पाकिस्तान आठ बार गए हुसैनी भाइयों के फर्जी दस्तावेज देख जांच एजेंसियां हुईं हैरान

Delhi News 02Nov2025/sbkinews.in
पिछले छह वर्षों में दोनों हुसैनी भाई कुल आठ बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुके हैं, जिस कारण खुफिया एजेंसियों की नजर उन पर गई है। जांच एजेंसियां उनके दस्तावेजों की छानबीन कर रही हैं और पाए गए फर्जी दस्तावेजों ने उन्हें हैरान कर दिया है।
इन भाइयों के पंजीकृत दस्तावेजों में कई विसंगतियां और असाधारणताएं मिली हैं, जिससे एजेंसियां उनकी वास्तविक पहचान और गतिविधियों को लेकर संदेह में हैं। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि इन बार-बार की यात्राओं का उद्देश्य क्या था और कहीं वे गैरकानूनी या संदिग्ध गतिविधियों में तो शामिल नहीं थे।
जांच के दौरान सभी यात्रा रिकॉर्ड, पासपोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जांचे जा रहे हैं। शंका है कि ये दस्तावेज किसी तरह की छुपी हुई साजिश या आतंकवादी गतिविधि का हिस्सा हो सकते हैं।
एजेंसियों की पूंछ तल्लीन है और वे जल्द ही पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। इस मामले ने सुरक्षा व्यवस्था की संवेदनशीलता और सतर्कता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि कैसे फर्जी दस्तावेजों का पर्दाफाश हो सकता है।
यह जांच अभी जारी है और किसी भी नए अपडेट के साथ स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार भी इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
दिल्ली फ्लाईओवर पर पंक्चर ट्रक की चपेट में आई कार, ग्रेटर नोएडा के छात्र रुद्र प्रताप की मौत, चालक फरार

Delhi News 02Nov2025/sbkinews.in
दिल्ली के एक फ्लाईओवर पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे में ग्रेटर नोएडा के छात्र रुद्र प्रताप की मौत हो गई। यह हादसा एक पंक्चर ट्रक की चपेट में आने से हुआ। पुलिस के अनुसार, ट्रक का चालक हत्या के इरादे से मौके से फरार है और उसकी तफ्तीश जारी है।
हादसे के कारण सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। रुद्र प्रताप का शव तुरंत ही अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस दुर्घटना की जांच कर रही है और ट्रक चालक को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों का सहारा ले रही है।
परिवार और स्थानीय लोग इस हादसे से गहरे सदमे में हैं। वे पुलिस से आग्रह कर रहे हैं कि दोषी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। पुलिस ने इलाके में सख्ती बढ़ा दी है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
यह दुर्घटना सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करती है। पुलिस प्रशासन ने सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने समेत यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने की बात कही है।
'चिकन काली मिर्च' में कॉकरोच मिलने के बाद दिल्ली के करीम रेस्टोरेंट पर लगा ताला, जांच में सामने आई गड़बड़ी

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दिल्ली के मशहूर करीम रेस्टोरेंट को ‘चिकन काली मिर्च’ के अंदर कॉकरोच मिलने की शिकायत के बाद तुरंत बंद कर दिया गया। शिकायत मिलते ही खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जांच की, जिसमें शिकायत को सही पाया गया।
जांच के दौरान रेस्टोरेंट की रसोई में साफ-सफाई और स्वच्छता के गंभीर लापरवाहियां देखी गईं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार की अस्वच्छता ग्राहकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
करीम रेस्टोरेंट प्रशासन को नोटिस जारी कर आवश्यक सुधार करने को कहा गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक सभी स्वास्थ्य मानकों का पालन नहीं किया जाता, तब तक रेस्टोरेंट को बंद रखा जाएगा।
यह घटना उपभोक्ता सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक उदाहरण बन गई है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने अन्य रेस्टोरेंट्स को भी स्वच्छता बनाए रखने और नियमों का पालन करने की चेतावनी दी है ताकि ऐसी घटनाएं न हों।
ग्राहक स्वास्थ्य की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, संक्रमण और बीमारियों से बचाव के लिए इस प्रकार की सख्ती आवश्यक मानी जा रही है।
दिल्ली के 18 अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट के 104 पद खाली, मरीज जांच के लिए भटकने को मजबूर

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दिल्ली के 18 सरकारी अस्पतालों में रेडियोलॉजी विभाग की स्थिति चिंताजनक हो गई है। यहां रेडियोलॉजिस्ट के 104 पद खाली होने के कारण मरीजों को समय पर आवश्यक जांच नहीं मिल पा रही है, जिससे उनका इलाज भी प्रभावित हो रहा है। अस्पतालों में इस कमी के कारण मरीज जांच कराने के लिए भटकने को मजबूर हो रहे हैं।
इस खालीपन के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है और कई बार मरीजों को निजी रेडियोलॉजी केंद्रों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसका खर्चा भी अधिक होता है। इस समस्या ने अस्पतालों की कार्यक्षमता को भी प्रभावित किया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस समस्या से अवगत हैं और जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, फिलहाल यह समस्या गंभीर बनी हुई है और मरीजों को सही समय पर जांच कराने में कठिनाई हो रही है।
मरीजों और उनके परिवारों ने इस समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय से समाधान की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो इस तरह की कमी से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होगी।
यह विषय दिल्ली के सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की बड़ी कमजोरियों को उजागर करता है और आवश्यक है कि इसे प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए।
दिल्ली में 5 रुपये में भरपेट खाना मुहैया कराने के लिए 100 करोड़ की अटल कैंटीन

Delhi News 02Nov2025/sbkinews.in
दिल्ली सरकार गरीबों को सस्ते और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना अटल कैंटीन शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत लोगों को मात्र 5 रुपये में भरपेट खाना मिलेगा। यह योजना अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में शुरू की जा रही है।
डीयूएसआईबी ने कुल 100 कैंटीन के लिए निविदाएं जारी की हैं, जिनमें से 20 कंपनियां इस सेवा को संचालित करेंगी। प्रत्येक कैंटीन में सस्ते दामों पर खाना उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सहायता प्रदान करना है।
इस योजना के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट भी अवमित किया है। अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से न केवल भूखमरी पर काबू पाने में मदद मिलेगी बल्कि लोगों को स्वच्छ और स्वास्थ्यकर भोजन भी उपलब्ध होगा।
इस कैंटीन परियोजना से लाखों लोग लाभान्वित होंगे और भोजन की पहुंच में सुधार होगा। सरकारी इस योजना को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं ताकि हर जरूरतमंद तक भोजन पहुंच सके।
इस परियोजना से दिल्ली की गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय के लक्ष्यों को भी बल मिलेगा। अटल कैंटीन पहल से उम्मीद की जा रही है कि यह एक बड़ी सामाजिक क्रांति साबित होगी।
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण, लेकिन वाटर मिस्टिंग सिस्टम लगाने में धीमी गति, जानिए कारण

Delhi News 02Nov2025/sbkinews.in
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर काफी उच्च बना हुआ है, और AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो रही हैं। इस बीच, प्रदूषण नियंत्रण के लिए वाटर मिस्टिंग सिस्टम (पानी के फव्वारे) लगाने में लगातार देरी हो रही है।
इस देरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। फंड की कमी एक बड़ा कारण माना जा रहा है, क्योंकि वाटर मिस्टिंग सिस्टम की स्थापना और रखरखाव के लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, तकनीकी चुनौतियां भी इस प्रक्रिया को प्रभावित कर रही हैं, जैसे कि उचित स्थानों का चयन, सिस्टम की प्रभावशीलता और पर्यावरणीय अनुकूलता।
राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी भी इस मामले में एक महत्वपूर्ण बाधा है। अक्सर प्रदूषण नियंत्रण को लेकर योजनाओं को स्थगित या टाल दिया जाता है, जिससे जनता को तत्काल राहत नहीं मिल पाती। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी भी इस सुस्ती का एक कारण है।
दिल्ली की जनता प्रदूषण से हो रहे स्वास्थ्य प्रभावों से काफी परेशान है और जल्द से जल्द समाधान की मांग कर रही है। विशेषज्ञ भी जोर देते हैं कि वाटर मिस्टिंग सिस्टम के साथ-साथ प्रदूषण के अन्य स्रोतों को नियंत्रित करना भी जरूरी है।


