UP News Today 28Nov2025

इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला: असंज्ञेय अपराध में पुलिस चार्जशीट को शिकायत मानकर कार्यवाही बाध्यकारी, समन बिना सुने अवैध, पीड़िता से विवाह करने वाले के खिलाफ पाक्सो केस रद्द

UP News Today 28Nov2025/sbkinews.in

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असंज्ञेय अपराधों में महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट को शिकायत केस के रूप में दर्ज कर कार्यवाही करना मजिस्ट्रेट के लिए बाध्यकारी है। न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की एकलपीठ ने शाहजहांपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 11 अक्टूबर 2024 को आरोपी को बिना सुने समन जारी करने के आदेश को अवैध ठहराया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बीएनएसएस धारा 2(1)(h) के तहत समन केवल संज्ञान लेने का प्रतीक है, न कि दोषसिद्धि। प्रकरण मजिस्ट्रेट को वापस भेजते हुए कंप्लेंट केस के रूप में नये सिरे से सुनवाई का आदेश दिया। सभी पीठासीन अधिकारी महानिबंधक परिपत्र के अनुपालन में आदेशों पर नाम-पदनाम अंकित करें।

एक अन्य मामले में न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने पीड़िता से विवाह कर लेने वाले व्यक्ति के विरुद्ध पाक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि समझौता हो चुका है, ऐसे केस चलाना कोर्ट के समय की बर्बादी होगी। न्याय का उद्देश्य आंसू पोंछना है, न कि खुशहाल दंपति को उत्पीड़ित करना। भाग्य की विडंबना होगा अगर विवाह के बाद भी मुकदमे का सामना करना पड़े।

शाहजहांपुर विवाद में प्रेमपाल व अन्य पर पड़ोसी रामनाथ के शौचालय अपशिष्ट बहाव को लेकर झूठी एनसीआर का आरोप लगा। कोर्ट ने समन रद्द कर कंप्लेंट केस चलाने को कहा। ये फैसले न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे।

उत्तर प्रदेश में स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस बनाने को तीन नई कंपनियां नियुक्त, रोजमार्ट-फोकाम नेट-सिल्वर टच को 25-25 जिले सौंपे, 1 दिसंबर से तेज सेवा, पुरानी स्मार्ट चिप कंपनी की लापरवाही से 44 हजार डीएल अटके

UP News Today 28Nov2025

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उत्तर प्रदेश शासन ने स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) निर्माण को गति देने के लिए तीन नई आईटी कंपनियों का चयन किया है। रोजमार्ट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, फोकाम नेट और सिल्वर टच प्राइवेट लिमिटेड को क्रमशः 25-25 जिले आवंटित किए गए हैं। परिवहन आयुक्त किंजल सिंह ने बताया कि 1 दिसंबर 2025 से ये कंपनियां कार्यभार संभालेंगी। रोजमार्ट को मेरठ, बागपत, सहारनपुर, शामली, बुलंदशहर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, मीरजापुर, भदोही, सोनभद्र, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, गाजियाबाद जैसे जिले मिले। अन्य कंपनियों को शेष 50 जिले सौंपे गए।​

2019 से स्मार्ट चिप कंपनी कार्यरत थी, लेकिन चिप कमी, रूस-यूक्रेन युद्ध प्रभाव, तकनीकी खराबी से डीएल सप्ताह के बजाय महीनों लेट पहुंचे। 2023 में 3 लाख लंबित हो गए। अब 44 हजार डीएल अटके हैं। पुरानी कंपनी 29 नवंबर तक लंबित प्रिंटिंग पूरी करेगी। 25-28 नवंबर तक अप्रूवल बंद रहेगा। नई कंपनियां जनरेटर, कंप्यूटर, वेबकैम, सीसीटीवी, टोकन सिस्टम लगाएंगी। पुराना स्टाफ नई कंपनियों के अधीन कार्य करेगा।​

प्रदेशभर में प्रतिदिन 10 हजार आवेदन आते हैं। नई व्यवस्था से पेंडेंसी समाप्त होगी। गोरखपुर डीटीआई में अपग्रेड हो रहा सिस्टम इसका उदाहरण है। परिवहन विभाग ने आमजन की सुविधा प्राथमिकता दी।

अखिलेश यादव का बीजेपी पर कटाक्ष: ‘भाजपाई मतलब दंभी, अहंकारी, निर्दयी’, एसआइआर के तहत बीएलओ की जान जा रही, भाजपा पर वोट चोरी का आरोप, सपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को एसआइआर में सक्रिय रहने का संदेश दिया

UP News Today 28Nov2025

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उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) और बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) की परेशानियों को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ‘भाजपाई’ शब्द का अर्थ दंभी, अहंकारी और निर्दयी बताया। अखिलेश यादव ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि एसआइआर अभियान के चलते बीएलओ की जानें जा रही हैं, लेकिन भाजपा सरकार न तो शोक प्रकट कर रही है, न ही मृतकों के प्रति संवेदनशीलता दिखा रही है। उल्टा जिन लोगों की मौत हुई है, उनके ऊपर कामचोरी का आरोप लगाया जा रहा है, जो अत्यंत निंदनीय है।

अखिलेश ने कहा कि सत्ता की हठधर्मी में भाजपा गलतफहमी में है कि काम होते रहेंगे, लेकिन सच्चाई यह है कि एसआइआर से जुड़ी अनुचित नीतियों और भारी दबाव के कारण कई बीएलओ मानसिक व शारीरिक दबाव झेल रहे हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अपने क्षेत्रों में एसआइआर में सक्रिय रहकर अपनी वोटर सूची की समीक्षा करें और किसी भी अनियमितता का तुरंत रिपोर्ट करें।

सपा प्रमुख ने मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल में रैलियों के दौरान भी बीजेपी के भाजपा के खिलाफ अपनी बात दोहराई और कहा कि भाजपा की यह राजनीति जनता को भ्रमित करने और वोट चोरी करने की साजिश है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से एसआइआर कार्य के लिए अधिक समय और पारदर्शिता की मांग भी की।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की इस हठधर्मी के बीच भी सपा वोटरों को अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने में जुटी है ताकि लोकतंत्र की रक्षा हो सके। उन्होंने सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया है।

कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय का वी3 पोर्टल ऑनलाइन फॉर्म भरते ही डेटा डिलीट कर रहा, कानपुर कंपनियों में हाहाकार, 31 दिसंबर डेडलाइन से पहले जुर्माना का खतरा, तकनीकी खामी से दोगुना समय लग रहा​

UP News Today 28Nov2025

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कानपुर में कारपोरेट मामलों से जुड़ी कंपनियों को कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय के नए वी3 पोर्टल से गंभीर परेशानी हो रही है। अगस्त 2025 में लॉन्च हुए इस पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरते समय तकनीकी खामी के कारण डेटा खुद-ब-खुद डिलीट हो जा रहा है। बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट, कर्मचारी-निदेशक विवरण जैसे महत्वपूर्ण फॉर्मों का 70-80% हिस्सा भरने के बाद पूरा डेटा गायब हो जाता है। इससे अधिकारियों को एक ही काम कई बार दोहराना पड़ रहा, जिससे पूरा दिन व्यतीत हो जाता है।​

पहले वी2 पोर्टल पर फॉर्म डाउनलोड कर ऑफलाइन भरने और अपलोड करने की सुविधा थी, लेकिन वी3 में सब कुछ ऑनलाइन अनिवार्य है। कंपनी सचिव संस्थान कानपुर चैप्टर के पूर्व चेयरमैन गोपेश साहू ने बताया कि यह स्पष्ट तकनीकी समस्या है। मंत्रालय को शिकायत भेजी गई, लेकिन सुधार नहीं हो रहा। 31 दिसंबर रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तिथि नजदीक आ रही है। विलंब पर जुर्माना लगेगा, जिससे छोटी-मध्यम कंपनियां सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।​

कई कंपनियों में डेटा लॉस से वार्षिक फाइलिंग रुकी हुई। पोर्टल में लॉगिन, सबमिशन फेलियर, धीमी प्रोसेसिंग जैसी शिकायतें आम हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वी3 का उद्देश्य ऑटो-प्रीफिल, डेटा वैलिडेशन से अनुपालन आसान बनाना था, लेकिन शुरुआती गड़बड़ियां विफल साबित हो रही। मंत्रालय ने वेब-आधारित 38 फॉर्म्स माइग्रेट किए, लेकिन सुधार जरूरी। कंपनियों ने मंत्रालय से तत्काल पैच और डेडलाइन विस्तार की मांग की।​

यह समस्या राष्ट्रीय स्तर पर कंपनियों के अनुपालन को प्रभावित कर रही। आईसीएसआई जैसे संस्थान मंत्रालय से हस्तक्षेप की अपेक्षा कर रहे।

उत्तर प्रदेश में एसआइआर अभियान के दौरान बीएलओ पर बढ़ता दबाव, मतदाताओं को भी हो रही परेशानी, चुनाव आयोग ने एप में संशोधन करके दिया श्रेणी बदलने का विकल्प

UP News Today 28Nov2025

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उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) पर भारी दबाव पड़ रहा था क्योंकि कई मतदाता गलत श्रेणी में दर्ज थे। मतदाता अपना विवरण खोज तो लेते थे, लेकिन बीएलओ एप में इसे संशोधित नहीं कर पाते थे। इससे मतदाताओं और बीएलओ दोनों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। मतदाता गलत श्रेणी में आने से तीसरी श्रेणी में शामिल हो जाते थे, जिसे लेकर सपा ने भी चुनाव आयोग से शिकायत की थी।​

चुनाव आयोग ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और अब बीएलओ को एप में मतदाता की श्रेणी बदलने की सुविधा दी गई है। यह विकल्प मतदाताओं को तत्काल राहत देगा और अभियान को अधिक सटीक और प्रभावी बनाएगा। इससे आयोग को भी कम नोटिस जारी करना होगा क्योंकि तीसरी श्रेणी के मतदाताओं को विशेष रूप से नोटिस देकर अपने नागरिक होने का प्रमाण देने को कहा जाएगा। इसके लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या बिजली का बिल जमा करना होगा।​

बीएलओ को मतदाता सूची प्रभावित मतदाताओं की नियमित निगरानी करनी है और किसी भी दिक्कत को प्रशासन या चुनाव आयोग को सूचित करना है। हालांकि, बीएलओ पर कार्यभार बढ़ने के कारण वे शारीरिक और मानसिक तनाव में हैं, जिससे उनकी नौकरी में बाधाएं आई हैं। कुछ राज्यों में इस भारी दबाव के कारण बीएलओ की जान तक जा चुकी है, जो चिंताजनक विषय है।​

मतदाता सूची का सही एवं समय पर अद्यतन राज्य के चुनावी सिस्टम की मजबूती के लिए आवश्यक है। चुनाव आयोग ने सूक्ष्म व्यवस्थाओं को सुधारा है, ताकि मतदाता अपने मतदान अधिकार सुरक्षित रख सकें और चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष हो। सभी मतदाताओं से अपील की गई है कि वे अपना विवरण जांचें और आवश्यक सुधार करवाएं।

उत्तर प्रदेश में जागरूकता अभियान विफल, पराली जलाने की घटनाएं 2024 के 5248 से बढ़कर 26 नवंबर तक 6284 पहुंचीं, महाराजगंज में 661 सबसे ज्यादा मामले, झांसी-जालौन में 359-275, 60 जिलों में वृद्धि

UP News Today 28Nov2025

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उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए सरकार के जागरूकता अभियान, जुर्माना व निगरानी विफल साबित हो रही हैं। 26 नवंबर तक 6284 मामले दर्ज हुए, जो 2024 के पूरे वर्ष के 5248 से 19% अधिक हैं। पिछले 5 वर्षों का ट्रेंड- 2020 में 4006, 2021 में 3617, 2022 में 2663, 2023 में 3737 घटनाएं थीं। इस वर्ष तेज वृद्धि चिंताजनक है।​

महाराजगंज में सबसे ज्यादा 661 मामले दर्ज, उसके बाद झांसी 359, जालौन 359, कानपुर देहात 275, गोरखपुर 192। 60 जिलों में पिछले वर्ष से अधिक घटनाएं, जबकि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, आगरा, प्रयागराज में कमी। पूर्वांचल के चंदौली-0, वाराणसी-1, भदोही-1, सोनभद्र-4 जैसे जिलों में न्यूनतम मामले राहत दे रहे। पश्चिमी जिलों में 2000+ घटनाएं।​

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के सैटेलाइट डेटा से निगरानी हो रही। 3920 जागरूकता कार्यक्रम, 1000+ किसानों को प्रशिक्षण, 1304 मामलों में 27.85 लाख जुर्माना वसूला। हर 50-100 किसानों पर नोडल अधिकारी तैनात। फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें, कंपोस्टिंग, बायो-डीकंपोजर पर जोर, लेकिन किसान मौसम व सुविधा के कारण जलाते हैं।​

कृषि निदेशक डॉ. पंकज त्रिपाठी ने कहा कुल 5968 पुष्ट मामले, कुछ सैटेलाइट त्रुटि। महाराजगंज में 9 लेखपाल सस्पेंड, एसडीएम-प्रधानों पर नोटिस। जुर्माना- 2 एकड़ तक 5000, 2-5 एकड़ 10,000, 5+ एकड़ 30,000 रुपये। दोहराव पर 6 माह जेल। फिर भी वायु प्रदूषण बढ़ा।

‘10 रुपये का बिस्कुट कितने का है जी’ वायरल वीडियो से फेमस यूट्यूबर शादाब जकाती गिरफ्तार, महिलाओं-बच्चों के प्रति अश्लील कंटेंट के आरोप में IT एक्ट धारा 67 के तहत मुकदमा, कोर्ट से जमानत मिली​

UP News Today 28Nov2025

UP News Today 28Nov2025

मेरठ के इंचौली गांव निवासी कंटेंट क्रिएटर शादाब जकाती, जो ‘10 रुपये का बिस्कुट कितने का है जी’ वायरल वीडियो से रातोंरात स्टार बने, अब कानूनी विवादों में फंस गए। गुरुवार को इंचौली पुलिस ने उन्हें एक अन्य वीडियो में महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अश्लील भावना फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया। भाजपा कार्यकर्ता राहुल ठाकुर की शिकायत पर डीजीपी कार्यालय, सीएम पोर्टल एवं महिला आयोग में दर्ज शिकायत के बाद IT एक्ट धारा 67 एवं अश्लीलता फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने शादाब को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया, जहां जमानती अपराध होने से तुरंत जमानत मिल गई।

विवादित वीडियो में शादाब एक बच्ची एवं दो महिलाओं के साथ दिखे, जहां उन्होंने दुकानदार बनकर बच्ची से बिस्कुट लेते हुए दुबलेपन पर टिप्पणी की। बाद में बच्ची के घर जाकर मां से पैसे मांगते हुए ‘पप्पी दे दो’ जैसी अभद्र बातें कही। शादाब ने सफाई दी कि वीडियो अपनी बेटी एवं पत्नी के साथ बनाया था, जिसमें तारीफ की थी। वीडियो डिलीट कर दिया और यदि किसी को ठेस पहुंची तो माफी मांग ली। उनके वकील सैयद मोहम्मद जामिर ने कहा कि कोई गलत मंशा नहीं थी।

शादाब सऊदी अरब में चालक थे, जहां वीडियो बनाने शुरू किए। पाबंदी लगने पर नौकरी छोड़ भारत लौटे। उनके इंस्टाग्राम-फेसबुक पर लाखों फॉलोअर्स हैं। सिंगर बादशाह, क्रिकेटर रिंकू सिंह-कुलदीप यादव ने भी उनके डायलॉग पर रील्स बनाईं। इंचौली एसओ जितेंद्र कुमार त्रिपाठी ने पुष्टि की कि जांच पूरी होने पर आगे कार्रवाई होगी।

यह मामला सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स के लिए चेतावनी है कि वायरल होने के चक्कर में कानूनी सीमाएं न लांघें।Dainik Jagran

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