Uttarakhand News 24Nov2025

चमोली के पोखरी में स्कूल लौट रहे बच्चों पर भालू का हमला, बस्ता छोड़ भागने को मजबूर हुए छात्र-छात्राएं

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उत्तराखंड के चमोली जिले के पोखरी क्षेत्र में भालू का आतंक बढ़ता जा रहा है। हरिशंकर गनियाला गांव में स्कूल से लौट रहे छात्र-छात्राओं पर भालू ने हमला कर दिया। बच्चों ने डर के मारे अपना बस्ता वहीं छोड़ भागने को मजबूर हो गए। ग्रामीणों की आवाजाही से भालू डर कर मौके से भाग गया।

स्थानीय लोग इस घटना से काफी चिंतित हैं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत हैं। क्षेत्र के अन्य ग्रामीणों ने भी वन विभाग को बार-बार भालू के आतंक की शिकायत की है, लेकिन अभी तक इसे रोकने के लिए विशेष प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।

वन विभाग ने प्रभावित इलाके में सुरक्षा टीमें तैनात कर दी हैं और गश्त तेज कर दी है। विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और बच्चों को अकेले दूरस्थ इलाकों में जाने से बचाने की सलाह दी है। साथ ही बच्चों को स्कूल से आते-जाते समय सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं।

भालू के लगातार हमलों ने गांव में दहशत फैला दी है, जिससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। वन विभाग का कहना है कि वे इस समस्या को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहे हैं।

विद्यालय प्रशासन ने भी बच्चों और अभिभावकों को सतर्क रहने तथा सुरक्षित रूट अपनाने के लिए कहा है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता बताई गई है।

चम्पावत के लोहाघाट में आदमखोर गुलदार पिंजरे में कैद, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

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उत्तराखंड के चम्पावत जिले के लोहाघाट विकासखंड के मंगोली गांव में आदमखोर गुलदार को वन विभाग की टीम ने पिंजरे में सफलतापूर्वक पकड़ लिया है। यह वही गुलदार बताया जा रहा है जिसने 12 नवंबर को गांव के एक युवक भुवन राम को मार डाला था, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी।

वन विभाग के एसडीओ सुनील कुमार ने बताया कि टीम ने लगातार निगरानी और खोज ऑपरेशन चलाकर गुलदार को फंसा लिया। डीएनए परीक्षण से भी इसकी पुष्टि की जाएगी कि यह वही आदमखोर है जिसने हमला किया था।

गुलदार के पकड़े जाने के बाद इलाके के ग्रामीणों ने बड़ी राहत महसूस की है। इससे पहले इसी क्षेत्र के च्यूरानी गांव में भी एक आदमखोर गुलदार को पकड़ा गया था। वन विभाग इस प्रकार के खतरनाक वन्य जीवों को सुरक्षित तरीके से पकड़कर मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।

ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्रवाई की सराहना की है और कहा कि इससे गांव में अब बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा बेहतर होगी। वन विभाग ने भी तेज गश्त बढ़ा दी है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

यह सफलता मानव और वन्यजीव सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करने वाली है। वन विभाग का उद्देश्य क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखना है ताकि लोग बिना भय के जीवन यापन कर सकें।

देहरादून के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी की अंतिम विदाई में भारी जनसैलाब, घर से कब्रिस्तान तक उमड़ी भीड़

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देहरादून के वरिष्ठ इस्लामी विद्वान और जमीअत उलमा-ए-हिन्द उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी का निधन हो गया। उनकी अंतिम विदाई में समाज के हर वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। घर से चंदरनगर कब्रिस्तान तक हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिन्होंने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।

मौलाना कासमी ने 1981 से देहरादून के शहर काजी के रूप में सेवा दी। वे अपनी धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सदैव समर्पित थे। उनकी अचानक मौत से पूरा मुस्लिम समुदाय और देहरादून शहर गमगीन है।

जनाजे में स्थानीय राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ ही विभिन्न समुदायों के लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में गहरा धार्मिक आयोजन किया गया, जिसमें गुरुवाणी और अन्य धार्मिक अम्लों का पाठ हुआ।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित कई दिग्गज नेताओं ने मौलाना कासमी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि मौलाना साहब ने धार्मिक सद्भाव और सामाजिक सेवा में अनूठा योगदान दिया।

इस कार्यक्रम में मौलाना साहब के अनुयायियों और परिवारजनों के बीच गहरा दुःख व्याप्त था। उनकी कमी से धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में एक बड़ा void महसूस किया जा रहा है।

यह विदाई न केवल एक धार्मिक नेता की अंतिम यात्रा थी, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और आध्यात्मिक विरासत की निरंतरता का प्रतीक भी बनी।

देहरादून के विकासनगर में यूजेवीएनएल की भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ जोरदार बुलडोजर कार्रवाई, विरोध प्रदर्शन के बीच हुआ तनाव

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देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) की सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों को हटाने के लिए प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस कार्रवाई के दौरान कई जगहों पर अतिक्रमणकारियों ने कड़ा विरोध किया, जिससे क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।

ध्वस्तीकरण के समय हरिपुर, ढालिपुर और ढकरानी गांवों में भारी भीड़ जुटी रही, जिसमें बच्चे और महिलाएं भी विरोध में शामिल थीं। एक बुजुर्ग व्यक्ति टूटते मकान की छत पर चढ़ गया, जिसे पुलिस-प्रशासन ने जेसीबी की मदद से सुरक्षित नीचे उतारा। ढकरानी में एक महिला विरोध स्वरूप जेसीबी के सामने लेट गई, जिससे अफरातफरी फैल गई।

तबादलों और सामग्री की सुरक्षा के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान कई बार पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच बहस और भिड़ंत हुई। आसपास के स्थलों पर भी गश्त बढ़ाई गई है ताकि शांति बनाए रखी जा सके।

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के अधिकारी बंशीधर तिवारी ने बताया कि सुधरे हुए नोटिस और संवाद के बावजूद कई लोग बिना अनुमति निर्माण कर रहे थे, इसलिए यह कार्रवाई आवश्यक थी। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जा या निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

इस कार्रवाई से आसपास के निवासियों को राहत मिली है, क्योंकि अवैध अतिक्रमणों के कारण कई जगहों पर समस्या हो रही थी। प्रशासन ने भी भविष्य में इस तरह के मुद्दों को रोकने के लिए मोबाइल टीमों को सक्रिय रखने का आश्वासन दिया है।

'हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के 80% बेड स्थानीय मरीजों के लिए रिजर्व होंगे', स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का जन्मदिन पर बड़ा ऐलान

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स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के जल्द पूर्ण संचालन का आश्वासन दिया है। आगामी पांच महीनों में मेडिकल कॉलेज पूरी तरह चालू हो जाएगा। इसके तहत इमरजेंसी को छोड़कर 80% बेड हरिद्वार जनपद और आसपास के स्थानीय मरीजों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे।

मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में दो दिन प्रतिदिन ओपीडी सेवा चल रही है, जिसे स्थायी कर दिया जाएगा। साथ ही सभी आवश्यक विभागों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए तैयारियां तेज की जा रही हैं ताकि स्थानीय जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

सरकार का उद्देश्य है कि रोगियों को प्राथमिक और द्वितीयक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण उपचार मिले ताकि उन्हें बड़े अस्पतालों में रेफर करने की जरूरत न पड़े। उन्होंने पूरे स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत बनाने पर जोर दिया।

डॉ. रावत ने कहा कि किसी भी स्वास्थ्य केंद्र से 3% से अधिक मरीजों को रेफर किए जाने पर संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस पहल से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा।

हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डॉक्टर, आधुनिक उपकरण, बेहतर बेड क्षमता, रेडियोलॉजी सेवाएं और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए बड़ा वरदान साबित होगी।

मंत्री धन सिंह रावत ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया और कहा कि काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही यह जनता के लिए खुल जाएगा।

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