Uttar Pradesh News 26Oct2025

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेरठ सेंट्रल मार्केट के 35 साल पुराने अवैध कॉम्प्लेक्स का ध्वस्तीकरण: सैकड़ों परिवारों के अरमान मलबे में दबे, व्यापारियों में आक्रोश

Uttar Pradesh News 26Oct2025/sbkinews.in

मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित सेंट्रल मार्केट में बने 661/6 नंबर के अवैध व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आखिरकार ध्वस्त कर दिया गया। करीब 35 वर्षों से चल रही कानूनी लड़ाई और प्रशासनिक विवाद के बाद शनिवार को जेसीबी मशीनों ने इस बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स को ढहाना शुरू किया। इस कॉम्प्लेक्स में कुल 22 दुकानें थीं, जो स्थानीय व्यापारियों के लिए रोज़ी-रोटी और वर्षों की मेहनत का जरिया थीं। कोर्ट की सख्ती के कारण शुक्रवार रात ही सभी दुकानों को खाली कराया गया और ध्वस्तीकरण के लिए भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया।

जहाँ एक ओर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए कार्रवाई पूरी की, वहीं दूसरी ओर व्यापारियों और उनके परिवारों की आँखों से आंसू थम नहीं रहे थे। कई परिवार अपने टूटे सपनों को लेकर मौके पर बैठे रहे, वहीं महिलाओं ने अधिकारियों से हाथ जोड़कर कार्रवाई रोकने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोर्ट के आदेश ने किसी की नहीं सुनी।

यह मामला वर्ष 1990 में भूमि के आवासीय उपयोग के स्थान पर पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिये अवैध व्यावसायिक निर्माण शुरू होने से खड़ा हुआ। वर्षों तक उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाओं, अवमानना नोटिसों और आरटीआई खुलासों के कारण यह विवाद उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित निर्माण विवादों में शामिल रहा। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि तीन महीने में बाजार खाली किया जाए और अवैध निर्माण दो सप्ताह में ध्वस्त किया जाए। अब इसी इलाके में आवासीय भूमि पर बने 31 अन्य व्यवसायिक निर्माणों को भी नोटिस भेजा गया है और शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी।

ध्वस्तीकरण की इस कार्रवाई के लिए प्रशासन ने 86 लाख रुपये का टेंडर पास किया, और लखनऊ की एक कंपनी को जिम्मेदारी सौंप दी। इस कानूनी फैसले से सेंट्रल मार्केट में सन्नाटा और व्यापारियों में भारी आक्रोश है, जिनके व्यवसाय, खुशियाँ और सालों की मेहनत अब सिर्फ यादों में रह गई हैं।

पराली जलाने वालों पर प्रशासन का सख्त शिकंजा: सीतापुर और सुलतानपुर में भारी जुर्माना और सरकारी योजनाओं से वंचित करने की चेतावनी

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उत्तर प्रदेश के सीतापुर और सुलतानपुर जिलों में पराली जलाने पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत पराली जलाने वाले किसानों को न केवल भारी आर्थिक जुर्माना लगाया जा रहा है, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं से भी वंचित किया जाएगा।

सीतापुर में उप निदेशक कृषि डॉ. एसके सिंह ने किसानों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि पराली जलाने पर अर्थदंड के साथ-साथ उन्हें सरकारी योजनाओं, सुविधाओं और निधियों से भी वंचित किया जाएगा। वहीं, सुलतानपुर के मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने ग्राम प्रधानों को भी इस पूरे मामले में पूरी तरह उत्तरदायी बताया।

प्रशासन द्वारा गठित सेल में कृषि विभाग के कर्मचारी, लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, थाना अध्यक्ष और अन्य शामिल हैं, जो निरंतर मौके पर निरीक्षण कर निगरानी करेंगे। छोटे किसान जो दो एकड़ से कम फसल भूमि पर पराली जलाएंगे, उन पर प्रति घटना 5,000 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि दो से पांच एकड़ तक के किसानों पर 10,000 और उससे अधिक जमीन वालों पर 30,000 रुपए प्रति घटना जुर्माना लगाया जाएगा।

हालांकि, किसानों का कहना है कि पराली जलाना उनके लिए सबसे सस्ता और सुविधाजनक विकल्प है क्योंकि हल और मशीनों की महंगाई और उनकी कमी ने विकल्प सीमित कर दिए हैं। बड़ी मात्रा में किसानों को पहले भी जुर्माने का सामना करना पड़ा है, लेकिन इस बार प्रशासन ने इस मुद्दे पर विशेष सख्ती का इरादा जाहिर किया है।

इस पहल से न केवल प्रदूषण पर नियंत्रण मिलेगा, बल्कि किसानों को जागरूकता और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में भी प्रेरित किया जाएगा।

लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने पर वर्चस्व के विवाद में उग्र भीड़ ने किया पथराव, नौ पुलिसकर्मी, इंस्पेक्टर और दस ग्रामीण हुए घायल; हत्या के आरोपी छोड़ने पर तनाव

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लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में शनिवार को एक सफाईकर्मी अरुण रावत की संदिग्ध मौत को लेकर पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों के बीच तनाव उभरा। सफाईकर्मी की मौत मामले में आरोपी विकास रावत, अमन और विमला को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। इस मामले में आरोपी छोड़ दिए जाने के बाद नाराज लगभग 50 से अधिक ग्रामीण थाने के बाहर इकट्ठे हो गए और थाने का घेराव कर दिया।

ग्रामीणों ने पुलिस जवानों पर पथराव शुरू कर दिया, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस संघर्ष में इंस्पेक्टर प्रदीप यादव समेत नौ पुलिसकर्मी और दस ग्रामीण घायल हो गए। घायल सभी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अन्य थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और नौ लोगों को हिरासत में लिया गया।

अरुण रावत का शव मंगलवार को लखनऊ के कार्तिक गेस्ट हाउस में घायल अवस्था में मिला था। परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या होटल में रुके विकास रावत और अन्य पर की गई। इसके बाद से पुलिस की लचर कार्यवाही से नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

पुलिस ने बताया कि ग्रामीणों को समझाने का प्रयास हुआ, लेकिन वे हिंसक हो गए। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निपुण अग्रवाल ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सभी पक्षों से पूछताछ की जा रही है।

हाथरस के मंदिर में रखे परांडी लड्डू खाने से सेवादार महिला की मौत, 18 श्रद्धालु फूड प्वाइजनिंग से गंभीर; प्रशासन जांच में जुटा

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हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के माधुरी गांव में दीपावली के बाद मंदिर में रखे गए प्रसाद रूपी मलाई के लड्डू खाने से एक सेवादार महिला की मौत हो गई जबकि 18 अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला की मौत फूड प्वाइजनिंग को माना गया है।

घटना 21 अक्टूबर की रात हुई जब किसी अज्ञात व्यक्ति ने चामड़ पथवारी माता के मंदिर में मिठाई के दो डिब्बे रखे। अगले दिन से भक्तों ने इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। कुछ घंटों बाद सभी को उल्टी, दस्त और प्रदाह के लक्षण दिखने लगे। मौके पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और मंदिर से बचे लड्डुओं के सैंपलों को जांच के लिए ले गई।

मृतका के परिजन ने अज्ञात के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। चिकित्सकों ने बताया कि पीड़ितों का इलाज जारी है और स्थिति गंभीर देखी जा रही है। पुलिस भी पूर्ण जांच कर रही है कि कहीं किसी ने जानबूझकर जहर मिलाया है या खाना खराब था।

यह दुर्घटना स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य संस्थाओं के लिए एक चेतावनी है कि धार्मिक आयोजनों में स्वच्छता और सुरक्षा के इंतजामों को और मजबूत करना होगा, ताकि श्रद्धालुओं की जान जोखिम में न पड़े।

सर्पदंश से 13 साल पहले मृत घोषित किए गए किशोर दीपू की चमत्कारी वापसी, परिवार और गाँव में खुशी की लहर; आश्रम से गांव लौटाने से इनकार

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बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद थाना क्षेत्र के सूरजपुर टिकरी गांव में 13 साल पहले सर्पदंश से मृत घोषित किए गए 13 वर्षीय दीपू सैनी के जीवित लौटने की खबर से पूरे इलाके में खुशी और आश्चर्य का माहौल है। दीपू की माँ सुमन देवी और परिवार के अन्य सदस्यों को हरियाणा के पलवल स्थित बंगाली नाथ बाबा के आश्रम में देखने के बाद खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

दीपू करीब 13 साल पहले भूसे की कोठरी से दरांती निकालते समय सांप के काटने से गंभीर रूप से घायल हुआ था और मृत घोषित कर दिया गया। परिवार ने उसका शव गंगा नदी में बहा दिया, लेकिन सपेरों ने उसे हरियाणा के आश्रम में जीवित पाया। आश्रम में बाबा बंगाली नाथ ने दीपू के सिर से बाल उखाड़कर उसकी जाँच की और आश्चर्यजनक रूप से वह जीवित निकला। इसके बाद दीपू को बंगाल स्थित गुरु के पास आगे के इलाज के लिए ले जाया गया, जहाँ उसकी हालत सुधरी और वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया।

हालांकि, दीपू को वापस उसके घर भेजने से आश्रम के बाबा ने इनकार कर दिया और कहा कि वह खुद दीपू को लेकर उनके घर आएंगे। गांव में दीपू की वापसी से परिजन और गांववालों में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन यह खुशी अधूरी रह गई क्योंकि बाबा उसे वापस अपने साथ ले गए।

दीपू की पहचान कान के पीछे के निशान से हुई है और यह मामला ग्रामीणों के लिए आश्चर्य और उम्मीद दोनों लेकर आया है। दीपू पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा है और उसके परिवार का वर्षों से उसकी प्रतीक्षा का यह सुखद अंत है।

कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर मुंबई से आई इंडिगो फ्लाइट में तकनीकी खराबी के कारण आधे घंटे तक फंसे यात्री, दरवाजे नहीं खुले; विमान ने दोबारा उड़ान भरी

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कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर शनिवार को मुंबई से आई इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-824 में तकनीकी खराबी के कारण विमान के दरवाजे लगभग 30 मिनट तक नहीं खुले और यात्री डरे-सहमे विमान के अंदर फंसे रहे। इस फ्लाइट में करीब 215 यात्री सवार थे। फ्लाइट दोपहर 2:18 बजे मुंबई से उड़ान भरी और निर्धारित समय से लगभग 38 मिनट देर से 3:58 बजे कानपुर पहुंची।

पायलट द्वारा लैंडिंग के दौरान विमान में आई तकनीकी समस्या के कारण सुरक्षा के लिहाज से फ्लाइट को दोबारा ऊंचाई पर ले जाया गया और करीब 20 मिनट आसमान में चक्कर लगाया गया, ताकि विमान का ईंधन घटे। इसके बाद जहाज सुरक्षित रूप से रनवे पर उतरा, लेकिन दोनों दरवाजे लॉक हो गए। यात्रियों ने विमान के अंदर डरी हुई स्थिति में अपनी तकलीफ जताई, खासतौर पर बच्चे घबराए। एयर होस्टेस ने यात्रियों को धैर्य रखने की सलाह दी।

इंजन को कूल डाउन करना इस घटना का मुख्य कारण था, क्योंकि नए तकनीकी मानकों के अनुसार इंजन बंद होने पर ही दरवाजे खोले जाते हैं। लगभग 20 मिनट के बाद जब इंजन ठंडा हुआ, तब दरवाजे खुले और यात्रियों को उतारा गया।

विमान ने इसके बाद शाम 5:30 बजे मुंबई के लिए पुनः उड़ान भरी। स्टेशन मैनेजर पंकज पांडेय ने बताया कि यह सामान्य प्रक्रिया है और विमान में कोई बड़ी तकनीकी खराबी नहीं हुई। गत महीने भी इसी एयरपोर्ट पर इंडिगो फ्लाइट में चूहा घुसने की घटना हुई थी, जिससे उड़ान में देरी हुई थी।

यह घटना यात्रियों के लिए डरावना अनुभव रही, लेकिन सुरक्षा मानकों के कारण यह जरूरी था।

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