मुंबई-दिल्ली इंडिगो फ्लाइट में बम की धमकी, 200 यात्रियों की सांसें अटकी
Delhi News 01Oct2025/sbkinews.in
नई दिल्ली। इंडिगो की मुंबई से दिल्ली आने वाली उड़ान 6ई 762 को मंगलवार सुबह बम से उड़ाने की धमकी मिली, जिससे हवाई अड्डे पर सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया। विमान में करीब 200 यात्रि थे जिन्हें उतारकर पूरी तलाशी ली गई, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
यह धमकी सुबह लगभग 8 बजे एक क्रू मेंबर को विमान के टॉयलेट में एक नोट मिला, जिसमें ‘बम’ शब्द लिखा था। चालक दल ने तुरंत इसका हवाला एयर ट्रैफिक कंट्रोल को दिया और दिल्ली हवाई अड्डे पर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया।
दिल्ली हवाई अड्डे पर हवाई जहाज को अलग टर्मिनल के एकांत में पार्क कर निजी सुरक्षा बल और नागरिक विमान सुरक्षा ब्यूरो की टीम ने विमान, यात्रियों का सामान और उनके बैग की पूरी जांच की। यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही नाश्ते-पानी की सुविधा दी गई।
सुरक्षा जांच के बाद विमान को उड़ान के लिए सुरक्षित घोषित किया गया। इंडिगो ने यात्रियों को लगातार जानकारी देते हुए उनकी सहूलियत का भी पूरा ध्यान रखा।
सुरक्षा एजेंसियों ने धमकी की पड़ताल कर रही हैं और कॉल करने वाले की पहचान के लिए जांच तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक धमकी का कोई विशिष्ट सुराग नहीं मिला है।
यह मामला अवैध धमकी कॉल और हवाई सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चिंता का विषय है। सरकार और एयरलाइन कंपनियां ऐसी घटनाओं पर कड़ी सतर्कता रख रही हैं ताकि यात्रियों को सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित हो सके।
तीस हजारी कोर्ट ने पिता के विजिटिंग राइट्स पर रोक लगाने की मां की याचिका खारिज की
Delhi News 01Oct2025/sbkinews.in
नई दिल्ली। तीस हजारी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रशांत मित्तल ने एक महिला की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपने बच्चे को पिता से मिलने से रोकने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि बच्चे को पिता से मिलने से रोकना उचित नहीं होगा क्योंकि उपलब्ध तस्वीरों में बच्चा और पिता दोनों सहज और खुश नजर आ रहे थे।
कोर्ट ने साफ किया कि केवल इस आधार पर कि मां ने मुलाकात पर रोक लगाने के लिए ऐसा कहा था, इसे स्वीकार करना सही नहीं होगा। अदालत ने बच्चे की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए ये आदेश दिया कि पिता और बच्चे की मुलाकात केवल कोर्ट के बच्चों के कक्ष में ही होगी और पिता को बच्चे को बाहर लेकर जाने की अनुमति नहीं होगी।
इस मामले में ट्रायल कोर्ट पहले ही बच्चों के कक्ष के प्रभारी से पिता के व्यवहार पर रिपोर्ट मांग चुका है। अदालत ने इस रिपोर्ट के आने के बाद ही अंतिम निर्णय लेने की बात कही है।
विशेष न्यायाधीश ने यह भी कहा कि मुलाकात के दौरान बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बच्चों के कक्ष के प्रभारी को आदेश दिए गए हैं कि वे पिता को बच्चे को कक्ष से बाहर न जाने दें।
यह फैसला बच्चों के सर्वश्रेष्ठ हित और उनके मनोवैज्ञानिक विकास को ध्यान में रखते हुए दिया गया है, ताकि वे माता-पिता दोनों के साथ स्वस्थ सम्बन्ध बनाए रख सकें।
Refex Mobility ने दिल्ली-NCR में शुरू किया ऑपरेशंस, 400 नई क्लीन-फ्यूल गाड़ियां जल्द तैनात
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नई दिल्ली। Refex Mobility, जो Refex Group की क्लीन मोबिलिटी शाखा है, ने दिल्ली-एनसीआर में अपने ऑपरेशंस की शुरुआत कर दी है। कंपनी ने अगले तीन महीनों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 400 से अधिक नई क्लीन-फ्यूल चारपहिया गाड़ियां तैनात करने की योजना बनाई है। इस अवसर पर केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
Refex Mobility के पास पहले से ही चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई में 1400 से अधिक इलेक्ट्रिक चारपहिया वाहनों का फ्लीट है। कंपनी एक मजबूत तकनीकी परिवहन प्रबंधन प्रणाली और 200 से अधिक कर्मचारियों के साथ 70 से ज्यादा कॉर्पोरेट क्लाइंट्स को सेवा प्रदान करती है।
Refex Mobility के सीईओ अनिरुद्ध अरुण ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रवेश कर कंपनी अपने भरोसेमंद और पर्यावरणपूरक मोबिलिटी नेटवर्क का विस्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी का लक्ष्य भारत में स्वच्छ ऊर्जा और सतत परिवहन को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कॉरपोरेट्स को सोलर-आधारित चार्जिंग अपनाने और तेल आयात कम करने का आहवान किया। मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य की साफ मोबिलिटी का अगला चरण होगा।
Refex Mobility के इस कदम से दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन मोबिलिटी को बल मिलेगा और प्रदूषण में कमी आएगी।
दिल्ली में सड़क हादसों का कहर: शाम 6 से 9 बजे के बीच सबसे ज्यादा एक्सीडेंट, रोजाना 15 से अधिक मौतें
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर तेज रफ्तार और यातायात नियमों के उल्लंघन की वजह से मौतों और सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है। नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दिल्ली में कुल 5715 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1457 लोग अपनी जान गंवा बैठे। इनमें शाम 6 से 9 बजे के बीच सबसे ज्यादा हादसे दर्ज हुए, जो कुल दुर्घटनाओं का 20.7% हिस्सा हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में दिल्ली की सड़कों पर औसतन हर दिन 15 से अधिक लोग एक्सीडेंट का शिकार हुए। घायलों की कुल संख्या 4880 रही, जिसमें पुरुष 4217 और महिलाएं 663 शामिल थीं। मौतों में पुरुष 1339 और महिलाएं 118 थीं।
दोपहिया वाहनों से हुई दुर्घटनाएं इसकी सबसे बड़ी वजह हैं, जिनकी संख्या 622 मौतों के साथ सबसे अधिक रही। इसके बाद कारों, ट्रकों और बसों से हुए हादसों में भी भारी जानमाल का नुकसान हुआ। दिल्ली में पैदल यात्रियों के मौतों का आंकड़ा भी चिंताजनक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तेज रफ्तार, खराब सड़कों, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, अंधी सवारी और शराब पीकर ड्राइविंग मुख्य कारण हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि वे दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान कर सुधारात्मक कदम उठा रहे हैं।
सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान और सख्त कानून लागू कर हादसों की संख्या को कम करने की कोशिश जारी है।
दिल्ली में बंदरों की दहशत जारी, हर साल 2000 से अधिक लोग बन रहे बंदर हमलों के शिकार
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नई दिल्ली। दिल्ली में बंदरों का तांडव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों की जान और माल दोनो सुरक्षित नहीं हैं। 2007 में पूर्वी दिल्ली के एक उप महापौर सुरेंद्र सिंह बाजवा की बंदर हमले से मौत हो गई थी, जिसके बाद प्रशासन ने बंदरों को पकड़कर असोला भाटी माइंस के वन क्षेत्र में छोड़ने का आदेश दिया। लेकिन 18 साल बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है और हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
दिल्ली नगर निगम (MCD) के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में 1,654 बंदरों को पकड़ा गया और 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 1,788 तथा 2024-25 में 1,483 रही। इस वर्ष जुलाई तक 359 बंदरों को स्थानांतरित किया गया। इसके बावजूद हर साल करीब 2,000 बंदर हमलों की घटनाएं दर्ज होती हैं।
हाल ही में शास्त्री भवन में एक सरकारी अधिकारी पर बंदर ने हमला कर दिया, जिससे वह सातवीं मंजिल से नीचे गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि बंदर नियंत्रण की योजना अधर में लटकी है क्योंकि वन विभाग और नगर निगम के बीच जिम्मेदारी का मामला विवादित बना हुआ है। वन विभाग ने बंदरों की जनसंख्या नियंत्रण और बंध्याकरण की पहल लगभग बंद कर दी है जबकि नगर निगम केवल पकड़कर उन्हें असोला भाटी में छोड़ता रहता है।
लुटियंस दिल्ली समेत कई इलाकों में बंदरों की बढ़ती रेंज और हमलों ने नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब प्रशासन कड़े उपायों और संवेदनशील स्थानों पर बंदर भगाने वाले उपकरण लगाने में जुटा हुआ है, लेकिन ज्यादा प्रभावी समाधान की अभी आवश्यकता है।
दिल्ली में 100 किलो से अधिक कचरा फैलाने वालों पर एमसीडी की सख्ती, 85 लाख रुपये के 32 हजार चालान जारी
Delhi News 01Oct2025/sbkinews.in
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने उन बड़े कचरा उत्पादकों (बीडब्ल्यूजी) पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है जो रोजाना 100 किलो से अधिक कचरा उत्पन्न करते हैं और निगम में पंजीकरण नहीं कराते। निगम ने अब तक ऐसे 32,000 से अधिक ठोस कचरा उत्पादकों के खिलाफ 85 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है।
एमसीडी के अधिकारियों ने बताया कि नियमों के अनुसार बीडब्ल्यूजी को अपने परिसर में ही कचरे का स्रोत पर ही निस्तारण करना आवश्यक है। इसके अंतर्गत गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करना होता है। गीले कचरे को खाद संयंत्रों में परिवर्तित करना होता है वहीं बाकी सूखा कचरा एमसीडी को सौंपना होता है।
हालांकि, कई बीडब्ल्यूजी ने अभी तक इस कार्य में संलिप्त नहीं हुए हैं और पंजीकरण प्रक्रिया से भी भाग रहे हैं। निगम का कहना है कि अभी तक महज 3,749 संस्थाओं ने अपने आप को पंजीकृत कराया है।
एमसीडी ने बीडब्ल्यूजी को चेतावनी दी है कि वे जल्द से जल्द पंजीकरण कराएं नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई तेज हो जाएगी। कार्रवाई में व्यावसायिक प्रतिष्ठान, आरडब्ल्यूए, बैंक्वेट हॉल, होटल, अस्पताल और आवासीय सोसाइटियां शामिल हैं।
निगम ने यह भी कहा है कि इस तरह के कचरे का उचित निस्तारण करने से दिल्ली की सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा-कचरे के पहाड़ कम होंगे और पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा।


