भू-संपत्ति की खरीद-बिक्री से मालामाल हुए निकाय, बिजनौर में 23 करोड़ का विकास शुल्क

Bijnor News 10Sep2025/sbkinews.in
बिजनौर। खेती-किसानी वाली अर्थव्यवस्था के लिए पहचाने जाने वाले बिजनौर जनपद में भू-संपत्ति की खरीद-बिक्री न केवल सरकार के राजस्व को मजबूत कर रही है बल्कि नगर निकायों को भी करोड़पति बना रही है। बैनामों से मिलने वाले राजस्व में से दो प्रतिशत अतिरिक्त विकास शुल्क निकायों को प्रदान किया जाता है। इसी के चलते वर्ष 2024-25 में निबंधक विभाग ने जनपद के सभी 12 नगर पालिकाओं और छह नगर पंचायतों को कुल 23 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराई।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी अब तक छह करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकायों को दी जा चुकी है। आंकड़ों के अनुसार, प्रथम तिमाही में 5.80 करोड़, द्वितीय तिमाही में 5.81 करोड़, तृतीय तिमाही में 5.30 करोड़ और चतुर्थ तिमाही में 6.13 करोड़ रुपये निकायों के खाते में भेजे गए।
आइजी स्टांप आशुतोष जोशी के अनुसार, सरकार ने भू-संपत्ति के बैनामों पर पुरुषों से पांच प्रतिशत और महिलाओं से चार प्रतिशत शुल्क निर्धारित किया है। हालांकि नगर निकाय क्षेत्र में होने वाले बैनामों पर अतिरिक्त दो प्रतिशत विकास शुल्क भी लिया जाता है। इस प्रकार पुरुषों से सात प्रतिशत और महिलाओं से छह प्रतिशत शुल्क वसूला जाता है।
हर माह बैनामों की जांच कर सूची तैयार की जाती है और उसी आधार पर निकायों को भुगतान किया जाता है। भू-संपत्ति की बढ़ती खरीद-बिक्री से जहां सरकारी खजाना भर रहा है, वहीं नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को विकास कार्यों के लिए पर्याप्त संसाधन मिल रहे हैं। इसे निकायों के लिए आर्थिक वरदान माना जा रहा है।
ब्राह्मणवाला की नवनीत कौर बनीं लेफ्टिनेंट, अमेरिकी पैकेज ठुकराकर चुनी सेना की राह

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बिजनौर। जिले के नगिना देहात थाना क्षेत्र के ग्राम ब्राह्मणवाला की बेटी नवनीत कौर ने आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर अपने गांव, परिवार, कॉलेज और पूरे जिले का नाम रोशन किया है। उनकी इस सफलता पर गांव में जश्न का माहौल है। बधाइयों का तांता लगा हुआ है। कोई उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित कर रहा है तो कोई धार्मिक प्रतीक और उपहार देकर अभिभूत कर रहा है।
नवनीत कौर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आरआर मोरारका पब्लिक स्कूल से प्राप्त की थी। हाईस्कूल में उन्होंने जिला टॉप किया और इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद बीटेक के लिए महाराष्ट्र के पुणे चली गईं। पढ़ाई के दौरान उनकी मेधावी प्रतिभा को देखते हुए अमेरिका की एक मल्टीनेशनल कंपनी ने उन्हें 14 लाख रुपये वार्षिक पैकेज का ऑफर दिया, लेकिन देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण नवनीत कौर ने इस अवसर को ठुकराकर भारतीय सेना में करियर बनाने का निर्णय लिया।
नवनीत को गया में कड़ी ट्रेनिंग के बाद सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया गया। समारोह के दौरान उच्चाधिकारियों ने उन्हें स्टार बैज और कैप पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर उनके गौरवान्वित माता-पिता भी मौजूद रहे।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया। नवनीत ने कहा कि सेना में भर्ती होना उनका लक्ष्य था और आज यह सपना पूरा हो सका। उल्लेखनीय है कि उनके दादा सरदार बलवंत सिंह भी सेना में हवलदार के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
नवनीत कौर की यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। उनकी कामयाबी से क्षेत्र के युवाओं में भी सेना में भर्ती होने का उत्साह देखने को मिल रहा है।
स्मार्ट मीटर के खिलाफ भाकियू का हल्ला बोल, अधिशासी अभियंता कार्यालय का घेराव

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नजीबाबाद। स्मार्ट मीटर लगाए जाने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता कार्यालय का घेराव कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। संगठन का आरोप है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिजली बिलों का बोझ उठाना पड़ रहा है, जिससे किसान और आम जनता दोनों परेशान हैं।
धरने की अध्यक्षता भाकियू के जिला अध्यक्ष दलवीर चौधरी ने की जबकि संचालन यमोद प्रजापति ने किया। इस दौरान अधिशासी अभियंता रामकुमार और एसडीओ गौरव पाल से काफी देर तक बातचीत हुई लेकिन समाधान नहीं निकल सका। भाकियू कार्यकर्ताओं ने साफ चेतावनी दी कि किसी भी हालत में स्मार्ट मीटर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और जब तक इसे बंद नहीं किया जाता, आंदोलन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।
हेरेंद्र धंकार्ड जिले के अध्यक्ष, साथ ही भूपुश चौधरी, सुरेश कुमार, जयपाल सिंह, नरेंद्र रथी और फैसल के अध्यक्ष सहित कई कार्यकर्ता और उपभोक्ता प्रदर्शन के दौरान उपस्थित थे। संगठन शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं को अपने घरों में बौद्धिक मीटर या अपने आंदोलन को बढ़ाने के लिए अधिकतम संख्या में डाहों की अनुमति नहीं देता है।
उधर, भाकियू की मासिक पंचायत गन्ना समिति परिसर में ब्लॉक अध्यक्ष अवनीश कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद, रावली तटबंध की मरम्मत, गुलदार के हमलों से निजात दिलाने और बिजली व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई गई। किसान नेताओं ने साफ कहा कि स्मार्ट मीटर विरोधी आंदोलन किसानों के हित में मजबूती से जारी रहेगा।
जानलेवा हमले के मामले में सपा विधायक मनोज पारस की जमानत अर्जी खारिज, भेजे गए जेल

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बिजनौर। नगीना विधानसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक मनोज पारस को जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने जमानत नहीं दी। अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट नंबर एक शांतनु त्यागी ने मंगलवार को उनकी जमानत अर्जी को निरस्त कर जेल भेजने का आदेश दिया।
यह घटना 2020 में हुई थी। चतरी सिंह के गीत के बेटे सिंहस असुरु नबदा, कोटोबारी पुलिस स्टेशन हॉल रशीदपुर गरि के निवासी हैं, और उन्होंने अदालत के साथ शिकायत दर्ज की है। 29 सितंबर, 2020 की शाम को, जब वह अपने रिश्तेदार स्काईटी में लौटा, तो कार ने कहा कि उसे और उससे आगे निकल गया था। उन्हें मेप्स मनोज पारस, मुलचंद, अमित पुत्र मुलचंद, कपिल गुरजर, रशीद और रफी सैफी द्वारा मदद की गई थी।
वादी ने बताया कि सभी आरोपितों ने उसे धमकाते हुए कहा कि मुकदमे की पैरवी क्यों कर रहे हो और हाईकोर्ट में अपील क्यों डलवाई है। इसी दौरान विधायक मनोज पारस और रफी सैफी ने उसे दबोच लिया और अमित ने जान से मारने की नियत से सीने में चाकू से वार किया। अन्य आरोपितों ने लाठी-डंडों से पिटाई की। गंभीर हालत में वादी को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इस घटना में कोर्ट ने आरोपितों को तलब किया था, लेकिन विधायक मनोज पारस के हाजिर न होने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए गए थे। मंगलवार को उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया।
इस फैसले को लेकर क्षेत्र की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
क्रय केंद्र हटाने की मांग को लेकर किसानों का हंगामा, गन्ना भुगतान में देरी पर भी नाराजगी

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बिजनौर। सहकारी गन्ना समिति बिजनौर की मंगलवार को आयोजित सामान्य निकाय की बैठक उस समय हंगामेदार हो गई जब किसानों ने बिलाई चीनी मिल के क्रय केंद्र हटाने की मांग को लेकर जोरदार विरोध किया। बैठक का संचालन किसान नेता जयवीर सिंह राठी कर रहे थे। इसी दौरान जैसे ही बिलाई चीनी मिल के क्रय केंद्र का मुद्दा उठाया गया, किसानों ने नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताया।
किसानों का कहना था कि बिलाई चीनी मिल समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं कर रही, जिससे किसान परेशान हैं। इस कारण उन्होंने अन्य चीनी मिलों के कांटे पर गन्ना आपूर्ति कराने और क्रय केंद्र बंद करने की मांग उठाई। हालांकि, बैठक में मौजूद किसान नेताओं और समिति के संचालकों ने समझा-बुझाकर गुस्साए किसानों को शांत कराया। बाद में इन प्रस्तावों और शिकायतों को लखनऊ मुख्यालय भेजे जाने का आश्वासन दिया गया।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार बिट्टू ने कहा कि जब तक किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर नहीं मिलेगा, तब तक विरोध जारी रहेगा। किसानों ने साफ कर दिया है कि वे देर से भुगतान और मिलों की लापरवाही अब और सहन नहीं करेंगे।
बैठक की अध्यक्षता समिति के सभापति राजेंद्र सिंह ने की। इसमें समिति सचिव सुभाष राम, संचालक समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। बैठक के दौरान कई किसानों ने अपनी सुविधा के अनुसार क्रय केंद्र बदलने या चीनी मिल गेट पर सीधे गन्ना आपूर्ति करने के प्रस्ताव रखे।
इस बैठक ने साफ कर दिया है कि गन्ना मूल्य भुगतान में देरी और चीनी मिलों की अनियमितताओं से किसानों का असंतोष लगातार गहराता जा रहा है।
गंगा कटान से बचाने को रावली बैराज तटबंध पर स्टड निर्माण शुरू

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बिजनौर। गंगा नदी की तेज धार से लगातार हो रहे कटान से रावली बैराज तटबंध को बचाने के लिए सिंचाई विभाग ने अब स्टड बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। पिछले कई दिनों से लगाए जा रहे रेत के बोरे और कटे हुए पेड़ प्रभावी नहीं हो पाए, जिस कारण अब नई तकनीक से तटबंध की सुरक्षा की कोशिश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, नदी किनारे बल्ली गाड़कर उन्हें आपस में बांधा जा रहा है, जिससे एक मजबूत जाल बन सके। इस जाल के पीछे रेत से भरे बोरे डाले जाएंगे। पहले बोरे और पेड़ नदी की धार में बह जाते थे, लेकिन अब स्टड के सहारे बोरे टिक सकेंगे और गंगा की तेज धार को झेल पाएंगे। कटान को रोकने के लिए डंपरों से मिट्टी भी लाकर तटबंध के पास डाली जा रही है।
दो दिन पहले तक तटबंध को बचाने के लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटकर धारा में डाले गए थे। इन्हें रस्सियों से बांधकर छोड़ा गया था ताकि पानी की आवाजाही कम हो और कटान रुके। हालांकि इस प्रयास से केवल कुछ हिस्सों में ही लाभ हुआ। अब विभाग ने बल्ली और लोहे के जाल के जरिए स्थायी तौर पर स्टड तैयार कर नदी की धारा का रुख मोड़ने और तटबंध को सुरक्षित रखने की योजना बनाई है।
स्थानीय ग्रामीण और श्रमिक भी कार्य में जुटे हैं। विभाग का कहना है कि बीते माह मालन नदी के तटबंध को भी इसी तकनीक से बचाया गया था। रावली बैराज का यह तटबंध आसपास के गांवों और खेती-किसानी के लिए बेहद अहम है। इसलिए कटान रोकना प्रशासन की प्राथमिकता बनी हुई है।
एक हफ्ते में तीसरे बच्चे की जान ले गया गुलदार, गांव में हंगामा

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बिजनौर। जनपद में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार शाम नजीबाबाद क्षेत्र के गांव नयागांव में गुलदार ने सात वर्षीय बालक हर्ष को उस समय मौत के घाट उतार दिया जब वह अपनी मां के साथ आंगन में हैंडपंप से पानी भर रहा था। अचानक दीवार फांदकर घर में घुसे गुलदार ने बच्चे पर हमला कर दिया। मां के शोर मचाने पर गुलदार घायल बालक को छोड़कर भाग गया।
गंभीर रूप से घायल हर्ष को परिजन तुरंत समीपुर सीएचसी लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हर्ष कक्षा एक का छात्र था। उसकी मौत से पूरे गांव में मातम छा गया। आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों ने मेरठ-पौड़ी हाईवे पर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। देर रात तक जाम लगा रहा, जिससे यातायात अवरुद्ध हो गया।
गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह में यह तीसरी घटना है जब गुलदार ने मासूमों को शिकार बनाया है। इससे पहले दो सितंबर को मंडावली क्षेत्र के रामदासवाला गांव का आठ वर्षीय कनिष्क और पांच सितंबर को कंडरावाली गांव की आठ वर्षीय गुड़िया गुलदार के हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं। बीते 26 महीनों में जिले में गुलदार 34 लोगों की जान ले चुका है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की जा रही है। नयागांव में पिंजरा लगाया जाएगा और विशेष टीम को तैनात किया जाएगा। मुरादाबाद मंडल के वन संरक्षक रमेश चंद्रा ने कहा कि तटवर्ती और जंगल के पास बसे घरों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
गुलदार के बढ़ते हमलों से गांवों में दहशत का माहौल है, वहीं प्रशासन पर सुरक्षा इंतजाम कड़े करने का दबाव भी बढ़ रहा है।

