सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अब आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही छोड़ा जाएगा

Delhi News Today 23 August 2025
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर अपने 11 अगस्त के आदेश में संशोधन किया है। अब आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही छोड़ा जाएगा। हालांकि, आक्रामक और रेबीज संक्रमित कुत्तों को छोड़ा नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें डॉग शेल्टर में रखा जाएगा।
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि नगर निकाय तत्काल प्रभाव से हर वार्ड में कुत्तों को भोजन कराने के लिए एक निश्चित स्थान (फीडिंग प्वाइंट) बनाएंगे। अब कोई भी व्यक्ति या संस्था सड़क पर कुत्तों को खाना नहीं खिला पाएगी। ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
यह आदेश अब सिर्फ एनसीआर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में नोटिस जारी किया है।
पशु प्रेमी अब आवारा कुत्तों को गोद ले सकेंगे, लेकिन उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे उन्हें वापस सड़क पर न छोड़ें। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले में शामिल होने वाले एनजीओ को दो लाख रुपये और व्यक्तियों को 25 हजार रुपये जमा करने होंगे।
कोर्ट ने सभी नगर निकायों से आठ सप्ताह के भीतर अपने ढांचागत संसाधनों का ब्योरा पेश करने को कहा है, जैसे डॉग शेल्टर की संख्या, पशु चिकित्सकों की संख्या, आदि। इसके साथ ही, देश भर के विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित आवारा कुत्तों से संबंधित सभी याचिकाएं भी सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गई हैं।
इस फैसले का उद्देश्य आवारा कुत्तों की समस्या का एक मानवीय और व्यवस्थित समाधान ढूंढना है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके और कुत्तों के साथ भी दुर्व्यवहार न हो।
नया आयकर कानून अधिसूचित, अगले साल अप्रैल से होगा लागू

Delhi News Today 23 August 2025
नई दिल्ली: आयकर विधेयक, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित कर दिया गया है। यह नया कानून 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा और इसके साथ ही आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा।
नए कानून का मुख्य उद्देश्य आयकर प्रणाली को सरल और अधिक सुगम बनाना है। इसमें कानून की भाषा को सरल बनाया गया है और पेजों की संख्या को आधा कर दिया गया है। साथ ही, अप्रासंगिक हो चुके प्रावधानों को हटा दिया गया है।
मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:
नई शब्दावली: अब ‘मूल्यांकन वर्ष’ और ‘वित्तीय वर्ष’ के स्थान पर केवल ‘कर वर्ष (Tax Year)’ शब्द का उपयोग किया जाएगा। जिस वर्ष आय प्राप्त होती है, उसे ही कर वर्ष माना जाएगा।
छोटे करदाताओं को राहत: देरी से दाखिल किए गए रिटर्न पर भी करदाताओं को रिफंड प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। छोटे करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 9 महीने तक बढ़ाई गई है।
पूर्वव्यापी रिटर्न दाखिल करने की सुविधा: करदाता पिछले चार कर वर्षों के लिए अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
बढ़ी हुई जिम्मेदारी: करदाताओं को अपने सभी लेन-देन का स्पष्ट रिकॉर्ड रखना होगा। बैंक खाते में कोई भी ऐसी राशि, जिसका स्रोत स्पष्ट नहीं है, उसे आय माना जा सकता है। इसी तरह, आय विवरण में दर्ज न किए गए खर्चों के बारे में संतोषजनक जवाब न देने पर उसे भी आय माना जा सकता है।
कर अधिकारियों को अधिक शक्तियां: नए कानून में कर अधिकारियों को लेखा अभिलेखों (बुक अकाउंट) की जांच करने और स्पष्टीकरण मांगने के लिए सशक्त बनाया गया है।
नया कानून कर प्रशासन को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने以及 करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे नए प्रावधानों को समझें और अपने वित्तीय रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखें।
आनलाइन गेमिंग बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी, आज से हो सकती है अधिसूचना जारी

Delhi News Today 23 August 2025
नई दिल्ली: आनलाकिन रोमिंग (गेमिंग) के प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025 को शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है। इसकी अधिसूचना शनिवार को जारी होने की संभावना है। इस कानून के लागू होने से पहले ही कई प्रमुख आनलाइन गेमिंग कंपनियों ने भारत में अपने रियल मनी गेमिंग के ऑपरेशन बंद करना शुरू कर दिया है।
नए कानून की मुख्य बातें:
कड़े दंड का प्रावधान: गैर-अनुमत रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाने पर तीन साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
विज्ञापन पर भी रोक: ऐसे प्लेटफॉर्म का विज्ञापन या प्रचार करने पर दो साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
रियल मनी गेम पर फोकस: सरकार का मुख्य फोकस पैसे लगाकर खेले जाने वाले (रियल मनी) आनलाइन गेमों पर रोक लगाना है।
नियामक प्राधिकरण: आनलाइन गेमिंग क्षेत्र की निगरानी के लिए एक नियामक प्राधिकरण बनाने पर काम चल रहा है।
गेमर्स को सुरक्षा: कानून में स्पष्ट किया गया है कि गेम खेलने वाले यूजर्स को अपराधी नहीं, बल्कि पीड़ित माना जाएगा।
प्रमुख कंपनियों ने बंद किए ऑपरेशन:
कानून लागू होने की आशंका के बीच प्रमुख गेमिंग कंपनियों जैसे विन्जो, ड्रीम-11, और रमी सर्कल ने भारत में अपने रियल मनी गेमिंग ऑपरेशन बंद करने शुरू कर दिए हैं। इन कंपनियों ने नए कानून के दायरे में आने वाले गेम्स को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सरकार का मानना है कि यह कानून ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को संस्थागत बढ़ावा देगा, साथ ही युवाओं को रियल मनी गेमिंग की लत और उससे होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाएगा। बीते पांच साल में सरकार ने गेमिंग से 2600 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है।
संभल मस्जिद विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त तक यथास्थिति बनाए रखने का दिया आदेश

Delhi News Today 23 August 2025
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर के भूमि विवाद में 25 अगस्त तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। साथ ही, अदालत ने हिंदू पक्षकारों को नोटिस जारी किया है।
जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस ए.एस. चंदुरकर की पीठ मस्जिद प्रबंधन समिति की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने संभल की एक दीवानी अदालत द्वारा मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण के आदेश को बरकरार रखते हुए मस्जिद समिति की याचिका खारिज कर दी थी।
मस्जिद समिति ने हाई कोर्ट में पिछले साल 19 नवंबर के उस आदेश के खिलाफ अपील की थी, जिसमें सिविल जज ने मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का निर्देश दिया था। समिति का दावा है कि दूसरा सर्वेक्षण 24 नवंबर को किया गया, जिसके लिए दीवानी अदालत ने कोई आदेश नहीं दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 अगस्त तक के लिए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए तय की है। इस दौरान, मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
Delhi News Today 23 August 2025/sbkinews.in