इलाहाबाद हाई कोर्ट का सख्त आदेश: प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करें, बच्चों के शिक्षा अधिकार से न हो खिलवाड़

Uttar pradesh News today 19Oct2025/sbkinews.in
प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार, मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) को निर्देश दिया है कि प्रदेश के सभी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। कोर्ट ने कहा कि शिक्षक बच्चों की शिक्षा का आधार हैं, उनकी अनुपस्थिति बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के. गिरि ने बांदा की शिक्षिका इंद्रा देवी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम लागू करना चाहिए ताकि शिक्षकों की उपस्थिति का ऑनलाइन निगरानी हो सके। इसके अलावा, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे कम उपस्थिति या अनुपस्थिति की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
बांदा जिले के डीएम और बीएसए से कोर्ट ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने कहा कि शिक्षक का स्थान समाज में अत्यंत सम्माननीय है। उन्होंने शास्त्रों का उल्लेख करते हुए कहा – “गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वर” – शिक्षा का प्रकाश गुरु के बिना अधूरा है।
सुनवाई के दौरान यह भी उल्लेख हुआ कि शिक्षकों की गैरहाजिरी के कारण मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन हो रहा है। प्रदेश के गरीब व वंचित तबके के बच्चों के शिक्षा पाने के अधिकार पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सरकार को स्कूलों में अनुशासन बहाल करना ही होगा ताकि आने वाली पीढ़ी के भविष्य को मजबूत किया जा सके।
10 दिन से लापता कार चालक सुहेब की हत्या का खुलासा: शामली में जली मिली कार, सहारनपुर के जंगल में सड़ी-गली हालत में मिला शव, परिवार में कोहराम

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मुजफ्फरनगर/सहारनपुर। जिले के गांव खुड्डा निवासी 22 वर्षीय कार चालक सुहेब पुत्र शराफत की रहस्यमयी गुमशुदगी अब दर्दनाक हत्या में तब्दील हो गई है। दस दिन पहले लापता हुआ सुहेब शुक्रवार देर रात सहारनपुर जिले के बिहारीगढ़ थाना क्षेत्र के मोहंड चौकी के पास जंगल में सड़ी-गली हालत में मृत मिला, जबकि उसकी कार तीन दिन पहले शामली जनपद के झिंझाना क्षेत्र से जली हालत में बरामद हुई थी।
पुलिस और परिजनों ने शव की पहचान सुहेब के पैर के अंगूठे पर चोट के निशान से की। परिजनों का आरोप है कि अज्ञात लोगों ने उसकी हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया। घटना से पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, सुहेब 7 अक्टूबर की शाम करीब सात बजे अपनी वर्ना कार बुकिंग पर लेकर घर से निकला था। इसके बाद उसका संपर्क टूट गया। परिवार ने 10 अक्टूबर को छपार थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस लगातार तलाश में जुटी थी, मगर सुहेब का मोबाइल अंतिम बार सहारनपुर जिले के बिहारीगढ़ क्षेत्र में लोकेट हुआ था। इसके बाद कोई सुराग नहीं मिला।
बीती रात खेत में मिले शव की सूचना पर छपार थाना प्रभारी मोहित सहरावत और परिजन मौके पर पहुंचे। prima facie आशंका जताई जा रही है कि सुहेब की हत्या उसी दिन कर दी गई थी, और उसकी कार को साक्ष्य मिटाने के लिए झिंझाना क्षेत्र में जला दिया गया।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जिसके बाद शनिवार शाम को गांव में दफनाया गया। छपार थाना प्रभारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु का कारण स्पष्ट होगा, फिलहाल यह मामला हत्या में तरमीम किया जा रहा है और पुलिस टीमें हत्यारों की तलाश में जुट गई हैं।
गैंगस्टर कादिर पर बड़ी कार्रवाई: पुलिस ने 10 करोड़ की संपत्ति जब्त की, नशा तस्करी से अर्जित संपत्तियों पर नोटिस, मुनादी कर लगाई रोक

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मुजफ्फरनगर/शामली। जिले में नशा तस्करी नेटवर्क के खिलाफ पुलिस और प्रशासन की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। नशीले पदार्थों की तस्करी और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त गैंगस्टर अब्दुल कादिर पुत्र जुल्फकार निवासी ग्राम जिजौला, थाना झिंझाना (शामली) की करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली गई। कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई, जिसमें संबंधित संपत्तियों की बिक्री और लेनदेन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
बुढ़ाना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुभाष अत्री ने बताया कि 19 अगस्त को अब्दुल कादिर को 1 किलोग्राम से अधिक स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था। जांच में सामने आया कि कादिर और उसके सहयोगी शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बागपत जिलों में स्मैक की तस्करी करते थे। पकड़े जाने के बाद एसएसपी के आदेश पर उसकी अवैध कमाई से खरीदी संपत्तियों की जांच शुरू हुई।
पुलिस जांच में पाया गया कि अब्दुल कादिर और उसके परिजनों के नाम पर विभिन्न जिलों में महंगी संपत्तियां हैं। इनमें मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में 546.55 वर्ग मीटर आवासीय भूखंड और 0.068 हेक्टेयर कृषि भूमि, सहारनपुर में 156.8 वर्ग मीटर का दो मंजिला मकान, और बागपत में 344.44 वर्ग मीटर का भूखंड शामिल हैं।
एसएसपी द्वारा तैयार रिपोर्ट पर जिलाधिकारी न्यायालय ने 15 अक्टूबर को संपत्तियां जब्त करने का आदेश जारी किया, जिसके बाद शनिवार को पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम ने मौके पर जाकर मुनादी कराई और सभी संपत्तियों पर नोटिस बोर्ड चस्पा किए। अधिकारियों के अनुसार, इन संपत्तियों का कुल अनुमानित मूल्य लगभग 10 करोड़ रुपये है।
नायब तहसीलदार ने बताया कि जब्त संपत्तियों को बेचने, खरीदने या नष्ट करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। यह कार्रवाई जिले में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे “ऑपरेशन शुद्ध” का हिस्सा है। पुलिस अब कादिर के सहयोगियों की खोज में जुट गई है।
बागपत में सनसनी: सैलून संचालक के 12 वर्षीय बेटे आरिश की चाकू से गोदकर हत्या, बोरे में बंद शव मिला ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के पास

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बागपत। जिले के खेकड़ा थाना क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। कस्बे के सैलून संचालक के 12 वर्षीय इकलौते बेटे आरिश की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोपितों ने किशोर को चाकू से गोदकर मार डाला और फिर उसका शव बोरे में बंद कर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) के पास जंगल में फेंक दिया। घटना से पूरे इलाके में खौफ और आक्रोश छा गया है।
जानकारी के अनुसार, मृतक आरिश, कोतवाली खेकड़ा क्षेत्र के रटौल कस्बे में रहने वाले सैलून संचालक कय्यूम का एकमात्र बेटा था। परिवार मूल रूप से गाजियाबाद के रहीसपुर गांव का निवासी है और हाल में रटौल में किराए पर रह रहा था। गुरुवार शाम आरिश कस्बे में एक बारात की चढ़त देखने गया था, इसके बाद से ही वह लापता हो गया।
परिजनों के अनुसार, आरिश को आखिरी बार निगार फार्म हाउस के पास रात करीब आठ बजे देखा गया था। परिजनों ने पूरी रात उसकी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। शुक्रवार सुबह कय्यूम ने रटौल चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
शनिवार को मुबारिकपुर निवासी मंगू त्यागी ने पुलिस को सूचना दी कि उसके खेत के पास एक बोरे में किसी बच्चे का शव पड़ा है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और किशोर की पहचान आरिश के रूप में हुई। उसकी गर्दन और शरीर पर कई जगह चाकू के घाव पाए गए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उसकी निर्मम हत्या की गई है।
एएसपी और सीओ ने मौके का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए और फोरेंसिक टीम से जांच कराई। शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि हत्या का खुलासा जल्द किया जाएगा और आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
शहर में मासूम आरिश की हत्या से मातम पसरा है। लोग इस वारदात को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
CBSE का बड़ा डिजिटल निर्णय: अब डिजिलॉकर से ही मिलेगा माइग्रेशन सर्टिफिकेट, हार्ड कॉपी प्रणाली हुई समाप्त

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अलीगढ़। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त कर दी है। अब छात्रों को यह सर्टिफिकेट केवल डिजिलॉकर (DigiLocker) के माध्यम से ऑनलाइन डाउनलोड करना होगा। यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को और मजबूती प्रदान करेगा।
CBSE द्वारा जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, कक्षा 10 और 12 दोनों वर्गों के विद्यार्थियों को अब माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए डाक या स्कूल से हार्ड कॉपी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्टूडेंट्स अपने Aadhaar लिंक डिजिलॉकर अकाउंट में CBSE डॉक्यूमेंट सेक्शन से यह सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकेंगे।
हालांकि, बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट पूर्व की भांति विद्यार्थियों के स्कूल के माध्यम से हार्ड कॉपी में भी उपलब्ध रहेंगे। मगर माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए अब कोई भौतिक कॉपी जारी नहीं की जाएगी।
पहले छात्रों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने में लंबी प्रक्रिया और प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। कई बार आवेदन शुल्क और समय दोनों व्यर्थ होते थे। अब डिजिलॉकर की सुविधा से देशभर के लाखों छात्रों को बिना देरी व बिना शुल्क सर्टिफिकेट तुरंत प्राप्त हो सकेगा।
CBSE का यह डिजिटल परिवर्तन परीक्षा परिणामों और प्रमाणपत्र वितरण की पारदर्शिता को भी बढ़ाएगा। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय न केवल छात्रों के लिए सुविधाजनक है बल्कि पारदर्शी और पर्यावरण हितैषी प्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम है।
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनेगा पानीपत-गोरखपुर हाईस्पीड कॉरिडोर, 22 जिलों से होकर गुजरेगा 750 किमी लंबा मार्ग; मार्च तक शुरू होगा निर्माण कार्य

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लखनऊ। उत्तर भारत की सबसे बड़ी परिवहन परियोजनाओं में से एक पानीपत-गोरखपुर हाईस्पीड कॉरिडोर (एक्सप्रेसवे) पर अब काम शुरू होने वाला है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस मेगा परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) लगभग तैयार कर ली है। मार्च 2026 तक इसके निर्माण कार्य की शुरुआत किए जाने की तैयारी है।
एनएचएआई सूत्रों के अनुसार, एक्सप्रेसवे के डीपीआर को अंतिम रूप देने से पहले उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उच्चस्तरीय बैठक होगी। सरकार की सलाह के अनुसार यदि किसी संशोधन की आवश्यकता हुई तो डीपीआर उसमें बदलावों के साथ अगले महीने तक मंजूरी के लिए भेज दी जाएगी।
यह 750 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे हरियाणा के पानीपत से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, मेरठ, अमरोहा, संभल, बरेली, रामपुर, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर होते हुए गोरखपुर तक जाएगा। इसे 10 पैकेजों में विभाजित कर तैयार किया जाएगा ताकि निर्माण का काम तेज गति से पूरा किया जा सके।
यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह कंट्रोल एक्सेस होगा यानी वाहन केवल तय इंटरचेंज पॉइंट्स से ही चढ़ और उतर सकेंगे। परियोजना पूरी होने पर उत्तर भारत के भीड़भाड़ वाले मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव काफी घटेगा और हरियाणा से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक का सफर पांच घंटे कम होगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मार्ग आगे गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच हाईस्पीड कनेक्टिविटी स्थापित होगी। इससे औद्योगिक विकास, व्यापारिक गतिविधियों और पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा।
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि मार्च 2026 तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर कार्य अवार्ड कर दिया जाएगा, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण कार्य तय समय पर शुरू किया जा सके।


