पहली बार बदरीनाथ मंदिर में जलेंगे 12 हजार दीये, केदारनाथ में भी होगा भव्य दीपोत्सव; दोनों धाम फूलों और रोशनी से जगमगाएंगे
Uttarakhand News 21Oct2025/sbkinews.in
इस दीपावली पर बदरीनाथ और केदारनाथ धामों में एक विशेष भव्य दीपोत्सव आयोजित किया जा रहा है, जो धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए उत्साह और आस्था का बड़ा आयोजन है। बदरीनाथ मंदिर में पहली बार लगभग 12,000 दीप जलाने की तैयारी की गई है, जिससे पूरी घाटी प्रकाशमान हो जाएगी। इस अवसर पर माता लक्ष्मी को 56 भोग अर्पित किए जाएंगे, जो पर्व की भव्यता और धार्मिक महत्ता को दर्शाता है।
केदारनाथ मंदिर में भी दीपोत्सव के माध्यम से दिवाली की रौनक बिखेरने के लिए फूलों से सजावट की गई है और साथ ही हजारों दीप जलाए जाएंगे। इन दोनों धामों के मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विशेष इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और सहज रूप से पूजा-अर्चना कर सकें।
धार्मिक आयोजनों की इस भव्यता के बीच स्थानीय प्रशासन ने भी यातायात और व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए एहतियात बरते हैं। पुलिस और सुरक्षा कर्मी सदैव तैनात रहेंगे ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
यह दीपोत्सव न केवल धार्मिक श्रद्धा को ऊपर उठाएगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रूप से पूरी घाटी को रोशनी और सौंदर्य से भर देगा।
पीएम पोषण योजना में बालकों को पांच साल पुराना एक्सपायरी दूध भेजने की गंभीर लापरवाही, पिथौरागढ़ के अभिभावकों में चिंता और आक्रोश
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पिथौरागढ़। प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत बच्चों को वितरित किए जाने वाले दूध में भारी अनियमितता सामने आई है। पिथौरागढ़ जिले के विद्यालयों में पांच साल पुराना एक्सपायरी दूध बच्चों को भेजा गया, जिसे अभिभावकों ने समय रहते पकड़ लिया। दीपावली के अवकाश के कारण बच्चों ने दूध का सेवन नहीं किया, लेकिन यह लापरवाही उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकती थी।
पीएम पोषण योजना के तहत फोर्टीफाइड दूध पाउडर की आपूर्ति आंचल अमृत योजना प्लांट रुद्रपुर, ऊधम सिंह नगर के जरिए की जाती है। हाल ही में विद्यालयों में वितरित किए गए दूध के पैक पर 2020 की एक्सपायरी तिथि दर्ज थी, जबकि उत्पादन तिथि 2025 की रिपोर्ट की गई। यह विरोधाभास तब सामने आया जब शिक्षक और अभिभावक दूध के पैकेटों को देखकर हैरान रह गए।
रुद्रपुर प्लांट के प्रभारी ने मुख्य शिक्षाधिकारी को पत्र भेजकर प्रिंटिंग की गलती को स्वीकार किया है और माफी मांगी है। उन्होंने भरोसा दिया कि भविष्य में ऐसी चूक नहीं होगी। खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी मामला संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी है और दूध के सैंपलों की लैब जांच कराई जाएगी।
अभिभावकों ने सरकार और संबंधित विभागों से कड़ी कार्रवाई की मांग की है क्योंकि बच्चों की सेहत से खिलवाड़ के मामले बेहद गंभीर हैं। विशेषज्ञ भी इस पर चिंता जता रहे हैं कि अगर दूध का सेवन हो जाता तो बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता था।
यह मामला देश भर में चल रही पीएम पोषण योजना की निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण की कमजोरियों को उजागर करता है। शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को मजबूती से इन खामियों को दूर करने की जरूरत है ताकि बच्चों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित किया जा सके।
दीपोत्सव 2025: केदारनाथ में 15,000 और बदरीनाथ धाम में 12,000 दीयों से भव्य दीपोत्सव, मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया गया
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बदरीनाथ और केदारनाथ धामों में इस दीपावली पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया, जो श्रद्धालुओं के लिए यादगार अनुभव रहा। केदारनाथ में पहली बार 15,000 दीयों को प्रज्वलित किया गया, जिससे पूरे मंदिर परिसर में दिव्यता और भक्तिमय वातावरण बन गया। बदरीनाथ धाम में भी पहली बार 12,000 दीयों की रोशनी से धाम जगमगा उठा, साथ ही माता लक्ष्मी को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए।
दोनों धामों को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के सहयोग और तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय हक-हकूकधारियों एवं बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के संयुक्त प्रयासों से केंद्रीय रूप से सजाया गया। मंदिर परिसर, मार्ग और आसपास के क्षेत्रों को 12 क्विंटल फूलों से खूबसूरती से सजाया गया, जो श्रद्धालुओं के बीच उत्साह का बड़ा कारण बना।
दीपावली के दौरान यह दीपोत्सव 20 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलेगा, जिसके दौरान मंदिरों में पूजा-अर्चना, आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और सुगमता से दर्शन कर सकें।
केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद होंगे, जिससे श्रद्धालुओं ने विशेष श्रद्धा और उत्साह के साथ दीपोत्सव में भाग लिया। यह आयोजन धार्मिक परंपराओं को जीवित रखने और सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने का एक अहम प्रयास है।
नैनीताल में ओल्ड लंदन हाउस में फिर भीषण आग, लाखों का नुकसान; दो माह पहले हुई भीषण अग्निकांड में एक बुजुर्ग महिला की मौत
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नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में स्थित इतिहासिक ओल्ड लंदन हाउस में सोमवार देर रात एक बार फिर आग लग गई। आग का कारण फिलहाल अज्ञात है लेकिन अधिकारियों को शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई गई है। दमकल विभाग की 16 गाड़ियों ने लगभग सवा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। वहीं इस आग से लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
इस बिल्डिंग में पहले भी 27 अगस्त को अग्निकांड हुआ था जिसमें 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला शांति बिष्ट की जलकर मौत हो गई थी। उस आग में बिल्डिंग के दूसरे और तीसरे फ्लोर को भी भारी नुकसान पहुंचा था। दो माह बाद हुई इस अग्निकांड ने हर किसी को सकते में डाल दिया है और लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
दमकल विभाग के अधिकारी आग लगने के कारणों की गहन जांच कर रहे हैं। वहीं यह भी सामने आया है कि आग बुझाने के लिए प्रयुक्त फायर हाइड्रेंट सूखे मिले, जिससे बुझाने में अतिरिक्त मुश्किल हुई। आग लगने के तुरंत बाद आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई थी, लेकिन किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली।
स्थानीय प्रशासन आग लगने की पूरी घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इस घटना ने नैनीताल के विरासत भवनों की सुरक्षा और रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीवाली पर सहस्त्रधारा के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण, लिया नुकसान का जायजा और प्रभावित परिवारों से की मुलाकात
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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीपावली के अवसर पर सोमवार को सहस्त्रधारा क्षेत्र के आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने मझाड़ा गांव में प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और शीघ्र राहत व पुनर्निर्माण कार्यों के लिए आश्वासन दिया।
धामी ने अधिकारियों को पुनर्निर्माण में गुणवत्ता बनाए रखने तथा कार्यों को समय पर पूरा करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित हर व्यक्ति की पीड़ा सरकार की प्राथमिकता है। साथ ही उन्होंने विस्थापित परिवारों के लिए वैकल्पिक आवास तथा किराये की सहायता सुनिश्चित करने का भरोसा दिया।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों से मिलकर दिवाली की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि दीपावली सिर्फ प्रकाश का त्योहार नहीं बल्कि संवेदनशीलता और एकता का प्रतीक भी है।
बादलों के फटने, भारी बारिश और भूस्खलन से हुए भयंकर नुकसान के बाद यह दौरा प्रभावितों को मनोबल प्रदान करने तथा पुनर्वास कार्यों को तेजी से पूरा कराने के प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की सराहना करते हुए उनके पुनर्वास और राहत कार्यों की सफलता की कामना की।


