उत्तराखंड के कोटी गांव में शादी समारोहों में शराब पर परोसने पर 25 हजार रुपए का भारी जुर्माना लगाया जाएगा
Uttarakhand News 25Nov2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के कोटी गांव में एक सामाजिक पहल के तहत शादी समारोहों में शराब परोसने पर 25 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। इस निर्णय का मकसद गांव में फैली सामाजिक बुराइयों, विशेषकर शराब सहित अन्य नशीली वस्तुओं के उपयोग को रोकना है, जिससे सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं को कम किया जा सके।
गांव के मुखिया और पंचों ने मिलकर यह निर्णय लिया है और इसे पूरे गांव के लोगों का समर्थन प्राप्त है। ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार शराब के सेवन से होने वाली झगड़े, घरेलू हिंसा और अन्य सामाजिक कुप्रथाओं से निजात पाने के लिए इस कड़े कदम की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि यह फैसला गांव के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस फैसले के तहत यदि कोई भी शादी समारोह में शराब परोसता या इसका सेवन करता पाया जाता है, तो उसे 25 हजार रुपए का जुर्माना भुगतना होगा। साथ ही इससे संबंधित अन्य प्रतिबंध भी लागू किए जाएंगे। ग्रामीण लोग अपने बच्चों और युवाओं को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कोटी गांव का यह कदम अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणादायक माना जा रहा है, जहां सामाजिक सुधार की मांग उठ रही है। स्थानीय प्रशासन ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है और आशा व्यक्त की है कि इससे इलाके में शांति और समृद्धि बढ़ेगी।
रायवाला के चकजोगीवाला में गुलदार ने घर में घुसकर कुत्तों का किया शिकार, घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद, वन विभाग ने पिंजरा लगाया
Uttarakhand News 25Nov2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के देहरादून जिले के रायवाला क्षेत्र के चकजोगीवाला गांव में शनिवार रात एक खतरनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक गुलदार कुत्तों का शिकार करने के लिए नवीता गुनसोला के घर में घुस गया। इस पूरी घटना का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया, जिसे देखकर ग्रामीणों में दहशत फैल गई है।
वन विभाग ने इस गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया है, लेकिन अभी तक यह उसमें फंसा नहीं है। पिंजरा लगाने और खोज अभियान के लिए वन विभाग के रेंज अधिकारी धीरज रावत ने बताया कि टीम लगातार इस खतरनाक गुलदार को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
गुलदार के घर में घुसने की घटना के बाद आसपास के क्षेत्र में ग्रामीण काफी भयभीत हैं और व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। वन विभाग ने 주민ों को सावधानी बरतने और बच्चों व घर के पशुओं की सुरक्षा करने की सलाह दी है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि वन्यजीवों और मानव आवासी क्षेत्रों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है, जिससे सुरक्षा की चुनौती भी बढ़ रही है। अधिकारियों ने ग्रामीणों से संयम और सहयोग की अपील की है ताकि बिना किसी अप्रिय घटना के इस समस्या का समाधान किया जा सके।
वन विभाग ने पूरे इलाके में गश्त तेज कर दी है और जल्द ही गुलदार को पकड़ कर बसाहट से दूर ले जाने की योजना बनाई जा रही है।
टिहरी के नरेंद्रनगर में भारत दर्शन यात्रा पर आई बस खाई में गिरी, ब्रेक फेल होने से पांच यात्रियों की मौत, दिल्ली, गुजरात और उत्तर प्रदेश के यात्री शामिल
Uttarakhand News 25Nov2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के टिहरी जिले के नरेंद्रनगर क्षेत्र में कुंजापुरी मंदिर के पास भारत दर्शन यात्रा पर आई बस ब्रेक फेल होने के कारण खाई में गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में पांच यात्रियों की मौत हो गई जबकि 13 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में दिल्ली, गुजरात और उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालु शामिल हैं।
बस भारत दर्शन यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं से भरी हुई थी जो कुंजापुरी के दर्शन कर लौट रही थी। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर घायलों को तुरंत रेस्क्यू कर फाजिल्का और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया। गंभीर रूप से घायल कई मरीजों को बेहतर इलाज के लिए देहरादून रेफर कर दिया गया है।
स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बस का ब्रेक फेल हो गया था, जिसके कारण चालक बस को नियंत्रित करने में असफल रहा और बस सीधे खाई में जा गिरी। जिला प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच तेजी से करने का निर्देश दिया है ताकि भविष्य में इस प्रकार के हादसों से बचा जा सके।
इस हादसे ने लोगों में सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता और जागरूकता को बढ़ा दिया है। प्रशासन ने भी सभी वाहनों के नियमित निरीक्षण और सड़क नियमों के पालन की सलाह दी है। मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से मदद उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है।
बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे, मंदिर को 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया
Uttarakhand News 25Nov2025/sbkinews.in
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार 25 नवंबर, 2025 को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर शीतकालीन अवधि के लिए बंद कर दिए जाएंगे। यह योजना हर साल की तरह इस बार भी सावधानी और धार्मिक विधि-विधान के साथ पूरी की जाएगी।
कपाट बंद होने से पहले मंदिर को करीब 12 क्विंटल फूलों से भव्य रूप में सजाया गया है, जिससे धाम की सुंदरता और भी निखर उठी है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटेगी, जो धरती पर एक दिव्य वातावरण का निर्माण करेगी। भक्तगण अंतिम दिन दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे हैं ताकि वे भगवान बद्रीनाथ के आशीर्वाद का लाभ प्राप्त कर सकें।
धार्मिक परंपरा के अनुसार, शीतकालीन अवधि के दौरान भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति को जोशीमठ के विश्व प्रसिद्ध स्थान पर ले जाकर पूजा अर्चना की जाएगी। मंदिर और आसपास के क्षेत्र में बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के कारण छः महीने तक मंदिर बंद रहेगा।
जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन सभी सुरक्षा इंतजामों के साथ श्रद्धालुओं के आगमन और विदाई की व्यवस्था कर रहे हैं। मंदिर के पूर्व वार्षिक आयोजनों की समीक्षा के बाद इस बार भी गाइडलाइंस जारी की गई हैं जिसमें धार्मिक श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का भी औपचारिक समापन होगा। श्रद्धालुओं को अगले वर्ष अप्रैल-मई में फिर से धाम के कपाट खुलने पर दर्शन हेतु आने का निमंत्रण दिया गया है।
हरिद्वार के भेल क्षेत्र में 2 करोड़ की लागत से 9 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ, स्थानीय लोगों को यातायात सुगमता के साथ विकास की उम्मीद
Uttarakhand News 25Nov2025/sbkinews.in
हरिद्वार के भेल क्षेत्र में बड़ी सड़क परियोजना शुरू की गई है, जिसकी लागत 2 करोड़ रुपये से अधिक है। इस परियोजना के तहत 9 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य चालू कर दिया गया है। इस सड़क से स्थानीय लोगों को आवागमन में काफी सुविधा मिलेगी और साथ ही क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को भी बल मिलेगा।
भेल प्रबंधन द्वारा इस सड़क निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना क्षेत्र की आधारभूत संरचना को मजबूत करेगी और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी। सड़क की मरम्मत और निर्माण से परिवहन लागत में भी कमी आएगी।
स्थानीय निवासियों ने इस परियोजना का स्वागत करते हुए कहा कि वे वर्षों से बेहतर सड़क सुविधा के लिए इंतजार कर रहे थे। अब इस योजना से बच्चों के विद्यालय आने-जाने में सुविधा होगी और किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक आसानी से पहुंचाने में मदद मिलेगी।
भेल ने परियोजना के लिए आवश्यक संसाधनों और तकनीकी मदद का इंतजाम किया है, जिससे कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा हो सके। साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
इस सड़क निर्माण से श्रमिकों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। स्थानीय प्रशासन ने भी इस परियोजना का समर्थन करते हुए पूरे क्षेत्र के विकास में इसकी महत्ता को स्वीकार किया है।


