Bijnor News 11Sep2025

बाढ़ के कहर ने पांडव नगर पुलिस चौकी और सड़कों को किया जीर्ण-शीर्ण

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जलीलपुर/बिजनौर। गंगा नदी का जलस्तर घटने के साथ बाढ़ का पानी तो उतर गया है, लेकिन उसकी बर्बादी अब स्पष्ट दिखने लगी है। पांडव नगर पुलिस चौकी के पास बाढ़ से सड़कें इतनी खराब हो गई हैं कि अब उनसे गुजरना संभव नहीं रहा। हस्तिनापुर जाने वाला मुख्य मार्ग कई जगहों से कट चुका है और जगह-जगह गहरे गड्ढे पड़ गए हैं, जिनमें अभी भी पानी भरा है। इससे आमजन और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है।

पांडव नगर पुलिस चौकी को भी बाढ़ ने बुरी तरह प्रभावित किया है। चौकी का भवन और परिसर की जमीन कई जगह धस गई है, जिससे न केवल सड़कें बल्कि खुद चौकी का भवन भी रहने लायक नहीं बचा है। बाढ़ के दिनों में चौकी में लगातार पानी भरा रहने से पुलिसकर्मियों को पंचायत घर में अस्थायी तौर पर ठहरना पड़ रहा है। चौकी के आसपास की सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जिससे सुरक्षा के साथ आमजन की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं।

दत्तियाना से स्याली, सुजातपुर खादर, और रायपुर खादर जैसी कई गांवों को जाने वाले रास्तों की भी यही दशा है। सड़कें कई स्थानों से कट गई हैं, और गहरे गड्ढों में पानी के कारण यातायात असंभव हो गया है।

स्थानीय ग्रामीण करतार सिंह, सूरज सिंह, ब्रेस त्यागी, निखिल, धर्मपाल आदि ने सरकार से मांग की है कि बाढ़ से बर्बाद फसलों और संपत्ति का उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि क्षेत्र के लोग अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी फिर से सामान्य कर सकें।

बाढ़ की बर्बादी ने न केवल गांवों की अर्थव्यवस्था को, बल्कि सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था को भी ठप कर दिया है। अब प्रशासन से जल्दी राहत और पुनर्निर्माण की उम्मीद जताई जा रही है।

खो नदी में नहाने गए युवक व दो किशोर डूबे, गोताखोरों की टीम ने की तलाश

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शेरकोट (बिजनौर)। हरिद्वार-काशीपुर नेशनल हाईवे पर स्थित खो बैराज के नए पुल के पास बुधवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। नगर के मुहल्ला निकम्माशाह निवासी 18 वर्षीय छोटू सिंह, 13 वर्षीय रौनक पुत्र पवन और 12 वर्षीय शीनू पुत्र विकास अपने दोस्तों के साथ नदी किनारे लकड़ी बीनने गए थे। छह किशोर जंगल में लकड़ी जमा करने के बाद नदी के किनारे पहुंचे और नहाने के लिए नदी में उतर गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लकड़ी बीनते समय शीनू, रौनक और छोटू नदी के किनारे बैठे थे, जबकि बाकी साथी लकड़ी इकट्ठा कर रहे थे। कुछ ही देर बाद अचानक छोटू नदी की तेज धारा में बहने लगा। दोस्तों ने शोर मचाया पर छोटू देखते ही देखते पानी में गुम हो गया, और बाद में शीनू और रौनक भी लापता हो गए। उनके कपड़े और चप्पल नदी किनारे ही मिले।

घटना के बाद अन्य किशोर दौड़ते हुए घर पहुंचे और परिजन को सूचना दी। परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंचे एएसपी पूर्वी एके श्रीवास्तव, एसडीएम स्मृति मिश्रा और सीओ धामपुर अभय पांडेय की देख-रेख में स्थानीय गोताखोरों व नाविकों ने देर शाम तक तलाश की, लेकिन डूबे तीनों का कोई सुराग नहीं मिला।

मुरादाबाद से PAC की गोताखोर टीम को भी बुलाया गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। पीड़ित परिवारों के अनुसार, डूबे दो किशोर और युवक स्थानीय घुमंतु जाति के परिवार से हैं। पूरे क्षेत्र में घटना के बाद शोक का माहौल है, और ग्रामीणों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों की मांग की है।

देर रात तक खोजबीन जारी थी, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं चल पाया था। प्रशासन की निगरानी में बचाव कार्य निरंतर चल रहा है।

अफजलगढ़: अस्पतालों के निरीक्षण में नहीं मिले चिकित्सक, 25 आशाओं को नोटिस, दो के निलंबन की संस्तुति

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अफजलगढ़। बुधवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर एसीएमओ (नोडल अधिकारी) अनिल कुमार ने नगर के कई अस्पतालों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई अस्पतालों में कोई भी चिकित्सक उपस्थित नहीं मिला, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुल गई।

अस्पतालों के निरीक्षण में यह भी सामने आया कि ब्लॉक क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी न के बराबर हो रही हैं। अधिकांश प्रसव प्राइवेट नर्सिंग होम में हो रहे हैं। इसी के चलते नोडल अधिकारी ने 25 आशा कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है। इनमें से दो आशा के निलंबन की संस्कृति की गई है, जिन पर प्राइवेट नर्सिंग होम में डिलीवरी करवाने का आरोप है।

नोडल अधिकारी अनिल कुमार ने स्पष्ट किया कि नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने पर सभी 25 आशाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अस्पताल निरीक्षण की पूरी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

नगर में अवैध रूप से अस्पताल संचालित होने की शिकायतों पर भी प्रशासन सख्त है। नोडल अधिकारी ने कहा कि किसी भी अस्पताल में डॉक्टरों की गैरमौजूदगी गंभीर लापरवाही है और इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रबंधन की है।

अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने व स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए जिला प्रशासन ने निरंतर निरीक्षण तेज करने की बात कही है। नागरिकों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासनिक सख्ती से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।

चांदपुर: किशोर के अपहरण मामले में तीन दिन बाद दर्ज हुई रिपोर्ट, परिजनों में नाराजगी

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चांदपुर। कस्बे के मुहल्ला संतनगर में 12 वर्षीय किशोर भविष्य कुमार के अपहरण का मामला सामने आया है, जिसके संबंध में पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद रिपोर्ट दर्ज की। इस घटना से क्षेत्र में परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

जानकारी के अनुसार, सात सितंबर की सुबह किशोर घरेलू सामान लेने के लिए पास की दुकान गया था। आरोप है कि मुहल्ले के ही शिवा सिंह, सुनील और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति ने उसे नशा सुंघाकर अपहरण कर लिया। आरोपित उसे गजरौला रेलवे स्टेशन तक ले गए, जहां भविष्य को होश आया और उसने पुलिस को देखकर शोर मचाया। इस दौरान उसके साथ मौजूद अपहरणकर्ता फरार हो गए।

पुलिस ने किशोर से बातचीत के बाद उसे ट्रेन से वापस चांदपुर भेज दिया। किशोर ने घर पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी। अपहरण वाले दिन ही परिजनों ने थाने में तहरीर दी थी, लेकिन मामले की रिपोर्ट दर्ज करने में तीन दिन की देरी की गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए न्याय की मांग की है। उन्होंने घटना की जल्द जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्ण छानबीन की जा रही है और शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना क्षेत्र में किशोरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही है और स्थानीय लोगों ने सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की अपील प्रशासन से की है।

नशीली गोली रखने पर आरोपित को 25 माह का कारावास, चार हजार जुर्माना

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बिजनौर। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय चतुर्थ तथा एनडीपीएस एक्ट के विशेष न्यायाधीश निजेंद्र कुमार ने गुरुवार को नशीली गोलियां अवैध रूप से रखने के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी उमेश कुमार को दोषी पाते हुए 25 माह का कारावास तथा चार हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

विशेष लोक अभियोजन अधिकारी रितेश कुमार चौहान के अनुसार, 28 अक्टूबर 2019 को नजीबाबाद थाने में तैनात दारोगा कुमरेश त्यागी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस बल के साथ शांति व्यवस्था बनाए रखने के दौरान उन्होंने संदिग्ध व्यक्ति और वाहन की चेकिंग के दौरान उमेश कुमार के पास से नशीली गोलियां बरामद की थीं।

पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। न्यायालय में सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी माना। कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी के अवैध कार्य से समाज में नशे का खतरा बढ़ता है और इसके लिए कठोर दंड आवश्यक है।

इस मामले में तेजी से कार्रवाई हुई और इन सख्त निर्णयों से जिले में नशा तस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है। प्रशासन और पुलिस ने लोगों से अपील की है कि नशीले पदार्थों के खिलाफ जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।

कोर्ट का यह फैसला व्यवस्था और कानून लागू करने की दिशा में एक सख्त संदेश है।

झांसी में डेंगू का केस आया सामने, बिजनौर का नाम पोर्टल पर दर्ज: अफसरों में हड़कंप

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बिजनौर। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया जब एक महिला के डेंगू पॉजिटिव होने की सूचना आई। विभागीय जांच में पता चला कि महिला करीब डेढ़ साल से झांसी में रह रही है, लेकिन उसका आधार कार्ड बिजनौर का है। इस वजह से डेंगू का मामला गलत तरीके से बिजनौर जिले का रिकॉर्ड हो गया।

इस संबंध में जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत रैपिड रिस्पांस टीम को अलर्ट किया और नहटौर में स्वास्थ्य शिविर लगाकर क्षेत्र के लोगों की जांच की। निरोधात्मक उपाय भी शुरू किए गए। हालांकि, जब टीम ने महिला के पते पर छानबीन की तो पता चला कि वह वहां नहीं रहती, बल्कि झांसी के कैंट में अपने पति के साथ रहती है। यही स्थान संक्रमण का मूल केंद्र माना जा रहा है।

स्वास्थ्य अधिकारी मंजूषा गुप्ता ने कहा कि महिला का आधार कार्ड बिजनौर का होने के कारण बीमारी का रिकॉर्ड यहां दर्ज हो गया, पर नियंत्रण के लिए बेहतर समन्वय जरूरी है। उन्होंने झांसी के सीएमओ को इस मामले के प्रति सावधानी बरतने और आवश्यक रोकथाम कदम उठाने के लिए पत्र लिखा है।

डेंगू के प्रति जागरूकता बढ़ाने और संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सतर्कता बढ़ाई जा रही है। बिजनौर जिले में डेंगू के प्रति 80 इलाके संवेदनशील घोषित किए गए हैं। विभाग ने गांवों-मोहल्लों में एंटी-लार्वा छिड़काव और स्वास्थ्य जांच अभियान तेज किया है।

स्वास्थ्य विभाग की यह प्राथमिकता रही है कि संक्रमण को धीमा किया जाए और झांसी-बिजनौर दोनों जिलों के बीच समन्वय से बेहतर नियंत्रण मुमकिन हो।

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