हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ धाम के कपाट कब बंद होंगे, बढ़ी यात्रियों की संख्या
Uttarakhand News 01Oct2025/sbkinews.in
हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर 2025 को बंद होंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि 2 अक्टूबर को विजयदशमी के दिन तय की जाएगी। मौसम साफ होने के कारण दोनों तीर्थस्थलों पर यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
हेमकुंड साहिब में अब तक लगभग 2 लाख 64 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। इसके कपाट बंद होने के उत्सव को यादगार बनाने के लिए वहां विशेष तैयारियां की जा रही हैं। इस उत्सव में सेना, पंजाब के पूर्व सैनिकों का बैंड और देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु शामिल होंगे।
बद्रीनाथ धाम में भी तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है और अब तक 14 लाख से अधिक भक्त धाम पहुंच चुके हैं। दो अक्टूबर को बने धार्मिक समारोह में धार्मिक अधिकारी एवं वेदपाठी पंचांग गणना के बाद बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित करेंगे। इस दिन पंच पूजाओं का आयोजन भी होगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक विधियां संपन्न होंगी।
वर्ष 2025 के चार धाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा के कपाट बंद होने का ये समय श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्त्व रखता है। इन पारंपरिक आयोजनों के साथ यात्रियों के लिए भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव भी गहरा होता है।
कपाट बंद होने के बाद दोनों धामों की यात्रा अगले साल फिर से शुरू होगी। इन कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा इंतजाम भी कड़े किए जाएंगे ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
उत्तराखंड में हाईवे पर हाथियों का आतंक, सेल्फी लेने गए लोग दौड़े गए
Uttarakhand News 01Oct2025/sbkinews.in
कोटद्वार-दुगड्डा राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाथियों का झुंड लगातार आतंक मचा रहा है। हाथियों का यह झुंड राजमार्ग पर चहलकदमी करता रहता है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। मंगलवार को भी लगभग आधे घंटे तक हाथियों का झुंड हाईवे पर घूमता रहा।
कुछ लोग हाथियों के करीब सेल्फी लेने के प्रयास में गए, जिससे हाथी चिढ़ गए और उन्होंने उन्हें दौड़ा दिया। एक व्यक्ति तो अपनी बाइक छोड़कर भागा, लेकिन भागते हुए वह सड़क पर गिर गया। सौभाग्य से उसे कोई गंभीर चोट नहीं आई।
यह क्षेत्र लैंसडौन वन प्रभाग के पास होने के कारण हाथियों की गतिविधियां आम रहती हैं। जंगल से निकलकर ये हाथी हाईवे पार कर खोह नदी तक जाते हैं और कई घंटे तक रोड पर ही रहते हैं। झुंड में बच्चे हाथी भी मौजूद थे, जिससे हाथी ज्यादा सतर्क दिखे।
वन विभाग ने आगाह किया है कि लोगों को हाथियों से दूरी बनाकर चलना चाहिए और उनकी सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान वाहन चालक भी सतर्क रहें ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि वन्यजीवों और मनुष्यों के बीच बेहतर सह-अस्तित्व के लिए जागरूकता और संरक्षण आवश्यक है। वन विभाग द्वारा समय-समय पर हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने के लिए कदम उठाए जाते हैं। लगातार ऐसी घटनाओं के कारण वन क्षेत्र और मानव आवास के बीच संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है।
देहरादून में पांच करोड़ रुपये की लागत से शुरू होगी सड़क मरम्मत, मानसून में आई क्षति को ठीक किया जाएगा
Uttarakhand News 01Oct2025/sbkinews.in
देहरादून में मानसून की भारी बारिश से सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है और वे जर्जर हो गई हैं। इस समस्या को हल करने के लिए नगर निगम ने आंतरिक मार्गों की मरम्मत के लिए पांच करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए हैं। प्रत्येक वार्ड में सड़कों की मरम्मत के लिए पांच-पांच लाख रुपये का बजट भी मंजूर किया गया है। मौसम साफ होने के बाद निर्माण विभाग ने मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है।
नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बताया कि गड्ढे भरने और पैच वर्क के लिए ठेकेदारों को तीन दिन में कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। करीब एक महीने पहले नगर निगम की बोर्ड बैठक में यह बजट स्वीकृत हुआ था, जिसमें पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों की खराब सड़क स्थिति पर चिंता जताई थी। इसके बाद महापौर सौरभ थपलियाल ने निर्माण विभाग को काम शुरू करने के आदेश दिए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी लोक निर्माण विभाग को प्रदेश की सभी सड़कों को 31 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लापरवाही बर्दाश्त नहीं करने और कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा है। वर्तमान में देहरादून और आसपास के इलाकों में सड़कों की मरम्मत का काम तेज़ी से चल रहा है ताकि लोगों को यातायात में दिक्कत न हो।
यह पहल मानसून के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शहर की सड़कों की हालत सुधारने और उनके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करेगी।
विकासनगर में साइबर ठगी, 'सोट डन' कंपनी के नाम पर 1.37 लाख रुपये का बड़ा हादसा
Uttarakhand News 01Oct2025/sbkinews.in
विकासनगर के सहसपुर कोतवाली क्षेत्र में एक व्यक्ति से साइबर ठगी का मामला सामने आया है। रजत कुमार नामक व्यक्ति को टेलीग्राम पर एक लड़की ने ‘सोट डन’ नाम की कंपनी के जरिए निवेश का लालच दिया। लड़की ने उसे टास्क पूरे करने के नाम पर पैसे जमा करने के लिए कहा, जिससे कुल 1,37,099 रुपये ठग लिए गए।
रजत कुमार ने बताया कि शुरुआत में उसे 10,100 रुपये निवेश करने को कहा गया, जिसके बाद टास्क पूरा होने पर उसे 15,217 रुपये वापस मिलने का झांसा दिया गया। इसके बाद उसे 40,000 रुपये और लगाने की सलाह दी गई ताकि वह अधिक कमा सके। लेकिन बाद में उसे बताया गया कि टास्क में 97,099 रुपये का घाटा दिखाया जा रहा है और पैसे निकालने के लिए उसी राशि को भरना होगा।
इसके बाद उसने 97,099 रुपये दो अन्य खातों में जमा किए, जिसका कुल निवेश रकम 1,37,099 रुपये हो गया, लेकिन इसके बाद ठगों ने और पैसे मांगना शुरू कर दिए। जब उसे अपनी ठगी का पता चला, तो उसने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
साइबर ठगी के इस नये तरीके ने लोगों को सचेत रहना और ऑनलाइन लेनदेन में सावधानी बरतने का संदेश दिया है। पुलिस ने भी लोगों से ऐसे किसी भी संदिग्ध निवेश या पैसे मांगने वाली गतिविधि से सतर्क रहने का आग्रह किया है।
सांप के काटने से ज्यादा मौतें डर और अंधविश्वास से होती हैं, अल्मोड़ा अध्ययन में हुआ खुलासा
Uttarakhand News 01Oct2025/sbkinews.in
अल्मोड़ा में हुए एक शोध में पता चला है कि सांप के काटने से होने वाली मौतों की तुलना में डर, घबराहट और अंधविश्वास के कारण अधिक लोगों की जान जाती है। डॉ. वेदांत शर्मा के अनुसार, केवल 5% सांप ही जहरीले होते हैं जबकि बाकी 95% सांप गैर-जहरीले होते हैं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि समय पर सही इलाज और एंटी-सर्प विष (एएसवी) की उपलब्धता से सांप के काटने से होने वाली मौतों को काफी हद तक रोका जा सकता है। अध्ययन में सामने आया कि अधिकांश मृतक 21 से 30 वर्ष की उम्र के बीच के थे। वह बताते हैं कि सांप काटने के मामलों में 65% घटनाएं मई से अगस्त के बीच होती हैं और लगभग आधे मामले शाम सात बजे से सुबह छह बजे के बीच आते हैं।
शोध में यह भी पाया गया कि सांप काटने के बाद अंधविश्वास और झाड़-फूंक के चक्कर में कई बार वृद्ध या युवा मरीजों की जान चली जाती है, क्योंकि उन्हें समय पर चिकित्सकीय उपचार नहीं मिलता। डॉ. शर्मा ने कहा कि डर की वजह से लोग सही इलाज से दूर रहते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है।
अल्मोड़ा क्षेत्र में 60% मरीजों ने काटे जाने के एक से चार घंटे के भीतर अस्पताल आकर उपचार करवाया, जिससे उनके जीवन बचाने में मदद मिली। विशेषज्ञों का सुझाव है कि जागरूकता बढ़ाकर और मेडिकल सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराकर सांप काटने से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
यह शोध सांप काटने के डर को दूर कर सही उपचार के महत्व को उजागर करता है और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की आवश्यकता को दर्शाता है।
पति ने भालू के हमले से बचाई पत्नी की जान, खटीमा के सुरई रेंज में दहशत का माहौल
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खटीमा के सुरई रेंज में चारा लेने गई माया देवी पर भालू ने हमला कर दिया। हालांकि, उनके पति मोले सिंह ने हिम्मत दिखाते हुए दरांती लेकर भालू को भगा दिया और अपनी पत्नी की जान बचा ली। माया देवी को हमले में चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ग्रामीणों में इस घटना को लेकर दहशत का माहौल है क्योंकि यह पिछले 11 महीनों में भालू के हमले की तीसरी घटना है। वन विभाग से सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगाई जा रही है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सीमा के पास बसे इस इलाके में वन और मानव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं, और वन विभाग ने चेतावनी भी जारी रखी है। ग्रामीण इलाके में जंगली जानवरों की उपस्थिति के कारण सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है।
भालू के हमलों की इन लगातार घटनाओं ने इलाके में भय का माहौल बना दिया है, जिससे ग्रामीणों की जिंदगी प्रभावित हो रही है। मोले सिंह की बहादुरी की हर तरफ सराहना हो रही है, जिन्होंने अपने साहस से भालू से पत्नी को बचाया। वन विभाग इस मामले की जांच कर उचित कदम उठाने की तैयारी में है।


