मेरठ में खौफनाक वारदात: पत्नी ने प्रेमी संग रची साजिश, नींद की गोलियां खिलाकर पति का दुपट्टे से गला घोंटा, फिर जिंदा गंगनहर में फेंका—तीनों गिरफ्तार
UP News today 08Nov2025/sbkinews.in
मेरठ। प्रेम प्रसंग के अंधे खेल ने एक परिवार उजाड़ दिया। रोहटा थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर में पत्नी ने अपने प्रेमी और उसके साथी संग मिलकर पति की हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक, आरोपी पत्नी काजल ने पहले पति अनिल कुमार को खाने में नींद की गोलियां दे दीं, जिससे वह बेहोश हो गया। देर रात काजल ने प्रेमी आकाश और उसके साथी बादल को बुलाया। दोनों ने बेहोश अनिल को बाइक पर बिठाकर सिवालखारा गंगनहर पर ले गए, जहां काजल भी पहुंची। वहां प्रेमी आकाश और बादल ने काजल के दुपट्टे से अनिल का गला घोंटा और उसे जिंदा ही नहर में फेंक दिया।
अगले दिन काजल ने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन पुलिस की जांच और तकनीकी सबूतों ने सारा सच सामने ला दिया। एसपी देहात अभिजीत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तीनों आरोपितों—काजल, आकाश और बादल—को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त दुपट्टा और नींद की गोलियां बरामद की हैं।
मृतक अनिल राजमिस्त्री का काम करता था और आठ साल पहले काजल से उसकी शादी हुई थी। उनके तीन बच्चे हैं—दो बेटियां और एक बेटा। दो साल से काजल का पड़ोसी आकाश से अवैध संबंध चल रहा था, जिसे लेकर कई बार पंचायत भी हो चुकी थी।
वर्तमान में पुलिस गंगनहर में अनिल के शव की तलाश में जुटी हुई है और सर्च अभियान जारी है। गांव में इस वारदात के बाद भय और आक्रोश का माहौल है।
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे गाड़ी टकराने पर झगड़ रहे लोगों को ट्रक ने मारी टक्कर, एक की मौत
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बागपत के चांदीनगर थाना क्षेत्र में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार तड़के एक दर्दनाक हादसा हुआ। गांव सरफाबाद के पास तीन लोग अपनी गाड़ियों के टकराने के कारण आपस में झगड़ रहे थे, तभी तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में 24 वर्षीय पिकअप चालक अंशु पुत्र उदयवीर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो सगे भाई गंभीर रूप से घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार, अंशु कासगंज के थाना सहावर के गांव दमपुरा का निवासी था और वह दिल्ली से बोलेरो पिकअप लेकर गाजियाबाद के डासना जा रहा था। हादसे का समय करीब तड़के चार बजे का बताया गया है। अंशु की पिकअप गाड़ी ट्रक से टकरा गई, जिससे सड़क पर दोनों पक्ष के लोग उतर कर विवाद करने लगे। इसी बीच पीछे से आ रहा एक तेज रफ्तार ट्रक बिना रुके तीनों को टक्कर मारता हुआ फरार हो गया।
गंभीर रूप से घायल हुई दोनों भाइयों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पोस्टमार्टम के लिए अंशु के शव को भेज दिया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और फरार ट्रक चालक की तलाश कर रही है। यह हादसा लोगों के लिए एक चेतावनी भी है कि सड़क पर अनुशासन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, नहीं तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता है।
एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में 50 हजार का इनामी बदमाश ढेर, फरार तीन साथी की तलाश जारी
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आजमगढ़। उत्तर प्रदेश एसटीएफ, स्वाट टीम और सिधारी थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में आजमगढ़ जिले के रौनापार थाना क्षेत्र के जोकहरा पुल के पास शुक्रवार सुबह हुई मुठभेड़ में 50 हजार रुपये का इनामी बदमाश वाकिफ उर्फ वाकिब ढेर हो गया। यह बदमाश फूलपुर के नियाउज गांव का निवासी था और उस पर आजमगढ़, गोरखपुर, संत कबीर नगर, कुशीनगर और जौनपुर जिलों में हत्या, चोरी, लूट और गो-तस्करी सहित 48 से अधिक मुकदमे दर्ज थे।
चार दिन पहले सिधारी क्षेत्र में एक महिला से हुई चेन छिनैती की घटना के बाद पुलिस और स्वाट टीम गश्त पर थे। इसी दौरान एसटीएफ को सूचना मिली कि कुछ बदमाश रौनापार क्षेत्र की तरफ भाग रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने जोकहरा पुल के पास घेराबंदी कर दी। बाइक पर आ रहे चार बदमाशों को रुकने का इशारा किया गया था, लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसमें वाकिफ घायल हो गया। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरैया और बाद में सदर अस्पताल आजमगढ़ रेफर किया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने वाकिफ के कब्जे से देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस, एक खाली खोखा और एक मोटरसाइकिल बरामद की है। तीन अन्य बदमाश मौके से फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस मुठभेड़ को पुलिस ने अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई बताया है।
पोस्टमार्टम हाउस के अंदर घुसे आवारा कुत्तों ने युवक शव को नोचा, खोपड़ी भी निकाली
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फर्रुखाबाद। जिले के जिला अस्पताल के पुराने पोस्टमार्टम हाउस (मच्युरी) में एक शर्मनाक व दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां वह वक्त आया जब आवारा कुत्ते पोस्टमार्टम हाउस के जर्जर भवन में घुस गए और रखे गए एक युवक के शव को नोच-नोचकर बुरी तरह क्षत-विक्षत कर दिया। मृतक की खोपड़ी भी बाहर निकल गई। इलाके में यह घटना मानवता को शर्मसार कर देने वाली मानी जा रही है।
मृत युवक चांद मियां 28 वर्ष के थे और उनका शव फ्रीजर खराब होने की वजह से पोस्टमार्टम हाउस के पुराने भवन में रखा गया था। शुक्रवार सुबह शव की पहचान करने पहुंचे उनके चचेरे भाई ने खिड़की से कुत्तों को शव नोचते देखा और तत्काल उन्हें भगाया। इस मामले की सूचना मिलते ही जिले के सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने पोस्टमार्टम हाउस के नोडल कटारिया को हटाकर उनका वेतन रोक दिया है। साथ ही सात संविदा कर्मचारियों की भी सेवाएं समाप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। पुलिस ने मामले में लापरवाही बरतने वाले सिपाही अंकित बालियान के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की है।
वन विभाग व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इस घटना की गंभीरता से अवगत कराते हुए उचित सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटना को रोका जा सके। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है और वे प्रशासन से कठोर कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
वन विभाग ने दृष्टिहीन व्यक्ति को शिकारी बता दिया, थारू जनजाति के हजारों लोगों पर फर्जी मुकदमे
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लखीमपुर खीरी। दुधवा टाइगर रिजर्व के पास रहने वाली थारू जनजाति के लगभग चार हजार लोग वन विभाग के झूठे मुकदमों से परेशान हैं। 2012 से 2016 के बीच समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान इन लोगों पर जंगल में शिकार, पेड़ काटने जैसे झूठे आरोप लगाए गए। यहां तक कि जन्म से दृष्टिहीन व्यक्ति सूरदास राम भजन को भी शिकारी बताते हुए मुकदमा दर्ज किया गया। राम भजन का कहना है कि वह कभी जंगल में नहीं गया। उनके साथ ऐसे कई अन्य विकलांग और बुजुर्ग भी हैं जिनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए।
पलिया के विधायक रोमी साहनी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर थारू समुदाय के नेताओं को न्याय दिलाने का आश्वासन प्राप्त किया है। कई मामलों में आरोप झूठे साबित हो चुके हैं, लेकिन थारू जनजाति के लोग अपनी पारंपरिक भूमियों और वन संसाधनों तक पहुंच से वंचित हैं।
सरियापारा गांव के प्रधान राम बहादुर पर 12 मुकदमे दर्ज हैं, जबकि उन्हें कुल मिलाकर 26 मामले झेलने पड़े हैं। हरदयाल सिंह जो बुजुर्ग और बीमार हैं, उन पर भी पेड़ काटने का आरोप है। वन विभाग ने इनके खिलाफ वारंट जारी किए और बिना सूचना के अदालत के समक्ष पेश किया गया। इस पूरे प्रकरण में वन विभाग की कार्रवाई को उत्पीड़न माना जा रहा है।
थारू समुदाय के लोगों का कहना है कि वन अधिकार कानून के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिला और कई मुआवजे व कानूनी अधिकारों से वंचित रह गए। विधायक रोमी साहनी इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और जल्द न्याय दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।
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