास कर रहे थे, तभी धमाके हुए।
यह हाल के पांच दिनों में गांव में पांचवां ब्लास्ट है, जिससे स्थानीय लोग एवं प्रशासन दोनों चिंतित हैं। पुलिस भी विस्फोटकों को निष्क्रिय करने के लिए जुटी है और फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि पूरे मामले की जांच कर दोषियों को सजा दी जा सके।
ग्रामीणों में इस खौफनाक स्थिति से सुरक्षा को लेकर भारी असमंजस और भय का माहौल है। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं और प्रभावित क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस तथा विस्फोटक निरोधक विभाग का कहना है कि कार्रवाई जारी है और जल्द ही विस्फोटों के कारणों का पता लगाया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अब आगे कोई अप्रिय घटना न हो।
लुधियाना में अमानवीय कृत्य: मृत कुत्ते को कार से तीन किलोमीटर तक घसीटने का आरोपी पकड़ा गया
Punjab News 15Sep2025/sbkinews.in
लुधियाना। खन्ना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने मृत कुत्ते को कार से बांधकर करीब तीन किलोमीटर तक घसीटा। इस क्रूर घटना का वीडियो राहगीरों ने बना लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ जबरदस्त विरोध किया गया, लेकिन आरोपी ने फिर भी कुत्ते को घसीटना जारी रखा। नवजीवन वेलफेयर सोसाइटी ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने संबंधित वीडियो की जांच के आधार पर मृत कुत्ते का शव बरामद कर लिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की पहचान भी कर ली है। आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी संबंधितों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हों।
इस घटना ने शहर में पशु संरक्षण और मानवता के प्रति जागरूकता की जरूरत को फिर से उजागर किया है।


