Delhi News 25Oct2025

आनंद विहार नमो भारत स्टेशन ने रचा इतिहास, एनसीआरटीसी को मिला IGBC प्लेटिनम रेटिंग का सम्मान

Delhi News 25Oct2025

Delhi News 25Oct2025/sbkinews.in

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) को आनंद विहार नमो भारत स्टेशन के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) की ‘प्लेटिनम रेटिंग’ प्राप्त हुई है। यह IGBC की सर्वोच्च श्रेणी की रेटिंग है, जो स्टेशन की पर्यावरणीय स्थिरता, हरित निर्माण और ऊर्जा दक्षता को मान्यता प्रदान करती है।

यह उपलब्धि एनसीआरटीसी की सतत और पर्यावरण अनुकूल शहरी परिवहन प्रणाली बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आनंद विहार स्टेशन को छह प्रमुख श्रेणियों — साइट चयन और योजना, जल दक्षता, ऊर्जा दक्षता, सामग्री संरक्षण, इनडोर कम्फर्ट और डिजाइन नवाचार — में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए यह सम्मान मिला।

निर्माण के दौरान स्टेशन में लो-कार्बन तकनीक, वर्षा जल संचयन प्रणाली, प्राकृतिक वेंटिलेशन और ऊर्जा-कुशल लाइटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया। साथ ही स्टेशन के नीचे और आसपास की भूमि पर हरियाली विकसित की गई है जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम हुआ है।

एनसीआरटीसी का लक्ष्य अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 70 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों — जैसे सौर ऊर्जा — से पूरा करने का है। फिलहाल 4.7 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन चालू है और 15 मेगावॉट की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

यह सम्मान न केवल एनसीआरटीसी की तकनीकी दक्षता का प्रमाण है, बल्कि भारत में सतत परिवहन अवसंरचना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

दिल्ली में 21 साल बाद बनेगी नई गोशाला, घुम्मनहेड़ा में पीपीपी मॉडल पर होगी स्थापना; आवारा गायों को मिलेगा सुरक्षित आश्रय

Delhi News 25Oct2025/sbkinews.in

दिल्ली सरकार ने राजधानी में आवारा और बेसहारा गायों के लिए 21 साल बाद नई गोशाला बनाने की घोषणा की है। यह आधुनिक ‘मॉडल गोशाला’ दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ स्थित घुम्मनहेड़ा गांव में सार्वजनिक-निजी सहभागिता (PPP) मॉडल पर स्थापित की जाएगी। परियोजना का उद्देश्य सड़क पर भटक रही गायों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हुए उच्चस्तरीय बैठक में तय किया गया कि इस गोशाला के निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। गोशाला की देखरेख एक एनजीओ को सौंपी जाएगी, जिसे एक वर्ष के भीतर इसे पूरी तरह विकसित करना होगा।

आधुनिक पशु-सेवा सुविधाओं से युक्त यह गोशाला जल-संरक्षण प्रणाली, बायोगैस संयंत्र, स्वचालित चारे की आपूर्ति और पशुओं के लिए चिकित्सा देखभाल केंद्र से लैस होगी। इस परिसर में पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा आधारित बिजली व्यवस्था भी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गाय सड़कों पर बेसहारा न दिखे और सभी को उचित आश्रय और देखभाल मिले। इस योजना की निगरानी विकास मंत्री कपिल मिश्रा करेंगे, जिन्होंने कहा कि “घुम्मनहेड़ा मॉडल गौशाला” दिल्ली के लिए पशु-संरक्षण का प्रतीक बनेगी।

यह कदम न केवल पशु कल्याण की दिशा में एक बड़ी पहल है, बल्कि राजधानी में स्वच्छता और सार्वजनिक सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

दिल्ली में भी कार्बाइड गन का कहर, एम्स में अब तक नौ मरीज भर्ती; सोशल मीडिया ट्रेंड बना खतरा

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दीवाली के दौरान ‘कार्बाइड गन’ से हुई गंभीर चोटों के मामले अब दिल्ली तक पहुंच गए हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की नेत्र विभाग इकाई में अब तक नौ मरीज भर्ती किए गए हैं, जिनमें कई बच्चे शामिल हैं। इनमें से तीन मरीजों की आंखों में गंभीर क्षति हुई है और कुछ को धुंधला दिखाई देने लगा है।

डॉक्टरों का कहना है कि यह बेहद खतरनाक चलन सोशल मीडिया से प्रेरित है, जहां लोग ‘जुगाड़ू गन’ या ‘PVC कार्बाइड गन’ बनाकर छोटी वीडियो रील्स बना रहे हैं। इन गनों में कैल्शियम कार्बाइड और पानी से उत्पन्न होने वाली एसीटिलीन गैस का विस्फोट होता है, जो तेज दबाव के साथ निकलकर आंखों पर रासायनिक और झटकेदार चोट पहुंचाता है।

आईसीएमआर (ICMR) और ऑल इंडिया ऑप्थाल्मोलॉजिकल सोसाइटी (AIOS) ने पहले ही ऐसे ‘कार्बाइड गन’ उपकरणों पर रोक लगाने की सिफारिश की थी। AIOS ने बताया कि देशभर में इनसे सैकड़ों बच्चे घायल हुए हैं, जबकि एम्स-भोपाल और भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कई बच्चों की स्थायी दृष्टि चली गई है।

AIIMS दिल्ली के विशेषज्ञों ने कहा कि कार्बाइड गन से हुई चोटों में ‘अल्कलाइन बर्न’ (alkali burn) सबसे खतरनाक होते हैं, जो आंख की परतों को गला देते हैं और स्थायी अंधेपन का कारण बन सकते हैं।

सरकार और चिकित्सा विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के उपकरणों का प्रयोग न करें और बच्चों को भी इनसे दूर रखें। साथ ही, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी डिवाइसों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।

ग्रेटर नोएडा में डेंगू से महिला की मौत, 31 किमी का ग्रीन कॉरिडोर 20 मिनट में तय करने के बावजूद नहीं बची जान

Delhi News 25Oct2025/sbkinews.in

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में डेंगू पीड़ित 33 वर्षीय महिला कविता त्रिपाठी की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। बिसरख कोतवाली पुलिस ने गंभीर अवस्था में उन्हें दिल्ली के सरिता विहार स्थित अपोलो अस्पताल पहुंचाने के लिए रातोंरात 31 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया। पुलिस और ट्रैफिक टीमों की तत्परता से एंबुलेंस ने मात्र 20 मिनट में यह सफर तय किया, लेकिन तमाम कोशिशों और चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद शुक्रवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।

कविता त्रिपाठी पंचशील हाइनिस सोसाइटी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट की निवासी थीं और उनके पति धीरज त्रिपाठी एक आईटी कंपनी में कार्यरत हैं। परिजनों के अनुसार, 18 अक्टूबर को उन्हें तेज बुखार हुआ और प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगे। शुरुआती जांच में वायरल बुखार माना गया, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। हालत गंभीर होने पर उन्हें यथार्थ अस्पताल से अपोलो रेफर किया गया।

उनकी मौत से सोसाइटी के निवासियों में आक्रोश और भय व्याप्त है। लोगों का कहना है कि परिसर में जलभराव और मच्छरों की भरमार है, लेकिन प्रशासन की ओर से पर्याप्त फॉगिंग या एंटी-लार्वा छिड़काव नहीं हुआ।

जिला मलेरिया अधिकारी श्रुति कीर्ति वर्मा ने बताया कि शनिवार को क्षेत्र में फॉगिंग और एंटी-लार्वा अभियान चलाया जाएगा। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि घरों के आसपास पानी जमा न होने दें और सावधानी बरतें।

यह हादसा एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ते डेंगू संक्रमण और स्वास्थ्य सुविधाओं की चुनौतियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

दिल्ली के रोहिणी में 9वीं कक्षा की छात्रा ने बुजुर्ग को कार से कुचला, मौके पर मौत; CCTV में कैद हुआ हादसा

Punjab News 10Nov2025

Delhi News 25Oct2025/sbkinews.in

दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-11 में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में 67 वर्षीय राकेश अरोड़ा की जान चली गई। उन्हें एक नाबालिग लड़की ने होंडा अमेज कार से टक्कर मार दी। पूरी घटना पास के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है, जिसमें बुजुर्ग को सड़क पार करते वक्त तेजी से आ रही कार टक्कर मारती नजर आई।

जानकारी के अनुसार, आरोपी लड़की नौवीं कक्षा की छात्रा है और घटना के समय वह कार को खुद चला रही थी। यह कार उसकी मां के नाम पर पंजीकृत है। राकेश अरोड़ा, जो तितिक्षा पब्लिक स्कूल के पास से सड़क पार कर रहे थे, गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई।

घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने कार को कब्जे में ले लिया है और लड़की व उसके परिजनों से पूछताछ शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि कार चलाने के दौरान नाबालिग ने पूरी तरह नियंत्रण खो दिया था।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नाबालिग के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यदि यह साबित हो जाता है कि लड़की हादसे के समय जानबूझकर लापरवाही बरत रही थी, तो उसके माता-पिता पर भी धारा 304A (लापरवाही से मृत्यु) और मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

स्थानीय निवासियों ने इस हादसे पर गहरा आक्रोश जताया है और पुलिस से नाबालिगों द्वारा सड़क पर गाड़ी चलाने के मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग की है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा: मंदसौर में पुलिया से गिरी एंबुलेंस, दो की मौत — चालक गंभीर रूप से घायल

Delhi News 25Oct2025/sbkinews.in

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसे में एंबुलेंस पुलिया से नीचे गिर गई। हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील के सेंदरा माता गांव के पास हुई।

जानकारी के अनुसार, यह एंबुलेंस अहमदाबाद से मरीज को छोड़कर वापसी में सिलिगुड़ी जा रही थी। रात करीब 12 बजे वाहन अचानक अनियंत्रित होकर पुलिया से नीचे जा गिरा। अंधेरे और सुनसान इलाक़े में किसी ने इसे देखा नहीं, जिसके चलते एंबुलेंस वहां करीब छह घंटे तक फंसी रही।

शनिवार सुबह जब ग्रामीण खेतों की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त एंबुलेंस देखी और तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से घायल चालक अजी़नुर हक़ (28) को बाहर निकाला गया और ज़िला अस्पताल पहुंचाया गया।

हादसे में मौके पर ही एंबुलेंस स्टाफ के दो सदस्यों — अबीर और शिबु — की मौत हो गई। दोनों पश्चिम बंगाल के निवासी बताए जा रहे हैं। वाहन का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे राहत कार्य में लंबा समय लगा।

पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक अनुमान है कि तेज़ रफ्तार और रात के धुंधले मौसम के चलते चालक वाहन पर नियंत्रण खो बैठा।

इस हादसे ने एक बार फिर लंबी दूरी तय करने वाली एंबुलेंस सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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