राजस्थान में दलितों को मंदिर में प्रवेश से रोका, पुलिस थाने के बाहर भड़का दलित समाज
Rajasthan News 23Sep2025/sbkinews.in
राजस्थान में दलित समुदाय के लोगों के साथ मंदिर में भेदभाव और मारपीट की घटना सामने आई है। आरोप है कि एक मंदिर में दलित परिवार को प्रवेश नहीं दिया गया और जब उन्होंने विरोध किया तो उनके साथ मारपीट कर दमन किया गया। इस घटना ने दलित समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया।
घटना के बाद प्रभावित दलित समुदाय के लोग पुलिस थाने के बाहर पहुंच गए और जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने इस भेदभावपूर्ण व्यवहार और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही मामला दर्ज कर लिया और आरोपितों की तलाश में दबिशें देना शुरू कर दिया है। थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सभी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले ने राजस्थान में वर्ण आधारित भेदभाव की जड़ें कितनी मजबूत हैं, यह फिर से उजागर कर दिया है। सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना की निंदा की है और प्रशासन से इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की है।
विशेष रूप से दलित समुदाय के साथ इस तरह का हाथापाई और अपमान भारतीय संविधान के खिलाफ है, जो सामाजिक समरसता और समानता की गारंटी देता है।
इस मामले पर राज्य सरकार की भी नजर है और उन्होंने पुलिस को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया है। समुदाय के लिए भी समाज में शांति और भाईचारे को बनाए रखना महत्वपूर्ण हो गया है।
राजस्थान के धौलपुर में भूत-प्रेत के बहाने तांत्रिक ने महिला को कोड़ों से पीटा, युवाओं में बढ़ता अंधविश्वास
Rajasthan News 23Sep2025/sbkinews.in
धौलपुर जिले के बसेड़ी थाना क्षेत्र के भारली गांव में शनिवार देर शाम एक भयावह घटना सामने आई, जिसने वहां के ग्रामीणों के होश उड़ा दिए। 21वीं सदी में विज्ञान के युग में भी एक महिला को उपचार के बजाय तांत्रिक के चक्कर में कोड़ों से पीटा गया।
जानकारी के मुताबिक, महिला की तबीयत अचानक खराब हुई। परिजनों ने विज्ञान की जगह अंधविश्वास को तरजीह देते हुए तांत्रिक बंटी गुर्जर के पास महिला को इलाज के लिए ले जाया। तांत्रिक ने महिला पर भूत-प्रेत का साया होने का दावा करते हुए सैकड़ों लोगों के सामने उसकी पीठ पर बेरहमी से कोड़े बरसाए।
इस दौरान भीड़ ने न तो पीड़ित महिला की मदद की, न ही तांत्रिक को रोका। उल्टा, भीड़ ने भैरव बाबा और भोलेनाथ के जयकारे लगाए। कुछ लोग तो मोबाइल फोन से वीडियो बनाने में मशगूल थे। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और लोगों ने इस अमानवीय कृत्य की निंदा की।
घटना की सूचना पाकर पुलिस ने आरोपी तांत्रिक बंटी गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। हालांकि, यह घटना दिखाती है कि अंधविश्वास की जड़ें ग्रामीण इलाकों में कितनी गहरी हैं और जागरूकता की कितनी कमी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसे रोकने के लिए शिक्षा व जागरूकता अभियान जरूरी हैं ताकि ऐसे अमानवीय कृत्यों को भविष्य में रोका जा सके।
राजस्थान से फरार किशोरी के साथ बागपत में कार सवार युवकों ने की छेड़छाड़, अपहरण की कोशिश विफल
Rajasthan News 23Sep2025/sbkinews.in
राजस्थान के सीकर से प्रेमी के साथ फरार हुई एक किशोरी के साथ बागपत के गौरीपुर मोड़ के पास कार सवार चार युवकों ने छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया। रविवार रात करीब एक बजे हुई इस घटना में किशोरी और उसके प्रेमी ने विरोध किया, तो आरोपितों ने युवक के साथ मारपीट करने का प्रयास भी किया।
कार सवार युवकों ने किशोरी को जबरन कार में बैठा कर अपहरण करने की भी कोशिश की, लेकिन चीख-पुकार सुनकर आसपास मौजूद ग्रामीण और दुकानदार मौके पर पहुंच गए। भीड़ देख आरोपित युवक मौके से फरार हो गए। पुलिस को सूचना मिलने पर स्थानीय थाना प्रभारी डीके त्यागी की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी।
जानकारी के अनुसार किशोरी और उसका प्रेमी दोनों अलग-अलग समुदाय के हैं। किशोरी के परिवार ने उसे घर से बाहर बंद कर रखा था, जिसके चलते दो दिन पहले वे दोनों घर छोड़कर फरार हो गए थे।
पुलिस ने किशोरी और युवक को सुरक्षा प्रदान की है और आरोपी युवकों की तलाश जारी है। कोतवाली प्रभारी ने कहा कि आरोपी तत्परता से पकड़ लिए जाएंगे और कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने किशोर-युवाओं की सुरक्षा और उनकी आज़ादी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समाज में ऐसे मामलों को रोकने के लिए जागरूकता और कड़ी पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता बताई जा रही है।
राजस्थान में 61 करोड़ की साइबर ठगी का बड़ा पर्दाफाश, तीन शातिर आरोपी गिरफ्तार
Rajasthan News 23Sep2025/sbkinews.in
राजस्थान के भिवाड़ी जिले में साइबर ठगी का एक बड़ा नेटवर्क पुलिस की पकड़ में आया है। भिवाड़ी साइबर क्राइम थाना पुलिस ने राज्य के कई भागों में करीब 61 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह फर्जी फर्म बनाकर अनेक फर्जी बैंक खाते खोलता था। इन खातों के माध्यम से ठगी की रकम जमा करवाई जाती थी, जिसे बदमाश अपनी ओर ट्रांसफर कर लेते थे। गिरोह के सदस्यों ने अपनी इस योजना को इतने माहिर ढंग से अंजाम दिया कि अब तक 100 से अधिक ऑनलाइन शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।
पकड़े गए आरोपितों के नाम वकील अहमद (घुड़ावली, हरियाणा), राशिद (पलवल, हरियाणा) और अजमत अली (मैराठा, मेवात) हैं। इनके कब्जे से कई बैंक खातों की चेकबुक, एटीएम कार्ड, क्यूआर कोड, मोबाइल फोन सहित स्वाइप मशीन बरामद की गई है।
भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक प्रशांत किरण के नेतृत्व में चलाए गए इस विशेष अभियान में फर्जी खातों के बार-बार इस्तेमाल और उनकी जाँच की गई। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि आरोपी 10 से 20 प्रतिशत कमीशन पर ये खाते साइबर ठगों को बेचते थे।
पुलिस इस मामले में गिरोह के अन्य सदस्यों और फर्जी खातों की जांच कर रही है। इस कार्रवाई से साइबर अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता मिली है।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने साफ किया: पूर्व सैनिक कोटे से एक बार नियोग के बाद दूसरा लाभ नहीं मिलेगा
Rajasthan News 23Sep2025/sbkinews.in
राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया है कि पूर्व सैनिक कोटे से एक बार सरकारी सेवा में नियुक्ति मिलने के बाद, दूसरी बार इस आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं किया जा सकता। इस आदेश से पूर्व सैनिकों के सरकारी नौकरी में आरक्षण से जुड़े विवाद का निर्णायक समाधान हो गया है।
यह फैसला पूर्व सैनिक नरेन्द्र सिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया गया। नरेन्द्र सिंह वर्तमान में ग्राम विकास अधिकारी (बीडीओ) के पद पर प्रोबेशन पर कार्यरत हैं, जिन्होंने जूनियर अकाउंटेंट भर्ती-2023 में पूर्व सैनिक श्रेणी में आवेदन किया था। लेकिन चयन बोर्ड ने यह कहा कि वे पहले ही इस आरक्षण का लाभ उठा चुके हैं इसलिए उन्हें पुनः आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
न्यायालय ने कहा कि पूर्व सैनिक आरक्षण का उद्देश्य सेना से सेवानिवृत्ति के बाद उनको पुनः रोजगार का अवसर देना है, न कि सेवा में तरक्की का साधन। अदालत ने यह भी कहा कि यदि इसे स्वीकार किया गया तो आरक्षण के मूल उद्देश्य को पूरी तरह विफल कर दिया जाएगा।
याचिकाकर्ता द्वारा दिये गये तर्क कि ग्राम विकास अधिकारी का वेतनमान कनिष्ठ लेखाकार से कम है, न्यायालय ने खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने साफ किया कि कर्मचारी की पहली नियुक्ति नियमित नियुक्ति ही मानी जाएगी।
यह आदेश भविष्य में पूर्व सैनिक आरक्षण से जुड़े मामलों में मार्गदर्शक होगा और प्रशासनिक तथा भर्ती प्रक्रियाओं में इसे लागू किया जाएगा।


