दिल्ली ब्लास्ट: दिल्ली पहुंची गुजरात ATS की टीम, गिरफ्तार आतंकियों के नेटवर्क खंगालने में जुटी

Delhi News 12Nov2025/sbkinews.in
दिल्ली ब्लास्ट के बाद गुजरात एटीएस की एक टीम दिल्ली पहुंच गई है और गिरफ्तार किए गए तीन संदिग्ध आतंकियों के नेटवर्क की जांच में जुटी है। इन आतंकियों की भूमिका दिल्ली बम धमाकों में जांच की जा रही है। पूछताछ के दौरान आतंकियों ने स्वीकार किया कि वे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी विचारधारा के संपर्क में आए थे।
गुजरात एटीएस की टीमें हैदराबाद, कैराना और लखीमपुरखीरी में भी जांच कर रही हैं। तीनों संदिग्ध 17 नवंबर तक एटीएस रिमांड पर हैं।
जांच में पता चला है कि इन आतंकियों ने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद में कई संवेदनशील स्थानों की रेकी की थी। उनके निशाने पर लखनऊ का आरएसएस ऑफिस और दिल्ली की आजादपुर मंडी थी।
एटीएस ने बताया कि यूपी के रहने वाले दोनों संदिग्धों ने राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार जुटाए थे। उन्होंने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद में भीड़भाड़ वाले स्थानों की सुरक्षा और भीड़ की जांच की थी। इनकी गतिविधियां कश्मीर में भी देखी गई हैं। आतंकियों के फोन और लोकेशन डेटा के आधार पर जांच जारी है।
दिल्ली धमाके से तीन घंटे पहले सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में बैठा था डॉ. उमर, अवैध गतिविधियों का अड्डा बना पार्किंग क्षेत्र

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दिल्ली के लाल किले के पास स्थित सुनहरी मस्जिद की पार्किंग अवैध गतिविधियों का अड्डा बन गई है। यह वही जगह है जहां तीन घंटे तक डॉ. उमर बैठा रहा, जो उस कार में सवार था जिसका इस्तेमाल हाल ही में हुए लाल किले के धमाके में हुआ था।
पार्किंग क्षेत्र से प्राइवेट बसें दूसरे राज्यों के लिए चलती हैं और यहां से माल का लोड-अनलोड भी होता है, जिससे टैक्स चोरी की घटनाएं होती हैं। एएसआई के अनुसार इस पार्किंग को टूरिस्ट पार्किंग कहा जाता है, लेकिन वास्तविकता में इसका उपयोग अवैध बस अड्डे के रूप में हो रहा है।
हालांकि, पुलिस ने इस संदर्भ में जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि पार्किंग पर विशेष निगरानी रखी जा रही है और जल्द ही सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। धमाके में उपयोग की गई कार कई घंटे तक इसी क्षेत्र में खड़ी रही।
पुलिस ने भी इस मामले में आवश्यक पहल की है और जांच तेज़ कर दी गई है। सुरक्षा एजेंसियां इस पार्किंग की गतिविधियों की समीक्षा कर रही हैं ताकि भविष्य में किसी और अप्रिय घटना को रोका जा सके।
हिसार: ट्रक ने स्कूटी को मारी टक्कर, युवक की मौत

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हिसार के दिल्ली रोड पर विद्या देवी जिंदल स्कूल के पास एक दुःखद घटना हुई, जिसमें एक तेज रफ्तार ट्रक ने स्कूटी को टक्कर मार दी। इस हादसे में भगाना गांव के 20 वर्षीय सुनील कुमार की मौत हो गई। वह कैंट के पास एक आरओ प्लांट में काम करता था और घर लौटते समय यह दुर्घटना हुई।
घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मृतक की पहचान सुनील कुमार के रूप में हुई है। वह अपने वाहन से घर लौट रहा था तभी ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया, पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
यह दर्दनाक घटना हिसार के लाइमलाइट क्षेत्र में हुई और इलाके में शोक और डर का माहौल बन गया है। परिजनों ने जल्द से जल्द आरोपी चालक को गिरफ्तार करने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन और ट्रक की तेज रफ्तार के कारण यह हादसा हुआ माना जा रहा है। पुलिस ने स्थिति की समीक्षा कर ट्रक और उस ड्राइवर की पहचान करने का प्रयास शुरू कर दिया है।
MCD पार्किंग में खड़े वाहनों की जांच का कोई प्रावधान नहीं, नागरिकों को कैसे मिलेगी सुरक्षा?

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लाल किला बम विस्फोट के बाद दिल्ली की पार्किंग व्यवस्था की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। एमसीडी के पार्किंग टेंडर में वाहन निरीक्षण का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे बिना जांच के गाड़ियां पार्क की जा सकती हैं।
कुछ जगहों पर जांच शुरू हुई है, लेकिन कर्मचारियों के पास उपकरण नहीं हैं। एमसीडी पार्किंग स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे तो हैं, पर वाहनों की जांच नहीं होती।
इस व्यवस्था के कारण आतंकवादी घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। नागरिकों को सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल पा रही है। अब पार्किंग आवंटन की शर्तों में बदलाव का प्रस्ताव है। नए नियमों के तहत वाहनों की जांच अनिवार्य की जाएगी और जांच के लिए उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जल्द ही नए नियम लागू किए जाएंगे। इससे आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी और नागरिकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
दिल्ली घूमने आए जबलपुर परिवार को विस्फोट की चर्चा और बढ़े किराए के कारण निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर बितानी पड़ी पूरी रात

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जबलपुर से दिल्ली घूमने आए एक परिवार को दिल्ली में निराशा ही हाथ लगी। परिवार का निशाना था इंडिया गेट और लाल किले जैसे प्रसिद्ध स्थलों की सैर, लेकिन अफसोस की बात यह रही कि वे इन जगहों को बंद पाए। इसके साथ ही निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर उतरते ही उन्होंने धमाके की चर्चा सुनी, जिससे परिवार में भय व्याप्त हो गया।
परिवार ने दिल्ली में ऑटो रिक्शा और होटल वालों द्वारा मनमाना किराया वसूला जाने के कारण उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं रहे। यही वजह थी कि उन्हें स्टेशन पर ही पूरी रात बितानी पड़ी। इस वजह से उनकी दिल्ली यात्रा की योजना अधूरी रह गई और वे मायूस होकर वापस जबलपुर लौट गए।
परिवार के सदस्य ने बताया कि सुरक्षा कारणों से सार्वजनिक स्थल और प्रमुख पर्यटन स्थल बंद थे। साथ ही, अधिकारी और ऑटो चालक भी मंहगे किराए पर राज करते दिखे। इस स्थिति में, वे न तो सफर कर पाए और न ही आपस में कही घूम सके।
पर्यटकों ने घटना को दर्दनाक बताया और कहा कि सरकार को ऐसी आपात स्थिति में बेहतर व्यवस्थाएं करनी चाहिए ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। वे चाहते हैं कि भविष्य में ऐसी परिस्थितियों का पुनरावृत्ति न हो।
यह घटना दिल्ली धमाके के बाद वहां की बढ़ी हुई सुरक्षा व्यवस्था के बीच आई है, जिसमें पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
दिल्ली विस्फोट में इस्तेमाल i-20 कार सबसे पहले कनॉट प्लेस और मयूर विहार में आई थी नजर, जांच में बड़ा खुलासा

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दिल्ली में हुए विस्फोट में इस्तेमाल की गई आई-20 कार को लेकर जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। सीसीटीवी फुटेज ने यह पुष्टि की है कि यह कार धमाके से कुछ घंटे पहले राजधानी के कनॉट प्लेस और मयूर विहार इलाकों में घूमती नजर आई थी। इसके अलावा, यह कार 29 अक्टूबर से 10 नवंबर तक अलीगढ़ स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कैंपस में भी खड़ी रही थी।
पुलिस ने पाया है कि इस कार का इस्तेमाल आतंकी उमर मोहम्मद कर रहा था, जो धमाके का मुख्य आरोपी भी है। उमर अपनी आई-20 कार को लेकर दिल्ली के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में गश्त करता रहा था। जांच एजेंसियों को शक है कि धमाके में हाई ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है।
जांच में यह भी पता चला है कि इस पूरे आतंकी मॉड्यूल का मुख्य हैंडलर विदेश में है और इस साजिश के तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में विदेशी नेटवर्क, डिजिटल ट्रांजेक्शन और ऑनलाइन सूत्रों की भी जांच कर रही हैं।
धमाके की तीव्रता और क्राइम सीन के मुआयने से पता चला है कि विस्फोट को आंशिक रूप में ही अंजाम दिया गया। उमर नबी ने पुलिस की कार्रवाई से घबराकर बम को समय से पहले डिटोनेट कर दिया था।


