Bijnor News Today 29Oct2025

बिजनौर में अंधविश्वास का अद्भुत जाल: पानी में ‘भूत’ दिखाने का झांसा देकर ठगों ने किसान से 4.60 लाख रुपये उड़ाए, हरिद्वार बुलाकर रचा धोखे का खेल

Bijnor News Today 29Oct2025/sbkinews.in

बिजनौर। जिले में अंधविश्वास और ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां साधु के वेश में आए ठगों ने एक किसान की पारिवारिक परेशानी दूर करने का झांसा देकर 4 लाख 60 हजार रुपये हड़प लिए। ठगों ने दावा किया कि वे पानी में ‘भूत की आकृति’ दिखाकर उसकी सब समस्याओं का समाधान कर देंगे। पीड़ित किसान ने जब धोखाधड़ी का एहसास हुआ, तो एसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की।

शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव मंगोलपुरा निवासी जयपाल सिंह ने बताया कि अगस्त की शुरुआत में एक युवक साधु के वेश में उनके गांव पहुंचा था। उसने जयपाल को विश्वास में लेते हुए कहा कि उसके परिवार पर ऊपरी साया है, जिसे दूर करने के लिए हरिद्वार आना होगा। वहां प्रेत आत्मा से मुक्ति दिलाने की विशेष साधना की जाएगी। शुरुआत में उसने परेशानी दूर करने का बहाना बनाकर 30 हजार रुपये लिए।

इसके बाद जयपाल को हरिद्वार के कनखल स्थित पायलट आश्रम बुलाया गया, जहां दो अन्य व्यक्ति भी मौजूद थे। उन्होंने पानी से भरा पात्र सामने रखकर उसमें दिखती आकृति को ‘भूत’ बताया और कहा कि यह उसी आत्मा का प्रभाव है जो उनके घर में परेशानी फैला रही है। डरे हुए किसान ने उनकी बातों पर भरोसा कर चार किस्तों में कुल 4.60 लाख रुपये दे दिए।

काफी समय तक कोई सुधार न होने पर किसान को संदेह हुआ, और जब ठगों ने दोबारा 2.30 लाख रुपये की मांग की तो उसने ठगी की शिकायत एसपी अभिषेक झा से की।

एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शहर कोतवाली पुलिस को जांच सौंपी है। उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसे झांसे से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि ठग धार्मिक भावनाओं और अंधविश्वास का फायदा उठाकर भोले-भाले नागरिकों को शिकार बना रहे हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि इस तरह की किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस हेल्पलाइन पर दें।

बिजनौर में लोनिवि की लापरवाही से अटका पीपे का पुल, गंगा पार किसानों की बढ़ी मुश्किलें, नाव से जान जोखिम में डालकर कर रहे आवागमन

Bijnor News Today 29Oct2025

बिजनौर। गंगा पार खेतों तक पहुंचने वाले किसानों को इस बार बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की लापरवाही के कारण अक्टूबर माह खत्म होने को है, लेकिन अभी तक गंगा नदी पर पीपे (पैंटून) का पुल तैयार नहीं किया गया। इससे मंडावढ़ क्षेत्र के खादर इलाकों में बसे किसानों की आवाजाही ठप पड़ी है। गंगा पार गन्ने की खेती करने वाले किसान मजबूरी में नाव का सहारा लेकर जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं।

हर साल लोनिवि गंगा पार अस्थायी पीपे का पुल अक्टूबर में बनाकर किसानों के लिए आवागमन शुरू करता है। बरसात के दौरान पुल को खोलकर रख दिया जाता है और जब पानी का स्तर घटता है तो इसे दोबारा जोड़ दिया जाता है। मगर इस बार अक्टूबर का अंतिम सप्ताह बीतने के बावजूद पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मंडावढ़ क्षेत्र के किसानों ने बताया कि गन्ना छिलाई और परिवहन का समय शुरू हो गया है। ऐसे में अगर जल्द पुल नहीं बन पाया तो उनकी फसल बेच पाना मुश्किल हो जाएगा। पिछले वर्ष भी लोनिवि द्वारा ऐसी ही देरी की गई थी, जिसके विरोध में किसानों और किसान संगठनों ने विभागीय कार्यालय का घेराव किया था।

स्थानीय किसानों का कहना है कि नाव से नदी पार करना बेहद जोखिमभरा है, खासकर सुबह और शाम के समय जब जल प्रवाह तेज होता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि लोनिवि तुरंत पीपे का पुल तैयार करे ताकि वे सुरक्षित तरीके से खेती और गन्ने की ढुलाई कर सकें।

अधिशासी अभियंता हेमंत कुमार ने बताया कि पुल निर्माण संबंधी तैयारी की जा रही है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

राज्य गन्ना प्रतियोगिता 2024-25 में बिजनौर और शामली जिले के किसानों का जलवा, दोनों जिलों के किसानों ने जीते चार प्रथम पुरस्कार

Bijnor News Today 29Oct2025

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लखनऊ। प्रदेश के मेहनतकश किसानों ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। राज्य गन्ना प्रतियोगिता वर्ष 2024–25 के परिणाम घोषित हो गए हैं, जिनमें बिजनौर और शामली जिले के किसानों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अग्रणी स्थान हासिल किया है। गन्ना विकास विभाग द्वारा घोषित परिणामों के अनुसार, सातों श्रेणियों में कुल 1318 किसानों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से बिजनौर और शामली के किसानों ने चार श्रेणियों में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

बिजनौर के किसान बृजेश कुमार शर्मा ने शीघ्र पेड़ी संवर्ग में 1985 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की अभूतपूर्व उपज हासिल की, जबकि मोहित त्यागी ने युवा गन्ना किसान पौधा संवर्ग में 1529 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर पहला स्थान प्राप्त किया। वहीं शामली के किसान प्रमेन्द्र राणा ने ड्रिप विधि से सिंचित पौधा संवर्ग में 1864 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज और वासु राणा ने युवा गन्ना किसान पेड़ी संवर्ग में 1836 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज दर्ज कर जिले को गर्व का पल दिया।

इसके अलावा लखीमपुर खीरी के ज्योति प्रकाश सिंह को शीघ्र पौधा संवर्ग में 2509 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज, बागपत के कृष्ण कुमार को सामान्य पौधा संवर्ग में 1146 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और मुजफ्फरनगर के ब्रह्मानंद को ड्रिप विधि से सिंचाई पेड़ी संवर्ग में 1633 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज के लिए प्रथम पुरस्कार मिला।

गन्ना आयुक्त मिनिस्ती एस. ने बताया कि विभाग ने सभी जिलों से नामित अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर यह परिणाम तैयार किए हैं। सभी प्रथम स्थान प्राप्त किसानों को 51 हजार रुपये और द्वितीय स्थान वालों को 31 हजार रुपये पुरस्कार राशि दी जाएगी।

इस प्रतियोगिता का उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रिप सिंचाई, उच्च गुणवत्ता वाले पौध और वैज्ञानिक खेती पद्धति अपनाने के लिए प्रेरित करना है। बिजनौर और शामली के किसानों की यह उपलब्धि प्रदेश में गन्ना उत्पादन का नया मानक स्थापित करती है।

अमेरिकी बाजार बंद हुआ तो खुला रूस का रास्ता: बिजनौर की नगीना काष्ठकला को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर, यूरोपीय देशों ने भी दिखाया रुझान

Bijnor News Today 29Oct2025

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बिजनौर। जिले की प्रसिद्ध नगीना काष्ठकला उद्योग के लिए नई उम्मीद की किरण दिखाई दी है। अमेरिका के बाजार में बढ़े टैरिफ के कारण जब भारतीय काष्ठकला उत्पादों का निर्यात प्रभावित हुआ, तब अब रूस और कई यूरोपीय देशों ने इसमें गहरी रुचि दिखाई है। हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो के बाद रूस के व्यापारियों ने नगीना से काष्ठकला के सैंपल मंगवाए हैं, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि आने वाले महीनों में बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं।

नगीना की काष्ठकला अपनी बारीक हाथ की कारीगरी और पारंपरिक डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है। यहां लगभग 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 800 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। उद्योग का सालाना टर्नओवर करीब 450 करोड़ रुपये का है। पहले अमेरिका नगीना के उत्पादों का सबसे बड़ा खरीदार माना जाता था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय लकड़ी शिल्प उत्पादों पर आयात शुल्क 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने के बाद व्यापार में बड़ी गिरावट आई।

नगीना हैण्डीक्राफ्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इरशाद मुल्तानी ने बताया कि “रूस और यूरोप के कई देशों से खरीदार संपर्क में हैं। सैंपल भेजे जा रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही स्थायी ऑर्डर प्राप्त होंगे।” उन्होंने कहा कि उद्योग दीपावली सीजन में घरेलू बाजार के साथ-साथ विदेशी मांग पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

उद्योग विभाग के उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि प्रशासन नगीना की काष्ठकला को वैश्विक पहचान दिलाने और निर्यात बढ़ाने के लिए विशेष समर्थन योजना तैयार कर रहा है।

अगर यह व्यापार सफल रहता है, तो बिजनौर का नगीना एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय काष्ठकला की पहचान को नए आयामों तक पहुंचा सकता है।

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