पौड़ी: गुलदार के जबड़े से पिता की अदम्य साहसिकता ने बचाई बेटे की जान, मौत को मात देकर लौटा लाया
Uttarakhand News 26August2025
संवाद सूत्र, कोटद्वार (पौड़ी)।
उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के कोटद्वार क्षेत्र में एक पिता की अतुल्य साहस और ममता ने मौत को मात दे दी। यहाँ ओदरीपुर बुग्याण गाँव में एक नाबालिग बच्चा अचानक एक गुलदार के जबड़े में फंस गया, लेकिन उसके पिता ने बिना किसी हथियार के ही गुलदार से जंग छेड़कर अपने बेटे की जान बचा ली। यह हैरतअंगेज घटना सोमवार शाम की है, जब गाँव के लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे।
जानकारी के अनुसार, घटना तब घटी जब बच्चा गाँव के करीब जंगल के किनारे खेल रहा था। इस दौरान वह एक शावक के पास पहुँच गया, जिसे देखकर उसकी माँ मादा तेंदुआ आक्रामक हो गई और उसने बच्चे पर धावा बोल दिया। गुलदार बच्चे को दबोचकर जंगल की ओर खींचने लगा। बच्चे की चीख सुनकर उसके पिता, जो उसी समय पास में ही लकड़ी काट रहे थे, वहाँ पहुँचे। उन्होंने देखा कि एक गुलदार उनके बेटे को दबोचे हुए है।
बिना एक पल गवाएं, पिता ने अपनी जान की परवाह किए बिना गुलदार पर हमला बोल दिया। उन्होंने गुलदार को पीट-पीटकर और चिल्ला-चिल्लाकर विचलित किया और आखिरकार उसके जबड़ों से अपने बेटे को छुड़ा लिया। इस पूरी घटना में पिता को भी हाथ-पैरों में चोटें आई हैं। बच्चे को तुरंत कोटद्वार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे की हालत अब स्थिर है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि यह मानव-वन्यजीव द्वंद्व की एक गंभीर घटना है। उन्होंने बताया कि जंगल के करीब रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और जंगली जानवरों के शावकों के पास जाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी माँ आक्रामक हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही वन विभाग की टीम गाँव वालों को सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूक करेगी।
गंगा में रिवर राफ्टिंग 15 सितंबर तक बंद, पर्यटकों को होगा इंतजार
Uttarakhand News 26August2025
ऋषिकेश: गंगा नदी में बढ़ते जलस्तर और मानसूनी बारिश के कारण रिवर राफ्टिंग गतिविधियाँ इस साल समय से पहले बंद कर दी गई हैं। आमतौर पर 30 जून तक चलने वाली राफ्टिंग इस बार 24 जून से ही रोक दी गई थी, और अब इसे 15 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के अनुसार, नदी का जलस्तर सुरक्षा मानकों से अधिक होने के कारण यह फैसला लिया गया है16.
क्यों लगी रोक?
पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे राफ्टिंग करना खतरनाक हो गया है। गंगा का पानी मटमैला होने और बाढ़ जैसी स्थितियों के चलते पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया16. समिति के सचिव जसपाल चौहान ने बताया कि सितंबर में जलस्तर की समीक्षा के बाद ही राफ्टिंग दोबारा शुरू की जाएगी6.
पर्यटन और व्यवसाय पर प्रभाव
इस फैसले का सीधा असर राफ्टिंग व्यवसाय और पर्यटन पर पड़ा है। ऋषिकेश में लगभग 262 राफ्टिंग कंपनियाँ हैं, जो 576 राफ्ट्स के साथ काम करती हैं। इनके संचालकों ने बताया कि इस साल पर्यटकों की संख्या पिछले साल के मुकाबले लगभग 50% कम रही, जिसमें जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले और ट्रैफिक जैसी समस्याएँ भी जिम्मेदार हैं6. राफ्टिंग बंद होने से हजारों व्यवसायी और पर्यटक प्रतीक्षा कर रहे हैं।
कब तक रहेगा बंद?
राफ्टिंग गतिविधियाँ 15 सितंबर के बाद ही शुरू हो पाएँगी, लेकिन यह नदी के जलस्तर पर निर्भर करेगा। टेक्निकल टीम सितंबर में गंगा के जलस्तर का निरीक्षण करेगी, और if the situation is normal, they will allow rafting to resume. पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे राफ्टिंग शुरू होने तक इंतजार करें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें36.
राफ्टिंग के दौरान सावधानियाँ
गाइड के निर्देशों का पालन करें – राफ्टिंग शुरू करने से पहले गाइड की बातों को ध्यान से सुनें और उनका सख्ती से पालन करें3.
सुरक्षा उपकरण पहनें – लाइफ जैकेट और हेलमेट हमेशा पहनकर रखें3.
घबराएँ नहीं – तेज लहरों के समय घबराने की बजाय गाइड की बातों पर ध्यान दें3.
आगे की योजना
पर्यटन विभाग और राफ्टिंग प्रबंधन समिति जलस्तर की नियमित निगरानी कर रही हैं। उम्मीद है कि सितंबर तक गंगा का जलस्तर सामान्य हो जाएगा और राफ्टिंग फिर से शुरू की जा सकेगी6. इस बीच, पर्यटकों को ऋषिकेश के अन्य आकर्षणों, जैसे योग और प्राकृतिक सौंदर्य, का आनंद लेने की सलाह दी जाती है।
आपदाग्रस्त थराली में भूस्खलन: लोगों ने भागकर बचाई जान, एसडीएम सहित कर्मचारियों में मची अफरा-तफरी
Uttarakhand News 26August2025
थराली (संवाद सूत्र):
उत्तराखंड के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। थराली में मंगलवार को भारी बारिश के चलते अचानक भूस्खलन हो गया। मलबा और पत्थर गिरते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए घरों और दुकानों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सुबह से ही क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही थी। इसी दौरान पहाड़ी दरकने से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर नीचे गिरने लगे। लोग किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन कई मकानों और रास्तों को नुकसान पहुंचा है।
भूस्खलन की सूचना पर प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया। प्रभावित क्षेत्रों में यातायात बाधित हो गया है। गांवों के संपर्क मार्ग बंद होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बारिश के साथ भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन से समय रहते स्थायी समाधान की मांग की जा रही है। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और बारिश के दौरान घरों से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।
नीलकंठ पैदल मार्ग पर बंदरों का आतंक, श्रद्धालु जंगल में भटके
Uttarakhand News 26August2025
ऋषिकेश :
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल नीलकंठ महादेव मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को सोमवार को उस समय भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जब पैदल मार्ग पर बंदरों के झुंड ने उन्हें दौड़ा लिया। अचानक हुए हमले से श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई और कई लोग जान बचाने के लिए घबराकर जंगल की ओर भाग गए। इस दौरान श्रद्धालु घंटों तक जंगल में भटकते रहे।
जानकारी के अनुसार, सावन माह में नीलकंठ महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। सोमवार को जैसे ही श्रद्धालु पैदल मार्ग से मंदिर की ओर बढ़ रहे थे, तभी बंदरों का एक झुंड उनके पीछे पड़ गया। बंदरों ने कई श्रद्धालुओं के हाथों से प्रसाद और सामान छीन लिया। अचानक हुए हमले से महिलाएं और बच्चे दहशत में आ गए।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और श्रद्धालुओं को सुरक्षित मार्ग पर ले जाया गया। हालांकि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन श्रद्धालुओं को घंटों तक परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कुछ समय से पैदल मार्ग पर बंदरों की संख्या बढ़ गई है। आए दिन बंदर श्रद्धालुओं के खाने-पीने का सामान छीनकर उन्हें डराते हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मार्ग पर वन विभाग की टीम तैनात की जाए ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
Uttarakhand News 26August2025/sbkinews.in


