मेरठ में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, छह गिरफ्तार
UP News 8Sep2025/sbkinews.in
मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के लक्खीपुरा में साइबर क्राइम पुलिस और लिसाड़ी गेट थाना की संयुक्त कार्रवाई में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश किया गया। इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने कहा कि अभियुक्त ने सिम कार्ड के माध्यम से अवैध टेलीफोन एक्सचेंजों का प्रबंधन किया और झूठे दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड बनाया। सिम बॉक्स में 32 सिम कार्ड थे। साइबरबैंड, जो वीओआईपी (इंटरनेट पर वॉयस प्रोटोकॉल) के माध्यम से विदेशों में बस गए, ने अंतरराष्ट्रीय कॉल को स्थानीय कॉल में बदल दिया और उन्हें बेवकूफ बनाया।
इस धोखाधड़ी के बजाय, आरोपी ने विदेशी मुद्रा क्रिप्टोक्यूरेंसी द्वारा 1,000 से 1,500 रुपये प्रति मिनट के बीच लिया। इसने सरकार को साइबर अपराध बढ़ाने और राजस्व के भारी नुकसान को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पकड़े गए आरोपियों के पास से 32 सिम स्लॉट वाला डेंस्टर डिवाइस, 22 सिम कार्ड, चार वाई-फाई राउटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन व अन्य उपकरण बरामद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में आस मोहम्मद, मोहम्मद चांद उर्फ सोनू, कासिम, हाशिम, मोहम्मद इमरान व सरफराज शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के कई अन्य सदस्य विदेशों से जुड़े हैं, जिनकी तलाश जारी है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में रहकर नशे का जाल बुन रहे विदेशी, एनसीबी ने अलर्ट जारी किया
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गोरखपुर। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने राज्य पुलिस को उन विदेशी नागरिकों की सूची सौंपी है, जो वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रह रहे हैं। एनसीबी के मुताबिक कुल 389 विदेशी नागरिक—टूरिस्ट, छात्र, मेडिकल व बिजनेस वीजा पर आए—लेकिन वे अपनी अवधि समाप्त होने के बाद भी वापस नहीं गए।
ओवरस्टे सूची में 100 से अधिक महिलाएं भी शामिल हैं, जिनमें तंजानिया, केन्या, घाना, मोजाम्बिक और आइवरी कोस्ट जैसे अफ्रीकी देशों की महिलाएं शामिल हैं। नाइजीरिया के 150 से अधिक लोग सबसे अधिक संख्या में हैं। ये विदेशी नागरिक नशे के नेटवर्क से जुड़े हुए हैं और मादक पदार्थों की सप्लाई कर रहे हैं।
एनसीबी ने बताया कि विदेशी नागरिकों का ओवरस्टे सिर्फ इमिग्रेशन कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है। कई विदेशी नागरिक नकली दस्तावेजों पर भारत में लंबे समय से छिपकर रह रहे हैं। वे नकदी, क्रिप्टो करेंसी आदि से विदेशी कॉल के बदले भारी रकम वसूलते हैं।
एनसीबी महानिदेशक अनुराग गर्ग ने यूपी पुलिस के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि जो भी अवैध विदेशी नागरिक पाए जाएं, उन पर विदेशी और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। ये विदेशी सिर्फ ड्रग माफिया का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि इनके संबंध देश विरोधी ताकतों से भी हो सकते हैं।
सरकार ने 1 सितंबर से नए इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 को लागू किया है, जिससे विदेशियों पर निगरानी और कड़ी हो जाएगी। यह कदम नशा मुक्त भारत-2047 पहल के तहत लिया गया है।
बरेली में इंजीनियर ने फर्जी आधार कार्ड सॉफ्टवेयर बनाकर 2000 से अधिक लोगों को ठगा, एसटीएफ ने गिरफ्तार किया
बरेली। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बरेली के जयवीर गंगवार नामक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया है, जिसने आधार कार्ड बनाने का फर्जी सॉफ्टवेयर बनाकर करीब 2000 से ज्यादा लोगों से 1500-1500 रुपये लेकर धोखाधड़ी की।
जयवीर ने नोएडा की एक आईटी कंपनी में नौकरी करते हुए यह सॉफ्टवेयर तैयार किया। बाद में नौकरी छोड़ कर उसने फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर विज्ञापन जारी किया कि उसके सॉफ्टवेयर से आधार कार्ड बनाए जा सकते हैं। लोगों ने रुचि दिखाई और जयवीर को पैसे भेजने लगे।
एसटीएफ के अनुसार, जयवीर ऑनलाइन एनीडेस्क एप के जरिए खरीदारों के कंप्यूटर में यह फर्जी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करता था। बाद में यह सॉफ्टवेयर काम नहीं करता था। जब लोग शिकायत करने लगे तो जयवीर नई वजह बता कर पैसों की मांग करता था और फिर फोन भी बंद कर देता था।
पुलिस ने जयवीर के पास से लैपटॉप, मोबाइल, चार एटीएम कार्ड और कई नकली आधार कार्ड बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि जयवीर ने उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात सहित कई राज्यों के लोगों को ठगा है।
एसटीएफ ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध सॉफ्टवेयर को न खरीदें और अपनी जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
जयवीर के खिलाफ धोखाधड़ी, आइटी एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।
मुरादाबाद: प्रसवोत्तर मेनोविकृति की शिकार महिला ने 15 दिन के नवजात को फ्रीजर में रखा
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मुरादाबाद। करुला इलाके की 24 वर्षीय महिला, जो प्रसवोत्तर मनोविकृति (पोस्टपार्टम साइकोसिस) की शिकार है, ने अपने 15 दिन के नवजात बेटे को फ्रीजर में रख दिया। करीब पंद्रह मिनट बच्चे के रोने की आवाज सुनकर परिवार के सदस्यों ने आनन-फानन फ्रीजर का दरवाजा खोला और मासूम को बाहर निकाला।
मनोचिकित्सक डॉ. कार्तिकेय गुप्ता के मुताबिक, महिला को प्रसव के बाद पोस्टपार्टम साइकोसिस नामक गंभीर मानसिक समस्या हुई थी, जिसके चलते वह वास्तविकता से संपर्क खो बैठी थी। वह अपने बच्चे से ही डरती और उसे नुकसान पहुंचाने का भ्रम रखती थी।
परिवार के अनुसार, महिला ने कुछ दिन तक अजीब व्यवहार दिखाया, जिसके कारण परिवार ने झाड़-फूंक आदि उपाय भी किए, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद महिला को विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास ले जाया गया और उसका इलाज शुरू हुआ।
डॉक्टरों ने बताया कि इस स्थिति में महिला को भ्रम, अवसाद, और नींद न आने जैसी समस्याएं होती हैं। उनके इलाज में समय लगता है लेकिन महिला की हालत अब धीरे-धीरे सुधर रही है।
मौके पर परिवार और पड़ोसी स्तब्ध थे, क्योंकि यह घटना सभी के लिए चौंकाने वाली थी। बच्चे की जान बच जाने से परिवार ने राहत की सांस ली।
इस मामले ने प्रसवोत्तर मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता की जरूरत को एक बार फिर सामने रखा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि समाज को महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और समय पर चिकित्सा सहायता देने की जरूरत है ताकि ऐसे खतरनाक हालात पैदा न हों।
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हापुड़ में दो आधार कार्ड से दूसरी पाली में पीईटी परीक्षा देते हुए पकड़ा गया परीक्षार्थी
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हापुड़। रविवार को हापुड़ के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) परीक्षा केंद्र पर सहारनपुर के एक परीक्षार्थी सुनील कुमार प्रजापति को पकड़ा गया, जो शनिवार को मेरठ में भी पीईटी की परीक्षा दे चुका था। शुरुआती जांच में पाया गया कि उसने दोनों परीक्षाओं में अलग-अलग नाम और जन्मतिथि के आधार पर हिस्सा लिया।
सुनील कुमार प्रजापति ने मेरठ के कृष्णा देवी इंटर कॉलेज में शनिवार को अपनी पहली परीक्षा दी थी। इसके बाद रविवार को हापुड़ के डीपीएस में दूसरी पाली की परीक्षा देते हुए पकड़ा गया। दोनों इलाकों में उसके द्वारा प्रयोग किए गए एडमिट कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी अलग-अलग पाई गई।
पुलिस ने बताया कि वह सहारनपुर के उमरी गांव का निवासी है और उसने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा भी दो-दो बार दी है। दो जन्म प्रमाण पत्र रखने की बात सामने आई है। इसके आधार पर यह स्पष्ट हो गया कि उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए विद्द्यालयीन परीक्षा फार्म भरे।
सूचना मिलते ही एडीएम संदीप सिंह, एसडीएम ईला प्रकाश समेत पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंच गए और सुनील कुमार को दबोच लिया। इस मामले में जांच जारी है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हापुड़ प्रशासन ने परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता बरतने का दावा किया है।
22 सितंबर से देशी घी पर टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा, लेकिन कीमतें बढ़ने से ग्राहकों को लाभ नहीं मिलेगा
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कानपुर। जीएसटी काउंसिल ने देशी घी पर टैक्स दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया है, जो 22 सितंबर से लागू होगा। हालांकि स्थानीय ब्रांड निर्माताओं द्वारा कच्चे माल की आपूर्ति में कमी और बढ़ती लागत के कारण 15 किलो के टिन की कीमतों में 700 से 1000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो चुकी है, जिससे ग्राहकों को इस टैक्स कटौती का कोई खास लाभ नहीं मिलेगा।
घी के निर्माता माघौगढ़, पंजाब, हरियाणा, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आई बाढ़ को कारण बताते हुए कहते हैं कि पशु और चारा कम होने से दूध की उपलब्धता बाधित हुई है और कच्चे माल की कीमतें बढ़ रही हैं। इसके चलते देशी घी के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं।
अमूल, नमस्ते इंडिया, और ज्ञान डेयरी जैसे बड़े ब्रांड अभी भी पुराने दामों पर अपने उत्पाद बेच रहे हैं, जो फुटकर बाजार में 600 से 650 रुपये प्रति किलो के आसपास उपलब्ध हैं।
बढ़ी हुई कीमतें उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बनी हैं, खासतौर पर तब जब टैक्स दरों में कमी आई है। व्यापारियों को भी पुराने स्टॉक के कारण दाम कम करना कठिन हो रहा है।
माघौगढ़ देशी घी के निदेशक अंकित गुप्ता ने कहा कि बाढ़ के कारण कच्चे माल की कमी और परिवहन बाधित होने से उत्पादन लागत बढऩे लगी है, इसलिए भाव बढ़ाना पड़ा है।
फिलहाल, 22 सितंबर से नए टैक्स रेट लागू होंगे, लेकिन बाजार में बदलाव आने में कुछ समय लग सकता है।


