Delhi News 11Nov2025

दिल्ली के अस्पताल का हाल... 6 महीनों से दांतों के एक्स-रे की सुविधा बंद, स्वास्थ्य मंत्री भी नहीं कर पाए समाधान

Delhi News 11Nov2025

Delhi News 11Nov2025/sbkinews.in

बाहरी दिल्ली के दीपचंद बंधु अस्पताल में पिछले छह महीनों से दांतों के एक्स-रे की सुविधा बंद है। अस्पताल के दंत चिकित्सा विभाग में एक्स-रे मशीन में तकनीकी खराबी आने के कारण मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। इस समस्या के बारे में स्वास्थ्य मंत्री को भी अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जल्द ही एक्स-रे मशीन की मरम्मत करा ली जाएगी। दंत चिकित्सा विभाग में प्रतिदिन 100 से 150 मरीज आते हैं, जिनमें से अधिकांश को दांतों का एक्स-रे कराना जरूरी होता है। लंबे समय से यह सुविधा नहीं होने के कारण कई मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक और समय की बचत नहीं हो रही है। कुछ मरीज तो अपना इलाज बीच में ही छोड़ रहे हैं।

अस्पताल से जुड़े सूत्रों के अनुसार, एक्स-रे मशीन के सेंसर में तकनीकी खराबी आई है, जिसकी गारंटी अभी भी चल रही है। अस्पताल प्रबंधन ने कई बार कंपनी के इंजीनियरों को बुलाया, लेकिन वे इस समस्या को ठीक करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस बाधा के कारण मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

दिल्ली ब्लास्ट में टेरर एंगल या नहीं, क्या बोले IPS रवींद्र सिंह यादव? चश्मदीद रवि ने सुनाया आंखों देखा मंजर

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दिल्ली के लाल किले के पास एक वाहन में हुए जोरदार धमाके से मध्य दिल्ली दहल उठी। धमाके की तीव्रता से आसपास की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और कई लोग घायल हो गए। घटना में आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि 16 घायल हैं। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इसमें आतंकी साजिश शामिल है।

आईपीएस रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि धमाके के पीछे आतंकी एंगल की जांच जारी है। जांच एजेंसियों को शक है कि यह एक फिदायीन हमला हो सकता है। धमाके के बाद पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है, जो आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि धमाके वाली कार में विस्फोटक लगाया गया था।

चश्मदीद रवि ने बताया कि धमाके के बाद आसपास के इलाके में भगदड़ मच गई। लोग लाल किला मेट्रो स्टेशन की ओर भागे। उन्होंने कहा कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि लोग डर के मारे भाग रहे थे। जांच एजेंसियां अब धमाके के पीछे के मकसद का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। फिलहाल, धमाके के तार फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हुए हैं।

दिल्ली ब्लास्ट: अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी, UAPA के तहत मामला दर्ज

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दिल्ली के लाल किले के पास एक कार में धमाका हुआ, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई और 7 घायल हो गए। घटना के बाद अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। 

गृह मंत्री अमित शाह ने जांच के आदेश दिए हैं, और दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। विदेशी राजनयिकों ने शोक व्यक्त किया है।

धमाका लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ, जिससे आसपास की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और इलाके में भगदड़ मच गई। जांच एजेंसियों को शक है कि यह आतंकी हमला हो सकता है। धमाके के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है।

गृह मंत्री अमित शाह ने घटनास्थल का दौरा किया और जांच की निगरानी कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विदेशी राजनयिकों ने शोक व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।

दिल्ली ब्लास्ट: एक फोन कॉल ने बचाई भवानी की जिंदगी, धमाके के बाद पीछे देखा तो उड़ गए थे गाड़ी के परखच्चे

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दिल्ली के लाल किले के पास हुए जोरदार धमाके में भवानी नामक व्यक्ति की जान बाल-बाल बच गई। धमाके के समय भवानी अपनी गाड़ी से दूर थे, क्योंकि उन्हें एक फोन कॉल आया था। 

जैसे ही वे गाड़ी से बाहर निकले, उसी पल धमाका हुआ। धमाके की तीव्रता से उनकी गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और उसके परखच्चे उड़ गए। भवानी ने बताया कि अगर वे गाड़ी में होते, तो उनकी जान नहीं बचती।

धमाके के बाद भवानी ने पीछे मुड़कर देखा तो उनकी गाड़ी का कुछ भी बचा नहीं था। घटनास्थल पर आसपास की गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं और कई लोग घायल हो गए। 

दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है और धमाके के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। भवानी की जान बच गई, लेकिन उनकी गाड़ी और उनके दैनिक उपयोग की चीजें धमाके में नष्ट हो गईं।

दिल्ली वायु प्रदूषण: फिर 10 घंटे तक गायब रहा AQI का डेटा, रात 10 बजे के बाद हुआ अपडेट

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दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या के बीच, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का डेटा लगभग 10 घंटे तक गायब रहा। डेटा रात 10 बजे अपडेट किया गया, जिससे दिन भर वायु गुणवत्ता की जानकारी नहीं मिल पाई और प्रदूषण स्तर की निगरानी में बाधा आई। इस दौरान दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में रही, जिससे नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी जारी करने में भी दिक्कत हुई।

सीपीसीबी के समीर एप और वेबसाइट पर दिन भर एक्यूआई डेटा अपडेट नहीं हुआ। सुबह का आखिरी अपडेट 345 था, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इसके बाद कोई नया आंकड़ा नहीं आया, जिससे निगरानी एजेंसियों और आम जनता को वायु गुणवत्ता की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पाया। रात 10 बजे डेटा अपडेट होने के बाद जानकारी मिली कि दिन भर वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी रही।

इस घटना से नागरिकों और विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ गई है। वायु गुणवत्ता डेटा की नियमित उपलब्धता नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जरूरी है। इस बार डेटा गायब होने से लोगों को जरूरी सावधानियां बरतने में दिक्कत हुई।

दिल्ली ब्लास्ट: फरीदाबाद में मिला विस्फोटक बना चेतावनी, फिर भी एजेंसियां नाकाम; क्या बचाई जा सकती थी जानें?

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दिल्ली में हुए विस्फोट से ठीक पहले फरीदाबाद में विस्फोटक मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चेतावनी थी, लेकिन वे इस खतरे को नजरअंदाज कर बड़ी घटना को रोकने में नाकाम रहीं। 

फरीदाबाद में विस्फोटक के मिलने के बाद भी दिल्ली में विस्फोट हो गया, जिससे सुरक्षा में बड़ी चूक उजागर हुई है। इस घटना ने जनता की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुरक्षा एजेंसियों को फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने की जानकारी मिलने के बाद भी दिल्ली में विस्फोट रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फरीदाबाद में मिले विस्फोटक को गंभीरता से लिया जाता और दिल्ली में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की जाती, तो विस्फोट में जानें बचाई जा सकती थीं। विस्फोटक के मिलने के बाद भी दिल्ली में विस्फोट होना सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी को दर्शाता है।

अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या विस्फोट में गई जानें बचाई जा सकती थीं? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर फरीदाबाद में मिले विस्फोटक को गंभीरता से लिया जाता और दिल्ली में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की जाती, तो विस्फोट में जानें बचाई जा सकती थीं। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी को उजागर किया है और जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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