पंजाब बाढ़: राहत बांटने वालों के लिए ‘उम्मीद’ बना सेवा-सहायता केंद्र
Punjab News 10Sep2025
फाजिल्का। पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए समाजसेवी संस्थाएं एकजुट होकर कार्य कर रही हैं। फाजिल्का जिले के जट्टवाली के पास सड़क किनारे स्थापित किया गया सेवा-सहायता केंद्र राहतकर्मियों और समाजसेवियों के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया है।
यह केंद्र न केवल राहत सामग्री जमा करने का कार्य कर रहा है बल्कि बाहर से आए स्वयंसेवकों को ठहरने और मार्गदर्शन देने की भी जिम्मेदारी निभा रहा है। इससे समाजसेवियों को बाढ़ प्रभावित गांवों तक आसानी से पहुंचने और सामग्री वितरण करने में मदद मिल रही है।
फाजिल्का की स्थानीय संस्थाओं ने दूसरे राज्यों से पहुंचे समाजसेवी संगठनों के साथ मिलकर राहत अभियान को और सशक्त बनाया है। यहां से बाढ़ पीड़ितों तक भोजन, दवाइयां, कपड़े और अन्य जरूरत का सामान व्यवस्थित रूप से भेजा जा रहा है।
केंद्र संचालकों का कहना है कि इस व्यवस्था से समन्वय बेहतर हुआ है और राहतकर्मी बिना समय गंवाए प्रभावित गांवों तक पहुंच रहे हैं। वहीं स्थानीय लोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं ताकि किसी भी परिवार तक मदद पहुंचने में देरी न हो।
बाढ़ से परेशान लोगों के लिए यह सेवा-सहायता केंद्र आशा की किरण साबित हो रहा है, जबकि राहत देने आए समाजसेवियों के लिए यह केंद्र मार्गदर्शन और सहयोग का अहम आधार बनकर सामने आया है।
बेटी की शादी से पहले टूटा अरमान, बरनाला में बारिश से दहेज का सामान हुआ बर्बाद
Punjab News 10Sep2025
बरनाला। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ जैसी परिस्थितियों ने बरनाला के कई परिवारों की खुशियां छीन ली हैं। एक परिवार का दुखनाक किस्सा सामने आया है, जहां बेटी की शादी से पहले उन्होंने पाई-पाई जोड़कर जुटाया गया दहेज का सामान अचानक छत गिरने से पूरी तरह भीग गया और तबाह हो गया।
परिवार ने बताया कि यह सामान उन्हें काफी मेहनत और संघर्ष के बाद इकट्ठा करना पड़ा था। बारिश और तूफान के कारण उनका घर प्रभावित हुआ और छत गिरते ही दहेज का सामान पानी में भीग गया। इससे परिवार के सभी अरमान टूट गए हैं। परिवार ने प्रशासन और समाजसेवी संस्थाओं से मदद की अपील की है, ताकि वे अपनी बेटी की शादी संपन्न कर सकें।
स्थानीय समाजसेवक और लोग भी परिवार की मदद के लिए आगे आए हैं, लेकिन अभी तक राहत कार्य सीमित ही रहा है। परिवार की आंखें अब सरकार और समाज के सहारे की ओर टिकी हैं।
बरनाला में इस बार हुई भारी बारिश ने जहां सामान्य जनता की जिंदगी में काफी मुश्किलें खड़ी की हैं, वहीं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह दर्दनाक स्थिति और भी गंभीर हो गई है। प्रशासन को भी ऐसे परिवारों की मदद के लिए विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस घटना ने बार-बार याद दिलाया है कि प्राकृतिक आपदाएं केवल भौतिक नुकसान ही नहीं पहुंचातीं, बल्कि लोगों के सपनों और उत्साह को भी चोट पहुंचाती हैं। इस परिवार को जल्द राहत पहुंचाकर उनकी खुशियों की बहार लौटाना जरूरी है।
पंजाब में बाढ़ और भूस्खलन आपदा: 51 मौतें, लाखों प्रभावित, राहत-बचाव जारी
Punjab News 10Sep2025
पंजाब में हाल ही में आई भयंकर बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। अब तक इस आपदा में मरने वालों की संख्या 51 पहुंच गई है, जिसमें मानसा, मोगा और पटियाला जिलों में एक-एक मौत शामिल है। कुल 15 जिलों में करीब 3.87 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 1,84,938 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि बर्बाद हो चुकी है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 23,015 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला जा चुका है। राहत शिविरों में 5,416 लोग आश्रय लिए हुए हैं, जहां उन्हें भोजन, चिकित्सकीय मदद और अन्य जरूरी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
इस संकट से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर भेजी हैं। राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी हैं।
सरकार ने प्रभावित इलाकों में सहायता सामग्री की डिस्ट्रीब्यूशन बढ़ा दी है और नुकसान की चुकौती के लिए त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं। प्रभावित किसानों और बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक राहत भी दी जाएगी।
मौसम विभाग ने बढ़ते खतरे को देखते हुए इलाकों में सतर्कता बनाए रखने और आवश्यक बचाव कदम उठाने की सलाह दी है। प्रशासन और राहत एजेंसियां प्रभावित लोगों की मदद में जुटी हैं ताकि मानवीय क्षति को न्यूनतम किया जा सके।
पंजाब बाढ़ के बाद अमृतसर में सर्पदंश ने मचाई दहशत, 26 लोग सांप के काटने से घायल
Punjab News 10Sep2025
अमृतसर। पंजाब में बाढ़ की तबाही के बाद अमृतसर जिले के अजनाला क्षेत्र के कई गांव ‘नागलोक’ में तब्दील हो गए हैं। बाढ़ के कारण सांप अपने बिलों से बाहर निकलकर घरों में प्रवेश करने लगे हैं, जिससे सर्पदंश के मामले तेजी से बढ़े हैं। अब तक 26 लोग सांप के डंसने के शिकार हो चुके हैं, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है।
मेडिकल कॉलेज अमृतसर ने तुरंत राहत स्वरूप पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए 400 एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध कराए हैं। डॉक्टरों ने ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि सर्पदंश की स्थिति में तत्काल अस्पताल पहुंचे ताकि समय पर उपचार मिल सके और जानमाल का नुकसान रोका जा सके।
बाढ़ से प्रभावित इलाकों में लोग अब घरों के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं, क्योंकि सांप पानी से बचकर जीवित रहने की कोशिश में मानव आवासों में घुस रहे हैं। जिले के स्वास्थ्य अधिकारी लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं ताकि प्रभावित लोगों को सावधानी बरतने को कहा जा सके।
मूल रूप से, सर्पदंश के मामलों में तेजी आने से जिला प्रशासन अलर्ट है और उन्होंने प्रभावित गांवों में विशेष मेडिकल टीमों को तैनात किया है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी वेनम इंजेक्शन की कमी को पूरी करने की व्यवस्था की गई है।
बाढ़ के बाद के ये सर्पदंश के मामले ग्रामीणों के लिए एक नया संकट पैदा कर रहे हैं। सावधानी ही इस आपदा से बचने का सबसे बड़ा उपाय है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को सुरक्षित रहने और जल्द इलाज कराने की सलाह दे रहा है।
अमृतपुर-राजेवाल बांध में बढ़ता कटाव, हजारों एकड़ फसल प्रभावित होने का खतरा
Punjab News 10Sep2025
सुल्तानपुर लोधी। ब्यास नदी का जलस्तर कम होने के बावजूद अमृतपुर-राजेवाल बांध पर कटाव का खतरा बढ़ता जा रहा है, जिससे आसपास के हजारों एकड़ कृषि भूमि डूबने की गंभीर संभावना है। इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने विधायक और स्थानीय संतों से मदद की अपील की है, जिसके बाद प्रशासन ने बांध को बचाने के लिए राहत एवं सुरक्षा कार्य तेज कर दिए हैं।
2025 में तीव्र बारिश और बाढ़ के कारण जलस्तर पहले बहुत बढ़ गया था, जिससे बांध की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा था। हालांकि अब जलस्तर में कमी आई है, लेकिन मजबूत बहाव के कारण कटाव पूरी तरह नहीं रुका है। डंपर से मिट्टी लाकर बाँध के कमजोर हिस्सों को मजबूत करने का काम तेजी से चल रहा है।
ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि इस कटाव को रोकना आवश्यक है ताकि उनकी खेती को बर्बाद होने से बचाया जा सके। बांध के टूटने से न केवल फसलें डूब सकती हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी विस्थापन का खतरा है।
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है और नियमित तौर पर स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहा है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बांध की सुरक्षा के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
अमृतपुर-राजेवाल बांध की ये स्थिति किसानों और ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, लेकिन राहत एवं बचाव कार्यों से आशा है कि जलप्रलय के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
Punjab News 10Sep2025/sbkinews.in



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