उत्तराखंड में भूस्खलन से निपटने की नई पहल: जीएसआई लगाएगा अर्ली वार्निंग सिस्टम
Uttarakhand News 30August2025
देहरादून, ब्यूरो।
उत्तराखंड में बार-बार आने वाले भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अब वैज्ञानिक उपाय अपनाए जा रहे हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) राज्य में अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) लगाने जा रहा है।
प्रारंभिक चरण में यह सिस्टम चार जिलों — चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और टिहरी में स्थापित किया जाएगा। इन जिलों को भूस्खलन की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है।
कैसे करेगा काम?
अर्ली वार्निंग सिस्टम मिट्टी की नमी, वर्षा, भूगर्भीय हलचलों और ढलानों की स्थिरता पर लगातार नज़र रखेगा। किसी भी असामान्य गतिविधि के पाए जाने पर यह तुरंत सरकार और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट भेजेगा, ताकि समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके और बचाव कार्य तेजी से शुरू हो सके।
क्यों है ज़रूरी?
हर साल उत्तराखंड में मानसून और सर्दियों में भारी बारिश व बर्फबारी के कारण भूस्खलन से सड़कें बंद, घर ढहने और जनहानि जैसी घटनाएं होती हैं। हाल के वर्षों में केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम जाने वाले मार्गों पर भूस्खलन की घटनाओं ने यात्रियों को सबसे अधिक प्रभावित किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आपदा प्रबंधन में बड़ा बदलाव ला सकता है। इससे न केवल जनहानि कम होगी बल्कि राजमार्गों और धार्मिक यात्राओं के दौरान होने वाली परेशानियों को भी घटाया जा सकेगा।
सरकार का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को आगे चलकर राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।
उत्तरकाशी: पापड़गाड़ के उफान से क्यार्क गांव में हड़कंप, कई मकानों में दरारें
Uttarakhand News 30August2025
उत्तरकाशी, संवाददाता।
लगातार हो रही भारी बारिश ने उत्तरकाशी जिले के लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। क्यार्क गांव के पास बहने वाला पापड़गाड़ नाला अचानक उफान पर आ गया, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई।
कृषि भूमि को भारी नुकसान
तेज बहाव के चलते नाले का पानी खेतों में घुस गया और कई हेक्टेयर कृषि भूमि बह गई। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सालभर की मेहनत पानी में बह गई है।
मकानों में दरारें, गांव पर मंडराया खतरा
नाले के उफान और लगातार भूस्खलन से कई आवासीय घरों में बड़ी दरारें पड़ गई हैं। इससे ग्रामीण परिवारों को अपने घरों से निकलकर सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी। लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।
सड़क व पुल क्षतिग्रस्त
इस आपदा से क्यार्क गांव को जोड़ने वाला पैदल पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे आवाजाही प्रभावित हो गई। वहीं, गंगोत्री हाईवे पर भी पत्थर गिरने से घंटों यातायात बाधित रहा। तांबाखाणी सुरंग के पास लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जो राहगीरों और यात्रियों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं।
प्रशासन अलर्ट पर
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं और हालात का जायजा लिया। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नाले के किनारे न जाने की सलाह दी है।
उल्लेखनीय है कि उत्तरकाशी जिला हर साल बरसात के मौसम में भूस्खलन और नालों के उफान से प्रभावित होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार बारिश और पहाड़ों की कमजोर भूगर्भीय संरचना ऐसी घटनाओं को और गंभीर बना रही है।
भारी बारिश से उत्तराखंड में हाहाकार, सात की मौत, 11 की तलाश जारी
Uttarakhand News 30August2025
देहरादून, संवाददाता।
उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन ने एक बार फिर कहर बरपा दिया है। बीते 24 घंटों में अलग-अलग हादसों में सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
गढ़वाल और कुमाऊं में तबाही
सूत्रों के मुताबिक, गढ़वाल मंडल में चार लोगों की मौत हुई है, जबकि कुमाऊं क्षेत्र में तीन लोगों ने दम तोड़ा। मृतकों में एक बच्चा और एक दंपति भी शामिल है। हादसों से पूरे इलाके में मातम पसर गया है।
भूस्खलन और नदियों का उफान
लगातार बारिश से कई जगह भूस्खलन हुआ है और नाले-नदियाँ उफान पर हैं। कई ग्रामीण इलाकों में मकानों और खेतों को नुकसान पहुँचा है। वहीं, पहाड़ी मार्गों पर मलबा गिरने से सड़कें बंद हैं, जिससे राहत दलों को मौके तक पहुँचने में दिक्कतें आ रही हैं।
बिजली गिरने से मौतें
कई इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएँ भी हुईं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें भी लोगों की जान गई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल लगातार राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं। सेना और एसडीआरएफ की मदद से मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश का काम जारी है। वहीं, प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है।
सरकार का अलर्ट
मुख्यमंत्री ने जिला अधिकारियों को सतर्क रहने और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है।
उल्लेखनीय है कि हर साल बरसात के मौसम में उत्तराखंड के पहाड़ी जिले भूस्खलन, बादल फटने और नदियों के उफान से प्रभावित होते हैं। इस बार भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और ग्रामीणों में भय और अनिश्चितता का माहौल है।
कक्षा एक में न्यूनतम आयु का उल्लंघन करने पर स्कूल की मान्यता होगी रद्द, उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला
Uttarakhand News 30August2025
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सख्ती बरतते हुए साफ कर दिया है कि कक्षा एक (Class 1) में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु सीमा का पालन अनिवार्य है। शासन ने प्रस्ताव भेजते हुए कहा है कि अगर कोई स्कूल इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
क्या है नया नियम?
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) के अनुसार, कक्षा एक में प्रवेश पाने वाले बच्चे की न्यूनतम आयु 6 वर्ष तय की गई है। यह आयु एक जुलाई से पहले पूरी होनी चाहिए। यानी जो बच्चे 6 साल की उम्र पूरी नहीं करेंगे, उन्हें पहली कक्षा में दाखिला नहीं दिया जा सकेगा।
प्री-स्कूलों पर भी नजर
सरकार ने प्री-स्कूल (नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी) में भी आयु सीमा स्पष्ट की है। नर्सरी में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 3 वर्ष, एलकेजी के लिए 4 वर्ष और यूकेजी के लिए 5 वर्ष तय की गई है। शिक्षा विभाग का कहना है कि यह नियम बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि जो भी निजी या सरकारी स्कूल इस नियम का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। न सिर्फ आर्थिक दंड लगाया जाएगा बल्कि जरूरत पड़ने पर उनकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
क्यों जरूरी है आयु सीमा का पालन?
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सही आयु पर सही कक्षा में दाखिला बच्चों की मानसिक और शारीरिक वृद्धि के लिए बेहद जरूरी है। कम उम्र में ज्यादा पढ़ाई का बोझ बच्चों के स्वास्थ्य और सीखने की क्षमता पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
अभिभावकों के लिए संदेश
सरकार ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे जल्दबाजी में बच्चों को कम उम्र में दाखिला न दिलाएँ। सही उम्र पर कक्षा में प्रवेश दिलाने से बच्चों का आत्मविश्वास और सीखने की क्षमता बेहतर होगी।
शेयर कारोबारी लापता, 20 करोड़ से अधिक निवेश में हेराफेरी की आशंका
Uttarakhand News 30August2025
देहरादून। राजधानी देहरादून से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शेयर कारोबारी रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गया। बताया जा रहा है कि कारोबारी ने निवेशकों से लगभग 20 से 22 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के नाम पर जुटाए थे। अचानक उसके लापता होने से निवेशकों में हड़कंप मच गया है।
लापता कारोबारी की पत्नी ने पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस की शुरुआती जांच में उसकी अंतिम लोकेशन हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में मिली। वहीं से पुलिस ने उसकी कार और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। हालांकि कारोबारी का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच कई एंगल से की जा रही है। प्रथम दृष्टया यह मामला आर्थिक हेराफेरी और निवेशकों को धोखा देने से जुड़ा हो सकता है, लेकिन लापता होने के पीछे अन्य व्यक्तिगत कारणों की भी पड़ताल की जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कारोबारी पिछले कुछ महीनों से तनाव में था और उसने अपने करीबियों से भारी निवेश की रकम लौटाने की बात कही थी। इसके बावजूद अचानक उसका गायब हो जाना कई सवाल खड़े करता है।
फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है और बैंकिंग ट्रांजैक्शंस समेत सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है।
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